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Mrs Chatterjee vs Norway Trailer OUT : 'ये देश का मैटर है', दमदार कहानी के साथ लौटीं रानी मुखर्जी, हिलाकर रख देखा फिल्म का ट्रेलर

Mrs Chatterjee vs Norway Trailer OUT : रानी मुखर्जी की नई फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे का ट्रेलर रिलीज हो गया है. यकीन मानिए ट्रेलर देखने के बाद आपको भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

Mrs Chatterjee vs Norway
रानी मुखर्जी की फिल्म का ट्रेलर
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Published : Feb 23, 2023, 11:30 AM IST

Updated : Feb 23, 2023, 5:19 PM IST

मुंबई : बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस में से एक रानी मुखर्जी एक बार फिर अपने अभिनय से फैंस का दिल जीतने आ रही हैं. इस बार वह ऐसी कहानी को बड़े पर्दे पर पेश करने जा रही हैं, जिसके बारे में आपने सुना जरूर होगा लेकिन कभी महसूस नहीं किया होगा. भगवान करे आपकी जिंदगी में ऐसा कभी भी ना हो, लेकिन इस चीज को महसूस करने के लिए आपको रानी मुखर्जी की नई फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' का ट्रेलर देखना होगा. फिल्म का ट्रेलर गुरुवार (23 जनवरी) अभी थोड़ी देर पहले ही रिलीज हुआ है. यहां देखें ट्रेलर

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कैसा है फिल्म का ट्रेलर?

फिल्म का ट्रेलर 2.47 मिनट का है, जो रानी मुखर्जी के हंसते-खेलते परिवार के साथ शुरू होता है और अगले ही पल मिसेज चटर्जी (रानी मुखर्जी के किरदार का नाम) पर ऐसा पहाड़ टूट जाता है, जिसे जानने के बाद किसी के भी पैरों से जमीन खिसक जाएगी. दरअसल, होता यह है कि मिसेज चटर्जी के दोनों मासूम बच्चे (शुभ और सूची) को नॉर्वे का एक बाल विभाग यह कहकर घर से उठाकर ले जाता है कि मिसेज चटर्जी अपने बच्चों का पालन-पोषण सही तरीके से नहीं कर रही हैं.

यह तो आपने सुना ही होगा कि कई देश ऐसे हैं, जहां बच्चों को मारने-पीटने, उनका अच्छे से ख्याल ना रखने आदि जैसी जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए पैरेंट्स से उनके बच्चे लेकर उनका ख्याल रखता जाता है और पैरेंट्स को छोटी-मोटी सजा सुनाई जाती है. बस फिल्म का मुख्य मुद्दा यही है.

आशिमा छिब्बर निर्देशित इस फिल्म के ट्रेलर में यही दिखाया गया है कि रानी कैसे अपने दुधमुंहा बच्चों को खो देती हैं और कैसे अपने बच्चों को हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई करती है. इस बीच मिसेज चटर्जी को पता चलता है कि बाल विभाग इसकी आड़ में बड़ा स्कैम भी कर रहा है.

ट्रेलर से पता चलता है कि बच्चों के पालन-पोषण के नाम पर फोस्टर सिस्टम के तहत विभाग मोटी रकम कमा रहा है. रानी इस केस को लड़ते हुए इसे ना सिर्फ अपने घर की कहानी तक सीमित रखती है बल्कि वह भारत देश के कल्चर और रीति-रिवाज के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ भी खड़ी होती हैं.

भारत में मासूमों को नजर का टीका, आंख और माथे पर काजल, गले में हाय-चंदा, कमरबंद आदि बुरी नजर से बचाने के लिए पहनाए जाते हैं, लेकिन विदेशों में इन सब चीजों के कोई मायने नहीं है.

गौरतलब है कि फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. फिल्म में रानी मुखर्जी एक बंगाली महिला के रोल में हैं. जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही अच्छे से नहीं बोल पाती है.

रानी मुखर्जी का वर्कफ्रंट

साल 2014 में फिल्म निर्माता और यशराज बैनर के मालिक आदित्य चोपड़ा से शादी करने के बाद से रानी लगातार बॉलीवुड में एक्टिव हैं. शादी के बाद चार साल बाद 2018 में उन्होंने 'हिचकी' से पर्दे पर दूसरी पारी की शुरुआत की थी. इसके बाद रानी को फिल्म 'मर्दानी-2' (2019) और पिछली बार फिल्म 'बंटी और बबली-2' (2021) में देखा गया था. अब कोरोना काल के दो साल बाद रानी फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' से बड़े पर्दे पर दमदार कहानी के साथ लौटी हैं.

ये भी पढे़ं : बर्थडे स्पेशल : 90 के दशक में पॉपुलर थे रानी मुखर्जी के ये ब्यूटी ट्रेंड्स, खूब फॉलो करती थीं फैंस

मुंबई : बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस में से एक रानी मुखर्जी एक बार फिर अपने अभिनय से फैंस का दिल जीतने आ रही हैं. इस बार वह ऐसी कहानी को बड़े पर्दे पर पेश करने जा रही हैं, जिसके बारे में आपने सुना जरूर होगा लेकिन कभी महसूस नहीं किया होगा. भगवान करे आपकी जिंदगी में ऐसा कभी भी ना हो, लेकिन इस चीज को महसूस करने के लिए आपको रानी मुखर्जी की नई फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' का ट्रेलर देखना होगा. फिल्म का ट्रेलर गुरुवार (23 जनवरी) अभी थोड़ी देर पहले ही रिलीज हुआ है. यहां देखें ट्रेलर

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कैसा है फिल्म का ट्रेलर?

फिल्म का ट्रेलर 2.47 मिनट का है, जो रानी मुखर्जी के हंसते-खेलते परिवार के साथ शुरू होता है और अगले ही पल मिसेज चटर्जी (रानी मुखर्जी के किरदार का नाम) पर ऐसा पहाड़ टूट जाता है, जिसे जानने के बाद किसी के भी पैरों से जमीन खिसक जाएगी. दरअसल, होता यह है कि मिसेज चटर्जी के दोनों मासूम बच्चे (शुभ और सूची) को नॉर्वे का एक बाल विभाग यह कहकर घर से उठाकर ले जाता है कि मिसेज चटर्जी अपने बच्चों का पालन-पोषण सही तरीके से नहीं कर रही हैं.

यह तो आपने सुना ही होगा कि कई देश ऐसे हैं, जहां बच्चों को मारने-पीटने, उनका अच्छे से ख्याल ना रखने आदि जैसी जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए पैरेंट्स से उनके बच्चे लेकर उनका ख्याल रखता जाता है और पैरेंट्स को छोटी-मोटी सजा सुनाई जाती है. बस फिल्म का मुख्य मुद्दा यही है.

आशिमा छिब्बर निर्देशित इस फिल्म के ट्रेलर में यही दिखाया गया है कि रानी कैसे अपने दुधमुंहा बच्चों को खो देती हैं और कैसे अपने बच्चों को हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई करती है. इस बीच मिसेज चटर्जी को पता चलता है कि बाल विभाग इसकी आड़ में बड़ा स्कैम भी कर रहा है.

ट्रेलर से पता चलता है कि बच्चों के पालन-पोषण के नाम पर फोस्टर सिस्टम के तहत विभाग मोटी रकम कमा रहा है. रानी इस केस को लड़ते हुए इसे ना सिर्फ अपने घर की कहानी तक सीमित रखती है बल्कि वह भारत देश के कल्चर और रीति-रिवाज के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ भी खड़ी होती हैं.

भारत में मासूमों को नजर का टीका, आंख और माथे पर काजल, गले में हाय-चंदा, कमरबंद आदि बुरी नजर से बचाने के लिए पहनाए जाते हैं, लेकिन विदेशों में इन सब चीजों के कोई मायने नहीं है.

गौरतलब है कि फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. फिल्म में रानी मुखर्जी एक बंगाली महिला के रोल में हैं. जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही अच्छे से नहीं बोल पाती है.

रानी मुखर्जी का वर्कफ्रंट

साल 2014 में फिल्म निर्माता और यशराज बैनर के मालिक आदित्य चोपड़ा से शादी करने के बाद से रानी लगातार बॉलीवुड में एक्टिव हैं. शादी के बाद चार साल बाद 2018 में उन्होंने 'हिचकी' से पर्दे पर दूसरी पारी की शुरुआत की थी. इसके बाद रानी को फिल्म 'मर्दानी-2' (2019) और पिछली बार फिल्म 'बंटी और बबली-2' (2021) में देखा गया था. अब कोरोना काल के दो साल बाद रानी फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' से बड़े पर्दे पर दमदार कहानी के साथ लौटी हैं.

ये भी पढे़ं : बर्थडे स्पेशल : 90 के दशक में पॉपुलर थे रानी मुखर्जी के ये ब्यूटी ट्रेंड्स, खूब फॉलो करती थीं फैंस

Last Updated : Feb 23, 2023, 5:19 PM IST
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