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द.अफ्रीका और यूएई के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि, गुप्ता बंधुओं पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हुआ

दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण संधि को अमलीजामा पहना दिया गया है जिससे भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता बंधुओं को अफ्रीकी देश लाने का रास्ता साफ हो गया है जहां वे मुकदमे का सामना करेंगे. गुप्ता बंधुओं पर सरकारी संस्थानों में अरबों रैंड (अफ्रीकी मुद्रा) का गबन करने का आरोप है.

द.अफ्रीका और यूएई के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि
द.अफ्रीका और यूएई के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि
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Published : Jun 10, 2021, 11:05 AM IST

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण संधि को अमलीजामा पहना दिया गया है जिससे भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता बंधुओं को अफ्रीकी देश लाने का रास्ता साफ हो गया है जहां वे मुकदमे का सामना करेंगे. गुप्ता बंधुओं पर सरकारी संस्थानों में अरबों रैंड (अफ्रीकी मुद्रा) का गबन करने का आरोप है.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व न्याय मंत्री माइकल मासुथा ने 2018 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे, हालांकि संयुक्त अरब अमीरात ने मंगलवार को इस संधि पर हस्ताक्षर किए. प्रिटोरिया में उसके दूतावास ने एक बयान में यह जानकारी दी.

बयान में गुप्ता बंधुओं का जिक्र किए बिना कहा गया है, इन संधियों से दोनों देश आपसी कानूनी सहायता और भगोड़ों के प्रत्यर्पण के जरिए जांच और अपराध के लिए मुकदमे चलाने में एक-दूसरे की मदद कर सकेंगे. इस संधि पर बातचीत 2010 में शुरू हो गई थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उठाए मुद्दों से यह संधि नहीं हो सकी. इसके चलते दक्षिण अफ्रीका को गुप्ता बंधुओं पर मुकदमा दर्ज कराने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र और इंटरपोल का रुख करना पड़ा.

पढ़ें :न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को किया निलंबित



अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय गुप्ता पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से करीबी संबंध के जरिए सरकारी एजेंसियों से अरबों रैंड का गबन करने का आरोप हैं. जुमा भी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस संधि को औपचारिक स्वीकृति तब दी गई है जब अहमद कथराडा फाउंडेशन की प्रिटोरिया में संयुक्त अरब अमीरात दूतावास के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन करने की योजना है. फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक निशान बाल्टन ने कहा, हम प्रत्यर्पण संधि की औपचारिक पुष्टि का स्वागत करते हैं और संयुक्त अरब अमीरात प्राधिकारियों से इन अपराधियों को वापस दक्षिण अफ्रीका भेजने के लिए तेजी से कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं ताकि यहां सभी नागरिक करदाताओं की कड़ी मेहनत के पैसों को लूटने के लिए उन्हें सजा मिलती देख सकें.

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण संधि को अमलीजामा पहना दिया गया है जिससे भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता बंधुओं को अफ्रीकी देश लाने का रास्ता साफ हो गया है जहां वे मुकदमे का सामना करेंगे. गुप्ता बंधुओं पर सरकारी संस्थानों में अरबों रैंड (अफ्रीकी मुद्रा) का गबन करने का आरोप है.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व न्याय मंत्री माइकल मासुथा ने 2018 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे, हालांकि संयुक्त अरब अमीरात ने मंगलवार को इस संधि पर हस्ताक्षर किए. प्रिटोरिया में उसके दूतावास ने एक बयान में यह जानकारी दी.

बयान में गुप्ता बंधुओं का जिक्र किए बिना कहा गया है, इन संधियों से दोनों देश आपसी कानूनी सहायता और भगोड़ों के प्रत्यर्पण के जरिए जांच और अपराध के लिए मुकदमे चलाने में एक-दूसरे की मदद कर सकेंगे. इस संधि पर बातचीत 2010 में शुरू हो गई थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उठाए मुद्दों से यह संधि नहीं हो सकी. इसके चलते दक्षिण अफ्रीका को गुप्ता बंधुओं पर मुकदमा दर्ज कराने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र और इंटरपोल का रुख करना पड़ा.

पढ़ें :न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को किया निलंबित



अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय गुप्ता पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से करीबी संबंध के जरिए सरकारी एजेंसियों से अरबों रैंड का गबन करने का आरोप हैं. जुमा भी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस संधि को औपचारिक स्वीकृति तब दी गई है जब अहमद कथराडा फाउंडेशन की प्रिटोरिया में संयुक्त अरब अमीरात दूतावास के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन करने की योजना है. फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक निशान बाल्टन ने कहा, हम प्रत्यर्पण संधि की औपचारिक पुष्टि का स्वागत करते हैं और संयुक्त अरब अमीरात प्राधिकारियों से इन अपराधियों को वापस दक्षिण अफ्रीका भेजने के लिए तेजी से कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं ताकि यहां सभी नागरिक करदाताओं की कड़ी मेहनत के पैसों को लूटने के लिए उन्हें सजा मिलती देख सकें.

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