मुंबई: डायरेक्टर सुजॉय घोष की मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म 'जाने जान' 21 सितंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई. इस फिल्म में एक्ट्रेस करीना कपूर खान, जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसी शानदार कास्ट ने काम किया है. इसकी स्टोरी 'द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स' नाम की जापानी क्राइम नॉवेल पर आधारित है, जिसके राइटर कीगो हिगाशिनो हैं. फिल्म एक मिस्ट्री थ्रिलर है, जिसमें प्यार, क्राइम, धोखा, सस्पेंस सबकुछ देखने को मिलेगा, लेकिन देखना ये है कि क्या यह फिल्म ऑडियंस को अंत तक बांधे रखने में सफल होती है या नहीं.
स्टोरी
'जाने जान' की स्टोरी करीना कपूर के किरदार से शुरु होती है, जो कि एक बेटी की सिंगल मदर है और पहाड़ी इलाके में एक कैफे चलाती है. कुछ सालों बाद उसका पति लौट आता है जिसका मर्डर कर दिया जाता है. इसके बाद जयदीप अहलावत का किरदार नरेन जो कि एक जीनियस टीचर और माया का पड़ोसी है उसे दूर से पसंद करता है, इसी बीच माया के पति की मर्डर मिस्ट्री सुलझाने के लिए स्टोरी में एंट्री होती है विजय वर्मा के कैरेक्टर करण आनंद की जो कि पुलिस ऑफिसर है और नरेन का कॉलेज फ्रेंड भी. करण को माया पर शक है कि वही अपने पति कातिल है. जबकि नरेन (जयदीप अहलावत) माया को बचाने की कोशिश करता है, वहीं माया इस मिस्ट्री को बनाए रखती है कि वो मासूम है या किलर. इन तीनों के कैरेक्टर के इर्दगिर्द कहानी घूमती है और ये किस तरह आपस में उलझते हैं इसी में फिल्म का रोमांच छुपा हुआ है.
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कास्टिंग
फिल्म की कास्टिंग काफी जबरदस्त की गई है, करीना कपूर खान, जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसे बेहतरीन कलाकार फिल्म के लेवल को पहले ही बढ़ा चुके हैं. बात करें करीना की तो यह उनकी पहली मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म है, इसके साथ ही उन्होंने इस फिल्म के साथ ओटीटी डेब्यू भी किया है. लेकिन इस तरह की फिल्मों के लिए करीना की एक्टिंग अभी थोड़ी फीकी है. वहीं विजय वर्मा अपने किरदार के साथ हमेशा की तरह जस्टिस करते हैं एक पुलिस ऑफिसर के रुप में विजय ने अपना कैरेक्टर बखूबी प्ले किया है. लेकिन मूवी की असली लाइमलाइट हैं जयदीप, जिनका कैरेक्टर ऑडियंस को लास्ट तक बांधे रखता है. जयदीप का काम पसंद करने वालों को यह फिल्म एक बार जरुर देखनी चाहिए.
क्लाइमैक्स
किसी भी मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म की जान होता है क्लाइमैक्स, लेकिन अगर वही कंफ्यूजिंग हो तो वो ऑडियंस को निराश कर देता है. यही होता है 'जाने जान' के साथ स्टोरी ऑडियंस को आखिरी तक बांधे रखती है लेकिन क्लाइमैक्स थोड़ा निराश कर सकता है. 'द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स' पर 'दृश्यम' जैसी फिल्म भी बनाई जा चुकी है लेकिन जिस तरह से 'दृश्यम' की कहानी आपको रोमांचित करती है और अंत तक कहानी के साथ बांधे रखती है, 'जाने जान' वो काम कर पाती है या नहीं यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.