जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की 68 प्रतिशत आबादी कोविड-19 से बचाव का टीका निश्चित तौर पर लेगी, जबकि 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे टीका नहीं लेंगे. 18 प्रतिशत लोगों ने अभी कोई फैसला नहीं किया है. टीका के संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है.
पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका की स्वास्थ्य नियामक संस्था ने देश में कोविड-19 टीके की आपूर्ति के लिए दुनिया के सबसे बड़े टीका निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के टीके को मंजूरी दी.
स्वास्थ्य मंत्री जेवली मीजे ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका स्वास्थ्य उत्पाद नियामक प्राधिकरण (एसएएचपीआरए) ने एसआईआई के टीके को मंजूरी दे दी है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के साथ तालमेल से एसआईआई टीके का निर्माण कर रहा है.
जोहानिसबर्ग विश्वविद्यालय (यूजे) में सेंटर फॉर सोशल चेंज और ह्यूमन साइंस रिसर्च काउंसिल (एचएसआरसी) ने संयुक्त तौर पर एक अध्ययन किया है.
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दक्षिण अफ्रीका में सभी समुदायों के बीच किए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि 67 प्रतिशत लोग टीका लेना चाहते हैं. वहीं, भारतीय मूल के 68 प्रतिशत लोगों ने कहा कि टीका उपलब्ध होने पर वे इसकी खुराक लेंगे. सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने कहा कि खुद के बचाव और दूसरों के बचाव के लिए वे कोविड-19 का टीका लेना चाहते हैं.
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 1,423,578 मामले आए हैं और 41,797 लोगों की मौत हुई है.