हैदराबाद: सबको हंसाने वाले 'गजोधर भैया' राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. 42 दिन दिल्ली के एम्स अस्पताल में आईसीयू वार्ड में भर्ती रहने के बाद राजू ने 21 सितंबर को वेंटिलेटर पर दम तोड़ दिया. जैसे ही राजू के निधन की खबर अस्पताल से बाहर परिजन और फैंस के बीच हाहाकार मच गया. राजू के चाहनेवालों के लिए यह यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि सबको हंसाने वाला अचानक कैसे चला गया. राजू के दिल के बहुत साफ थे, इसलिए उन्हें पत्नी शिखा को एक नजर में देखने के बाद प्यार का इजहार करने में 12 साल गये थे.
भाई की शादी में दिखीं थी शिखा
राजू श्रीवास्तव की लव-स्टोरी भी आम लोगों की तरह शुरू ही हुई थी. दरअसल, वह भाई की शादी में गये थे और वहां उन्हें शिखा दिखीं. बाद में पता चला कि शिखा तो राजू के भाई की होने वाली पत्नी की कजिन (सिस्टर) हैं. इसके बाद राजू ने थोड़ी राहत की सांस ली और उन्हें यकीन हो गया कि शिखा को पाना अब ज्यादा मुश्किल नहीं रह गया है.
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भाभी के घर बहाना बनाकर जाने लगे
शादी तक राजू ने अपनी आंखों को तसल्ली दी, लेकिन शिखा से मिलने की तड़प राजू के मन में उन्हें अगला स्टेप लेने के लिए मजबूर कर रही थी. ऐसे में शिखा से मिलने का एक बहाना राजू के लिए यह था कि वह नई नवेली भाभी के घर जाने लगे. यहां, राजू का इंतजार खत्म हुआ और बातों का लंबा सिलसिला धीरे-धीरे शुरू होने लगा.
फतेहपुर में हुआ इटावा की लड़की से प्यार
बता दें, राजू के भाई की बारात फतेहपुर (यूपी) गई थी, जहां इटावा की रहने वाली शिखा भी कजिन की शादी में पहुंची थीं. इसके बाद कानपुर के गजोधर भैया इटावा की शिखा को अपने जीवनसाथी बनाने के लिए यह भूल की कानपुर-इटावा के बीच 136 किमी का फासला है. वैसे जहां प्यार होता है वहां जिंदगी जैसे लंबे सफर आसानी से तय हो जाते हैं, फिर 136 किमी की दूरी तो महज राजू के लिए 36 इंच का सफर था.
मुंबई से इटावा लव लेटर में बीते दिन
वहीं, राजू श्रीवास्तव एक तरफ अपने करियर पर भी ध्यान दे रहे थे. इसलिए वह 1982 में मुंबई की ट्रेन कटवा लिए. अब मुंबई से इटावा बार-बार कानपुर-इटावा जैसा तो था नहीं, ऐसे में दोनों ने लव-लेटर में अपने दिल जज्बात लिख-लिखकर भेजे.
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इजहार में 12 साल क्यों लग गए
हमारे गजोधर भैया जितने हंसमुख अंदाज के थे उससे ज्यादा वह अंदर से गहरे और शर्मीले स्वभाव के थे, तब भी तो राजू को शिखा को ढाई अक्षर प्रेम के बोलने में 12 साल लग गए. वो तो शुक्र है कि राजू के घरवालों ने राजू के दिल की बात जानकर शिखा के घर रिश्ता भेज दिया. वहीं, साल 1993 में राजू कानपुर से इटावा शिखा के घर अपनी बारात लेकर पहुंच गए.
राजू-शिखा के कितने बच्चे
साल 1993 में शादी करने के बाद राजू-शिखा ने अपना परिवार बढ़ाया. इस शादी से राजू-शिखा को दो बच्चे हुए, बेटी अंतरा और बेटा आयुष्मान. राजू की बेटी अंतरा सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव हैं और वह एक असिस्टेंट डायेक्टर हैं. जानकर हैरानी होगी कि साल 2006 में राजू की बेटी अंतरा को ब्रेवरी अवार्ड मिला था. दरअसल, राजू ने ही खुलासा किया था कि वह शो के लिए विदेश गए थे और उनके कानपुर वाले घर में बदमाश घुस गए थे. वहीं अंतरा ने बदमाशों से लड़ते हुए दो को पुलिस के हवाले कराया था.
राजू के जाने से टूट गईं शिखा
राजू और शिखा ने साथ में 29 साल एक-एक पल को जिया. अब राजू के निधन से पत्नी शिखा पूरी तरह टूट चुकी हैं. शिखा ने कहा था कि राजू ठीक हो जाएंगे और उनका परिवार फिर से हंस खेलेगा, लेकिन राजू के जाने से शिखा का सफर थम सा गया है.
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क्या हुआ था?
बता दें, बीती 10 अगस्त को राजू श्रीवास्तव जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ रहे थे और अचानक गिर पड़े. आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद राजू श्रीवास्तव के दिल के बड़े हिस्से में 100 फीसदी ब्लॉकेज मिले, जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी.
कई दिनों तक रहे थे कोमा में
बता दें, 10 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती रहे राजू श्रीवास्त को कई दिनों तक होश नहीं आया था. राजू का ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट नॉर्मल बताया गया था. राजू अंत तक वेंटिलेटर पर ही रहे.
इससे पहले राजू को वेंटिलेटर से हटाने की बात की जा रही थी लेकिन डॉक्टर ने बुखार के कारण ऐसा नहीं किया जा सका. वहीं, डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि जब तक राजू का बुखार ठीक नहीं हो जाता है, तब तक वह वेंटिलेटर पर ही रहेंगे
गजोधर भैया का बॉलीवुड करियर
उन्हें पहली बार फिल्म 'तेजाब' (1988) में देखा गया था. इसके बाद राजू को सलमान खान की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'मैंने प्यार किया' (1989), शाहरुख खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी स्टारर फिल्म 'बाजीगर' (1993), 'हीरो नंबर वन' गोविंदा की फिल्म 'आमदनी अठ्ठनी खर्चा रुपया' (2001), और पिछली बार देश के नंबर वन कॉमेडियन कपिल शर्मा स्टारर फिल्म 'फिरंगी' (2017) में स्पेशल रोल में देखा गया था.इन फिल्मों में नजर आए थे राजू
मैनें प्यार किया (1989), बाजीगर (1993), मिस्टर आजाद (1993), अभय (1994), वाह तेरा क्या कहना (2002), मैं प्रेम की दिवानी हूं (2003), विद्यार्थी (2006), जहां जाएगा हमें पाएगा, बिग ब्रदर, बॉम्बे टू गोवा (2007), भावनाओं को समझों, बारूद (2010), टॉयलेट एक प्रेम कथा (2017)राजू का टीवी का सफर
टीवी सीरीज की बात करें तो साल 1994 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए कॉमेडी शो 'टी टाइम मनोरंजन' में उन्हें पहली बार देखा गया था. इसके बाद राजू ने कॉमेडी शो 'द ग्रेंट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' में दर्शको को खूब गुदगुदाया था. यहीं, राजू श्रीवास्तव को कॉमेडी की दुनिया में नई पहचान मिली थी.वहीं, राजू बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के मोस्ट पॉपुलर शो 'बिग बॉस' के सीजन 3 (2009) में बतौर कंटेस्टेंट नजर आए थे.
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