बमाको : देश के पूर्वोत्तर हिस्से में माली सेना के एक ठिकाने पर हुए 'आतंकवादी हमले' की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. एक नवंबर को हुए इस हमले 49 सैनिकों की जान चली गई थी. इसके साथ ही आईएस ने एक बम धमाके में भी अपनी भूमिका बताई है, इसमें एक फ्रांसीसी सैनिक की मौत हो गई थी.
आईएस ने अपने सोशल मीडिया चैनल पर एक बयान में कहा, 'खलीफा के सैनिकों ने इंडेलिमने गांव में माली सैनिकों के ठिकाने पर हमला किया.'
माली सशस्त्र सेना (फामा) ने बताया कि मेनका क्षेत्र में इंडेलिमने स्थित ठिकाने पर एक अक्टूबर को यह हमला किया गया था, जिसमें 49 सैनिकों की जान चली गई थी और तीन अन्य घायल हो थे. वहीं 20 लोग पूरी तरह सुरक्षित बच निकले.
वहीं शनिवार को मेनका शहर के पास हुए एक आईईडी बम धमाके की चपेट में एक बख्तरबंद वाहन आने से उसमें सवार फ्रांसीसी कारपोरल रोनन पाइंट्यू (24) की मौत हो गई.
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आईएस ने इस धमाके की भी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके लड़ाकों ने फ्रांसीसी सेना के काफिले को निशाना बनाया था.
फ्रांस रक्षा मंत्रालय ने कहा कि माली नाइजर और बुर्किना फासो की सीमा से लगे सीमा क्षेत्र में 'यह घातक हमला सशस्त्र आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई की कड़वाहट को दर्शाता है.'
फ्रांसीसी सशस्त्र बलों की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि वो जल्द ही माली के अधिकारियों से चर्चा के लिये वहां जाएंगी.
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माली सेना के 2012 में हुई बगावत में विद्रोहियों को मात देने में विफल रहने के बाद से उत्तरी माली अल-कायदा से जुड़े जिहादियों के नियंत्रण में है.
गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले ही बुर्किना फासो से लगी सीमा के पास जिहादियों के हमले में 40 सैनिक मारे गए.