न्यूयॉर्क : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तीन नवंबर को मुख्य तौर पर वोटिंग की जाएगी. राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता वोटिंग डाक मतपत्रों के माध्यम से करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप डाक मत्रों से वोटिंग पर पहले ही सवाल उठा रहे हैं. अमेरिका में अगर वोटों की गिनती में धांधली हुई तो क्या होगा? आइए जानते हैं कि इससे ट्रंप और बाइडेन को कितना फायदा या नुकसान हो सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव में फ्लोरिडा और पेन्सिलवेनिया की महत्वपूर्ण भूमिका है. ट्रंप को इन राज्यों में अपनी पकड़ बनानी होगी और यहां पर जीत हासिल करनी होगी. 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन या मिशिगन में जीत हासिल की थी.
2016 के चुनावों में हिलरी क्लिंटन को मिशिगन और विस्कॉन्सिन मात खानी पड़ी थी. क्योंकि क्लिंटन ने चुनावी औसत के अनुसार मिशिगन में चार अंक और विस्कॉन्सिन में पांच अकं अर्जित किए थे. इसके बाद भी क्विंटन को यहां पर हार का सामना करना पड़ा.
आज बाइडेन कहां खड़े हैं? वह दौड़ में क्लिंटन की तुलना में थोड़ा आगे हैं. मिशिगन में जो बाइडेन 8.9 अंकों के औसत अर्जित कर सकते हैं. 3 से 4 अंकों की धांधली हो सकती है. विस्कॉन्सिन में कहानी वही है, जहां वह ट्रंप 7.8 अंक अर्जित कर सकते हैं. यहां पर भी 3 से 4 अंकों धांधली हो सकती है.
20 और 25 अक्टूबर के बीच आयोजित 5 चुनावों के सर्वेक्षण में किए गए हैं. इन सर्वेक्षणों में ट्रंप मामूली (0.4) फीसदी से आगे चल रहे हैं. मतदान में त्रुटि में 3 से पांच प्वांइट की हो सकती है.
अमेरिका में 25 अक्टूबर तक, 60 मिलियन लोगों ने मतदान किया है. यह 2016 के आम चुनाव से 47.2 मिलियन से अधिक है.
छह राज्यों में जहां पर दोनों के जबरदस्त टक्कर है. इनमें से दो राज्यों में विस्कॉन्सिन और पेंसिल्वेनिया में तीन नबंर को वोट डाले जाएंगे. इसका मतलब यही है कि आधी रात के बाद भी वोटों की गिनती जारी रहगी है. करीब-करीब 14 राज्यों में यही स्थिति है.