हैदराबाद : Singer KK Death: तकरीबन 11 भाषाओं में गाने गा चुके मशहूर सिंगर केके की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (KK's Postmortem Report) से खुलासा हुआ है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है. केके का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने खुलासा किया है कि ब्लड फ्लो रुकने की वजह से केके का निधन हुआ है. डॉक्टर ने यह भी बताया कि अगर थोड़ी सी समझदारी दिखाकर सिंगर को मौके पर CPR ट्रीटमेंट दे दिया जाता, तो आज केके आज हमारे बीच जिंदा होते. आखिर क्या है यह CPR जिसके मौके पर ना मिलने से भारतीय सिनेमा ने संगीत की दुनिया का एक नगीना खो दिया.
क्या होता है CPR?
CPR का पूरा नाम कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary Resuscitation) है. CPR प्रोसेस आपात स्थिति में किसी व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक जाने पर इस्तेमाल में लाई जाती है. सीपीआर ट्रीटमेंट बेहोश लोगों को दिया जाता है. इस ट्रीटमेंट के जरिए फेफड़ों में ऑक्सीजन दी जाती है और दिल की धड़कन सामान्य और सांस आने तक बार-बार छाती को दबाया जाता है. इससे शरीर में मौजूद ऑक्सीजन वाला खून का प्रवाह होता है. जैसा कि डॉक्टर ने बताया कि केके का ब्लड फ्लो रुक गया था. अगर सिंगर की मौके पर छाती दबाई जाती तो उनकी सांसें वापस आ सकती थी.
CPR की जरूरत कब पड़ती है?
कॉन्सर्ट में केके के लिए सांस लेना दुभर हो रहा था. पहली बात, वहां हवा का उचित प्रबंध नहीं था और दूसरा कॉन्सर्ट हॉल में क्षमता से ज्यादा दर्शक मौजूद थे. ऐसे माहौल में केके पूरे जोश में गा रहे थे और एकाएक उनकी धड़कनों ने काम करना बंद कर दिया और वह बेसुध हो गए. ऐसी स्थिति में उन्हें CPR की जरूरत थी. इसके अलावा हार्ट अटैक, डूबना, कार्डियक अरेस्ट, करंट लगना, सांस घुटना आदि स्थितियों में CPR की जरूरत पड़ती है.
इस ट्रीटमेंट से व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी आपात स्थिति में जान बचाई जा सकती है. CPR के लिए एक छोटी सी ट्रेनिंग की भी जरूरत होती है. लेकिन इसे सीखने के बाद भी इसे याद रख पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
CPR कैसे देना चाहिए?
बच्चों और बड़ों को CPR ट्रीटमेंट देने का तरीका अलग-अलग होता है. अगर हम बड़ों को सीपीआर देने की बात करें तो इसमें छाती दबाना और मुंह से सांस देना शामिल होता है. बड़ों को कैसे दें CPR ट्रीटमेंट..नीचें पढ़ें....
छाती दबाना
- सबसे पहले व्यक्ति को एक सपाट (समतल) जगह पर पीठ के बल लिटा दें.
- व्यक्ति के कंधों के पास घुटनों के बल बैठें.
- एक हाथ की हथेली को व्यक्ति की छाती के बीच में रखें और दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखे और कोहनी को बिल्कुल सीधा करें.
- इसके बाद ऊपरी शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए नीचे लेटे हुए व्यक्ति की छाती को कम से कम 2 इंच और ज्यादा से ज्यादा 2.5 इंच तक दबाए और छोड़ें.
- ऐसा एक मिनट में 100 से 120 बार तक करें.
- CPR ट्रीटमेंट ना आने की स्थिति में व्यक्ति की छाती को तब तक दबाते रहें, जब तक उस होश ना आए या कोई मदद के लिए ना आ जाए.
सांस देना
- CPR ट्रीटमेंट देने का दूसरा तरीका होता है सांस देना. घायल व्यक्ति को सांस भी दो तरह से दी जाती है. पहला 'मुंह से मुंह में सांस देना' और दूसरा 'मुंह से नाक में सांस देना'.
- मुंह से नाक में सांस देने की स्थिति तब पैदा होती है...जब व्यक्ति मुंह से बुरी तरह घायल हो और वह खुल ना रहा हो.
- CPR ट्रीटमेंट में सांस देने के लिए व्यक्ति की ठोड़ी ऊपर उठाएं और मुंह से सांस देने से पहले व्यक्ति की नाक को बंद कर दें.
- पहले एक सेकंड के लिए घायल को सांस दें और गौर करें कि उसकी छाती ऊपर की ओर उठ रही है या नहीं. अगर छाती ऊपर की ओर उठती है ..तो दूसरी सांस दें.
- छाती ऊपर ना उठने की स्थिति में दोबारा घायल की ठोड़ी ऊपर उठाएं और फिर नाक बंद करके सांस दें.
नोट- आर्टिकल में बताई गईं ये सभी बातें बिना किसी चिकित्सक सलाह और ट्रेनिंग के ना करें.
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