नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान 14 दिनों से डटे हुए हैं और अपनी तैयारियां पूरी करके आए हैं. केवल खाने-पीने और रहने का सामान ही नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक सामान को किस तरीके से चार्ज किया जाए और मोबाइल का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया से इस आंदोलन को जोड़े रखने के लिए सोलर पैनल भी किसान साथ लेकर के आए हैं. साथ ही एक बैटरी है जिससे सोलर पैनल के द्वारा चार्ज किया जाता है और उसके साथ कई मोबाइल चार्ज होते हैं .जिससे इनका आंदोलन सोशल मीडिया पर भी आगे बढ़ रहा है.
लंबी लड़ाई की कर चुके हैं तैयारी
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान अपनी ट्रॉलियों में सोलर पैनल और इन्वर्टर लगाकर आये है. इन्हें पहले से आशंका थी कि आदोलन लम्बा चलेगा और ये पहले ही तैयारी करके आये है. इन्होंने बताया कि इन्हें परिवार से सम्पर्क में रहने के लिए मोबाइल की जरूरत होती है. उसे चार्ज करने और लंगर में लाइट की जरूरत पड़ती है इसलिए ये इंतजाम किए है.इन्होंने बताया मोबाइल चार्ज होने पर ये दुनिया से जुड़े रहे थे और सब अपडेट मिलती रहती है . इस एक ट्रॉली पर जो सोलर पैनल लगा है उससे तीन ट्रॉलियों में बिजली प्रयोग कर रहे है . इस तरह से कई जगह पर ट्रॉलियों में सोलर पैनल व इन्वर्टर लगा है .
आगे की क्या है तैयारी?
आज होने वाली किसानों की मीटिंग भी इस आंदोलन को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है. कल अमित शाह से मुलाकात हुई थी. गृह मंत्री और किसानों के बीच की मुलाकात में निष्कर्ष तो कुछ नहीं निकला लेकिन बताया जा रहा है कि कल के बाद आज होने वाली मीटिंग काफी अहम रहेगी और अब हर तरीके की तैयारियों के साथ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए किसान मीटिंग कर आगे का फैसला ले रहेे.