चेन्नई: ईएसआई भुगतान मामले में एक्ट्रेस जयाप्रदा की मुसीबत बढ़ गई है. मामले को लेकर मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जयचंद्रन ने एग्मोर कोर्ट द्वारा दी गई 6 महीने की सजा की पुष्टि के साथ ही याचिका खारिज कर दी है. आरोप है कि जयाप्रदा ने ईएसआई कर्मियों के पैसे लौटाने के बारे में कुछ भी नहीं बताया था. कोर्ट ने जयाप्रदा को 15 दिन के भीतर संबंधित एग्मोर कोर्ट में सरेंडर करने और 20 लाख रुपये जमा करने का भी आदेश दिया है.
बता दें कि अभिनेत्री जयाप्रदा हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. इसके साथ ही उन्होंने संसद सदस्य के रूप में भी कार्य किया. जानकारी के अनुसार वह चेन्नई के अन्ना सलाई में रामकुमार और राजबाबू के साथ एक थिएटर चलाती थीं. इस मामले में नवंबर 1991 से 2002 तक 8 लाख 17 हजार रुपये, 2002 से 2005 तक 1 लाख 58 हजार रुपये और 2003 से 2003 तक 1 लाख 58 हजार रुपये श्रमिकों से वसूला गया और उसमें से ईएसआई का पैसा राज्य को नहीं दिया गया. इस संबंध में ईएसआई कंपनी की ओर से एग्मोर कोर्ट में 5 मामले दायर किये गये थे.
मामले की सुनवाई के दौरान जयाप्रदा ने कहा कि 'कर्मचारी बीमा का पैसा लौटा रहे हैं. इस पर ईएसआई कंपनी ने विरोध जताते हुए कहा कि 'ईएसआई का पैसा न मिलने से कर्मचारियों पर असर पड़ रहा है'. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 10 अगस्त 2023 को एग्मोर कोर्ट ने जयाप्रदा समेत 3 लोगों को बिना जमानत के 6 महीने की कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.इस मामले में जयाप्रदा ने एग्मोर कोर्ट के आदेश के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में केस दायर किया था. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जयचंद्रन के समक्ष आया.
जयाप्रदा की ओर से पेश वकील ने कहा कि 'ईएसआई को इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है कि कर्मचारियों ने पैसे क्यों नहीं दिए, ईएसआई की ओर से बिना कोई नोटिस भेजे सीधे मामला दायर किया गया'. 'मामले में फैसला सुनाने वाले मद्रास एचसी जज ने एग्मोर कोर्ट द्वारा लगाए गए 6 महीने के कारावास की पुष्टि की और याचिका खारिज कर दी क्योंकि जयाप्रदा ने ईएसआई कर्मचारियों द्वारा पैसे लौटाने के बारे में कुछ भी रिपोर्ट नहीं की थी'. साथ ही कोर्ट ने जयाप्रदा को 15 दिन के अंदर संबंधित एग्मोर आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल में सरेंडर करने और 20 लाख रुपये जमा करने का भी आदेश दिया है.