नई दिल्लीः पंगा गर्ल बॉलीवुड अभिनेता कंगना रनौत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक मीडिया संस्थान के हवाले से निर्देशक एसएस राजामौली के बयान पर आलोचना करने वालों पर काफी नाराज दिख रही हैं. राजामौली की ओर से कहा गया है कि 'धर्म अनिवार्य प्रकार के शोषण का यंत्र है.' राजामौली ने हाल में द न्यू यॉर्कर के साथ बातचीत में धर्म के बारे में संक्षेप में ये बात की थी. उन्होंने इस दौरान कहा था कि अलग-अलग धर्म ग्रंथो को पढ़ने के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं. राजामौली के आलोचकों को जवाब देते हुए कंगना ने कहा कि 'मैं एसएस राजामौली सर के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं करूंगी, जो बारिश में लौ की तरह हैं.'
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World has stamped controversial on him for what? What controversy he did? He made a film called Bahubali to glorify our lost civilisation, or he made nationalistic RRR? Or he wore dhoti to international red carpets? What controversy he did ? Please tell me https://t.co/T06aZk3GuW
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हर जगह भगवा झंडा लेकर चलना ठीक नहीं है
अपने ट्विटर हैंडल पर कंगना रनौत ने पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा है था 'द फाउंटनेहेज से प्रेरित एसएस राजमौली सर कहते हैं-धर्म अनिवार्य रूप से शोषण का यंत्र है.' कंगना ने लिखा ' इस पर पर ओवररिएक्ट करने की जरुरत नहीं है, हर जगह भगवा झंडा लेकर चलना ठीक नहीं है. हमारे काम शब्दों से ज्यादा जोर बोलती हैं. एक गर्वित हिंदू होने के नाते सभी प्रकार के हमलों, आलोचनाओं, नकरात्मक आह्वान, ट्रोलिंग के बाद भी हम सभी के लिए फिल्में बनाते हैं. हम कलाकार समाज में विशेष रूप से कमजोर होते हैं. कंगना ने एसएस राजामौली को 'राष्ट्रवादी' और 'योगी' कहते हुए कहा कि 'चंकि हमें सो काल्ड दक्षिणपंथी से भी कोई समर्थन नहीं मिलता है. हम बिलकुल अपने दम पर हैं, मैं एसएस राजमौली सर के साथ हूं. मैं उनके खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं करुंगी.
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No need to overreact, it’s ok not to carry Bhagwa Jhandi everywhere, our actions speak louder than words. Being a proud hindu calls upon all kind of attacks, hostility,trolling and huge amount of negativity, we make movies for everyone, we artists are vulnerable especially( cont) https://t.co/xz77oCXJrq
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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'धर्म शोषण का यंत्र है'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार द न्यू यॉर्कर को दिए एक इंटरव्यू में राजामौली ने कहा था, मुझे याद है, एक वयस्क के रूप में मुझे धार्मिक कहानियों को पढ़ने पर मुझे संदेह हुआ. जब मैं सोचता था तो मुझे ये कहानियां वास्तविक नहीं लगता था. फिर मैं अपने परिवार के धार्मिक प्रवृति के कारण इसमें फंस गया. इसके बाद मैंने धार्मिक ग्रंथ पढ़ना शुरू कर दिया, तीर्थ यात्रा पर जाने लगा, भगवा वस्त्र पहनने लगा. इस दौरान कुछ सालों तक मैं एक सन्यासी के रूप में रहने लगा था. इसके बाद मैंने ईसाई धर्म कबूल लिया. इसके लिए मैं अपने दोस्तों को धन्यवाद देना चाहता हूं. इसके बाद मैं बाइबल पढ़ता था, चर्च जाता और हर तरह की धार्मिक गतिविधियों में शामिल होता था. इसके बाद मैंने धीरे-धीरे महसूस किया कि 'धर्म अनिवार्य रूप से एक प्रकार से शोषण का यंत्र है.'
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Also it is a well thought of strategy from left wing to use these right wing fools and disintegrate and discredit our own so they have no voice or impact left, how come this old interview suddenly mass mailed and being published with same headlines with same agenda every where?
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