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माली तख्तापलट : पूर्व सैन्य शासक असिमी गोइता ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली - कर्नल असिमी गोइता

माली में पूर्व सैन्य शासक कर्नल असिमी गोइता ने सोमवार को कार्यवाहक सरकार के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है.

कर्नल असिमी गोइता
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Published : Jun 7, 2021, 10:15 PM IST

बमाको : माली में पूर्व सैन्य शासक (former military ruler) कर्नल असिमी गोइता (Col. Assimi Goita) ने सोमवार को कार्यवाहक सरकार के राष्ट्रपति (Acting Government President) के रूप में शपथ ली.

माली में सैन्य शासन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International community) द्वारा अलग-थलग किये जाने के बढ़ते दबाव के बीच राजधानी बमाको (Bamako) में शपथ ग्रहण समारोह हुआ. अफ्रीकी संघ (African Association) ने माली की सदस्यता को पहले ही निलंबित कर दिया है और फ्रांस ने गोइता पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाने के प्रयास में माली की सेना के साथ अपने संयुक्त सैन्य अभियानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.

गोइता ने अगस्त, 2020 में माली में हुए तख्तापलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे. गोइता को फरवरी 2022 में चुनाव कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कहा, भारत के साथ 'गलतफहमी' दूर हो गई

पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक (West African Regional Block) मध्यस्थता कर रहा है. इस ब्लॉक को पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (इकोवास) के रूप में जाना जाता है. इकोवास ने एक नए प्रधानमंत्री को तुरंत नामित करने और एक नई समावेशी सरकार बनाने का आह्वान किया है.

(पीटीआई-भाषा)

बमाको : माली में पूर्व सैन्य शासक (former military ruler) कर्नल असिमी गोइता (Col. Assimi Goita) ने सोमवार को कार्यवाहक सरकार के राष्ट्रपति (Acting Government President) के रूप में शपथ ली.

माली में सैन्य शासन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International community) द्वारा अलग-थलग किये जाने के बढ़ते दबाव के बीच राजधानी बमाको (Bamako) में शपथ ग्रहण समारोह हुआ. अफ्रीकी संघ (African Association) ने माली की सदस्यता को पहले ही निलंबित कर दिया है और फ्रांस ने गोइता पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाने के प्रयास में माली की सेना के साथ अपने संयुक्त सैन्य अभियानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.

गोइता ने अगस्त, 2020 में माली में हुए तख्तापलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे. गोइता को फरवरी 2022 में चुनाव कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

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पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक (West African Regional Block) मध्यस्थता कर रहा है. इस ब्लॉक को पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (इकोवास) के रूप में जाना जाता है. इकोवास ने एक नए प्रधानमंत्री को तुरंत नामित करने और एक नई समावेशी सरकार बनाने का आह्वान किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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