मुंबई: बॉलीवुड के फेमस पटकथा लेखक संजय चौहान का निधन हो गया है. 'पान सिंह तोमर' और 'आई एम कलाम' जैसी फिल्मों के लिए पहचान बनाने वाले लेखक ने 62 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. लीवर की बीमारी से जूझ रहे लेखक को एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एडमिट कराया गया था, जहां वह 10 दिनों तक भर्ती थे.
बता दें कि संजय चौहान के परिवार में उनकी पत्नी सरिता और बेटी सारा हैं. चौहान, लेखन समुदाय के अधिकारों की रक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. उन्हें अपने पूरे करियर में कई सम्मान मिले, जिसमें उनकी फिल्म 'आई एम कलाम' (2011) के लिए सर्वश्रेष्ठ कहानी का फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल है. चौहान की उल्लेखनीय फिल्मों में 'धूप' और 'मैंने गांधी को नहीं मारा' भी हैं. इतना ही नहीं, दिवंगत लेखक ने तिग्मांशु धूलिया के साथ 'साहेब बीवी गैंगस्टर' फिल्म भी लिखी थी.
जानकारी के अनुसार चौहान का जन्म और पालन-पोषण भोपाल में हुआ था. उनकी मां एक शिक्षिका थीं और उनके पिता भारतीय रेलवे में काम करते थे. संजय चौहान ने सोनी टीवी के लिए 1990 के क्राइम ड्रामा 'भंवर' को लिखने के बाद मुंबई स्थानांतरित होने से पहले दिल्ली में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था. चौहान ने सुधीर मिश्रा की प्रशंसित 2003 की फिल्म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' के लिए संवाद भी लिखा, जो उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है. लेखक का अंतिम संस्कार आज मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में होगा. (एजेंसी)
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