मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने रविवार 26 नवंबर को कहा कि दर्शकों ने उम्र से जुड़ी धारणाओं को तोड़ने में मेरी बहुत मदद की. जिससे मुझे अलग-अलग तरह के रोल प्ले करने में आसानी हुई. गोवा के पणजी में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में एक सत्र में बातचीत के दौरान अभिनेत्री ने कहा कि किसी भूमिका को निभाने को लेकर कलाकार की आयु को महत्व नहीं देना चाहिए. मुखर्जी ने कहा, 'मेरे प्रशंसकों ने मुझे प्यार दिया है और वर्षों से मेरे काम को स्वीकार किया है. उन्होंने उम्र संबंधी धारणाओं को तोड़ने में मेरी मदद की है और मैं वादा करती हूं कि 80 वर्ष की आयु तक काम करूंगी. मुझे नहीं लगता कि कलाकार को उसकी उम्र से आंकना चाहिए.'
उम्र सिर्फ एक नंबर है
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारा सिनेमा लोकप्रिय सिनेमा है और आप हर समय पर्दे पर युवाओं को देखना चाहते हैं, क्योंकि यही बात युवाओं को (सिनेमा) जाकर देखने को मजबूर करती है. एक्ट्रेस ने कहा कि यह कलाकारों के लिए जरूरी है कि वे इस भ्रम में ना रहें कि वे हमेशा यंग रहेंगे'. मुखर्जी ने कहा, 'आप दिल से युवा हो सकते हैं, लेकिन अपनी उम्र को स्वीकार करना और अपनी उम्र के अनुरूप भूमिकाएं स्वीकार करना भी महत्वपूर्ण है ताकि दर्शक आपको स्वीकार कर सकें. इसलिए, यह मेरा हमेशा से एक अच्छा डिसीजन रहा है कि मैं अपने दर्शकों को कुछ ऐसा दे सकूं जो उनके लिए भी सुखद हो.
लगातार काम करते रहने की प्रेरणा मिलती है
एक्ट्रेस ने कहा, 'मेरे जीवन का नजरिया है कि मैं 20 साल पहले जैसी दिखती थीं वैसी ही दिखूं और जीवन भर ऐसी ही दिखती रहूं. अच्छी और स्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाकर इसे कायम रखूं क्योंकि जब पैसे चुकाकर दर्शक आपके काम को देखने आते हैं तब वे एक अच्छा चेहरा देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'वे आपका पस्त चेहरा नहीं देखना चाहते और इसलिए मैं भी अंतराल लेती हूं और अपना काम करती हूं, क्योंकि इसने पिछले 27 वर्षों से दर्शकों से जोड़े रखा है और मुझे उम्मीद है कि यह सिलसिला अगले 27 वर्षों तक जारी रहेगा.'
मुखर्जी ने कहा कि मुझे 20 वर्ष की उम्र में भी पर्दे पर मां का किरदार निभाने में झिझक नहीं हुई. उन्होंने कहा,'मैंने अपनी तीसरी फिल्म 'कुछ कुछ होता है' में एक मां की भूमिका निभाई थी और मैंने ऐसे किरदार को निभाना जारी रखा. मैंने 'ता रा रम पम' में भी दो बच्चों की मां की भूमिका निभाई थी.'