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आईएस ने माली सैनिक ठिकाने पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली

माली सेना पर एक नवंबर को हुए हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा आईएस ने कहा कि हमारे सैनिकों ने माली सैनिकों पर हमला किया है. इसके साथ ही उसने कहा कि उसके लड़ाकों ने फ्रांसीसी सेना के काफिले को निशाना बनाया था,इसमें एक फ्रांसीसी सैनिक की मौत हो गई थी. जानें विस्तार से...

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Nov 3, 2019, 9:07 AM IST

बमाको : देश के पूर्वोत्तर हिस्से में माली सेना के एक ठिकाने पर हुए 'आतंकवादी हमले' की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. एक नवंबर को हुए इस हमले 49 सैनिकों की जान चली गई थी. इसके साथ ही आईएस ने एक बम धमाके में भी अपनी भूमिका बताई है, इसमें एक फ्रांसीसी सैनिक की मौत हो गई थी.

आईएस ने अपने सोशल मीडिया चैनल पर एक बयान में कहा, 'खलीफा के सैनिकों ने इंडेलिमने गांव में माली सैनिकों के ठिकाने पर हमला किया.'

माली सशस्त्र सेना (फामा) ने बताया कि मेनका क्षेत्र में इंडेलिमने स्थित ठिकाने पर एक अक्टूबर को यह हमला किया गया था, जिसमें 49 सैनिकों की जान चली गई थी और तीन अन्य घायल हो थे. वहीं 20 लोग पूरी तरह सुरक्षित बच निकले.

वहीं शनिवार को मेनका शहर के पास हुए एक आईईडी बम धमाके की चपेट में एक बख्तरबंद वाहन आने से उसमें सवार फ्रांसीसी कारपोरल रोनन पाइंट्यू (24) की मौत हो गई.

पढ़ें : इराक: अमेरिका ने आईएस के ठिकानों पर 36 हजार किलो का बम गिराए

आईएस ने इस धमाके की भी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके लड़ाकों ने फ्रांसीसी सेना के काफिले को निशाना बनाया था.

फ्रांस रक्षा मंत्रालय ने कहा कि माली नाइजर और बुर्किना फासो की सीमा से लगे सीमा क्षेत्र में 'यह घातक हमला सशस्त्र आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई की कड़वाहट को दर्शाता है.'

फ्रांसीसी सशस्त्र बलों की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि वो जल्द ही माली के अधिकारियों से चर्चा के लिये वहां जाएंगी.

पढ़ें : क्या बगदादी की मौत के बाद खत्म हो जाएगा आईएस का आतंक ?​​​​​​​

माली सेना के 2012 में हुई बगावत में विद्रोहियों को मात देने में विफल रहने के बाद से उत्तरी माली अल-कायदा से जुड़े जिहादियों के नियंत्रण में है.

गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले ही बुर्किना फासो से लगी सीमा के पास जिहादियों के हमले में 40 सैनिक मारे गए.

बमाको : देश के पूर्वोत्तर हिस्से में माली सेना के एक ठिकाने पर हुए 'आतंकवादी हमले' की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. एक नवंबर को हुए इस हमले 49 सैनिकों की जान चली गई थी. इसके साथ ही आईएस ने एक बम धमाके में भी अपनी भूमिका बताई है, इसमें एक फ्रांसीसी सैनिक की मौत हो गई थी.

आईएस ने अपने सोशल मीडिया चैनल पर एक बयान में कहा, 'खलीफा के सैनिकों ने इंडेलिमने गांव में माली सैनिकों के ठिकाने पर हमला किया.'

माली सशस्त्र सेना (फामा) ने बताया कि मेनका क्षेत्र में इंडेलिमने स्थित ठिकाने पर एक अक्टूबर को यह हमला किया गया था, जिसमें 49 सैनिकों की जान चली गई थी और तीन अन्य घायल हो थे. वहीं 20 लोग पूरी तरह सुरक्षित बच निकले.

वहीं शनिवार को मेनका शहर के पास हुए एक आईईडी बम धमाके की चपेट में एक बख्तरबंद वाहन आने से उसमें सवार फ्रांसीसी कारपोरल रोनन पाइंट्यू (24) की मौत हो गई.

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आईएस ने इस धमाके की भी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके लड़ाकों ने फ्रांसीसी सेना के काफिले को निशाना बनाया था.

फ्रांस रक्षा मंत्रालय ने कहा कि माली नाइजर और बुर्किना फासो की सीमा से लगे सीमा क्षेत्र में 'यह घातक हमला सशस्त्र आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई की कड़वाहट को दर्शाता है.'

फ्रांसीसी सशस्त्र बलों की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि वो जल्द ही माली के अधिकारियों से चर्चा के लिये वहां जाएंगी.

पढ़ें : क्या बगदादी की मौत के बाद खत्म हो जाएगा आईएस का आतंक ?​​​​​​​

माली सेना के 2012 में हुई बगावत में विद्रोहियों को मात देने में विफल रहने के बाद से उत्तरी माली अल-कायदा से जुड़े जिहादियों के नियंत्रण में है.

गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले ही बुर्किना फासो से लगी सीमा के पास जिहादियों के हमले में 40 सैनिक मारे गए.

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MALI-LD UNREST
IS claims responsibility for deadly Mali attacks on 50 soldiers
         Bamako, Nov 3 (AFP) The Islamic State on Saturday claimed responsibility for a devastating raid that killed 49 Malian troops as well as a blast that led to the death of a French soldier who became the latest casualty in the conflict-torn region.
          The strikes underscored the fragility of an area straddling several West African countries battling increasing jihadist violence that has claimed hundreds of lives.
          Friday's assault on a Malian military outpost at Indelimane in the eastern Menaka region near Niger killed 49 soldiers, wounded three and left 20 survivors, the Malian Armed Forces (FAMa) said Saturday.
          "Soldiers of the caliphate attacked a military base where elements of the apostate Malian army were stationed in the village of Indelimane," the IS said in a statement on its social media channels.
          On Saturday, French corporal Ronan Pointeau, 24, died after an armoured vehicle in which he was travelling hit an improvised explosive device (IED) near the city of Menaka, a French defence ministry statement said.
          The IS late Saturday also claimed responsibility for that, saying its fighters had "detonated an explosive device on a French army convoy in the Indelimane area".
Pointeau and his colleagues were escorting a convoy between the cities of Gao and Menaka.
          "This insidious attack shows the importance and bitterness of the fight against armed terrorist groups" in the border region straddling Mali, Niger and Burkina Faso, the French defence ministry said.
          French Armed Forces Minister Florence Parly said she would be "visiting Mali very soon to hold discussions with Malian authorities."
          President Emmanuel Macron paid tribute to Pointeau and expressed solidarity with the French and African troops fighting in the region.
          The Malian government initially said 53 people died in what it described as a "terrorist attack" at Indelimane.
          An army officer said troops arrived at the outpost around 5:00 pm on Friday and "took back control of our positions.
          "The terrorists carried out a surprise attack at lunchtime. Army vehicles were destroyed, others taken away," he told AFP.
          The attacks came a month after two jihadist assaults killed 40 soldiers near the border with Burkina Faso. Several sources have said the real death toll was higher.
          MINUSMA, the UN mission in Mali, condemned the raid and said its peacekeepers were helping Malian troops secure the region.
          "This bloodshed that Mali has been living through cannot go on," imam Mahamound Dicko, an influential religious leader in Mali, said.
          "Do you want us to resign ourselves to this suffering? We can resist," he added.
          Rights activist Alioune Tine, from Mali's western neighbour Senegal, called for action across Africa to tackle the threat.
          "If Africa does not mobilise for Mali and Burkina (Faso), it won't be spared the bushfire that is quickly catching West Africa's coastal countries, the next chosen targets" of the jihadists, he said.
          The violence has also spilled over into Burkina Faso and Niger where extremists have exploited existing inter-communal strife, leaving hundreds dead.
          In Mali, the attacks have spread from the arid north to its centre, an ethnically mixed and explosive region.
          The recent assaults are a humiliation for the so-called G5 Sahel force -- a much-trumpeted initiative under which five countries created a joint 5,000-man anti-terror force -- and for former colonial ruler France, which is helping to bring security to the fragile region.
          Northern Mali came under the control of Al-Qaeda linked jihadists after Mali's army failed to quash a rebellion there in 2012.
          A French-led military campaign was launched against the jihadists, pushing them back a year later.
          But the jihadists have regrouped and widened their hit-and-run raids and landmine attacks to central and southern Mali. (AP)
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