ETV Bharat / entertainment

सामाजिक मुद्दों पर चोट करती है पिंक, पैडमैन समेत यह शानदार फिल्में, देखिए

author img

By

Published : Nov 17, 2022, 8:08 PM IST

बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं जिन्होंने अपनी शानदार स्टोरी की वजह से बॉक्स ऑफिस पर सफल रही. जैसे सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करना हो तो पैडमैन और ना का मतलब ना के अर्थ को समझना हो तो पिंक जैसी फिल्मों को जरुर देखना चाहिए.

great movies on social issues
सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में

मुंबई: फिल्म...एक समय था जब लोग पॉपकॉर्न के साथ थिएटर या घरों में टीवी के सामने मनोरंजन के लिए बैठ जाते थे. समय बदला और इस चक्र ने फिल्मों को केवल मनोरंजन की लिस्ट से निकालकर एक अहम और गंभीर मुद्दों पर सोचने को मजबूर कर दिया. पिंक, आरक्षण जैसी तमाम फिल्में हैं जिन्होंने दर्शकों को अपनी कहानी में बांधा और देखने का एक अलग ही नजरिया दे दिया. जागरुकता फैलाना और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करना आजकी फिल्मों का एक चैप्टर बन गया. आईए उन फिल्मों पर डालते हैं एक नजर.

पैडमैन (2018): 9 फरवरी 2018 को रिलीज हुई अक्षय कुमार, सोनम कपूर और राधिका आप्टे स्टारर फिल्म महावारी की समस्या और उसके निदान पर फोकस करती है. यह फिल्म अरुणाचलम मुरुगनथम की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित है, जिन्होंने कम लागत वाले सैनिटरी पैड बनाने की मशीन का आविष्कार किया था. मुरुगनानथम ने एक ऐसी मशीन का निर्माण किया था जो सैनिटरी नैपकिन्स सस्ते दाम में बनाती थ. उन्हें इस आविष्कार के लिए पदम श्री से भी नवाजा गया था.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017): हिन्दी फिल्म का निर्देशन श्री नारायण सिंह ने किया है. यह एक हास्य-व्यंग्य फिल्‍म है जो ग्रामीण इलाकों में स्‍वच्‍छता के महत्‍व जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डालती है. फिल्‍म की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍वच्‍छ भारत अभियान से प्रेरित है. भूमि पेडनेकर और अक्षय कुमार स्टारर फिल्म टॉयलेट की समस्या को खूबसूरती से उठाती है.

पिंक (2016): अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित 2016 में रिलीज हिन्दी फिल्म पिंक की बॉक्स ऑफिस पर छा गई. अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, अंगद बेदी, एंड्रिया तारियांग, पीयूष मिश्रा, धृतिमान चटर्जी जैसे सितारों से सजी फिल्म ने दो टूक में बता दिया कि यदि कोई लड़की ना करती है तो उसके ना का मतलब ना होता है. फिल्म को व्यापक सराहना मिली और सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिया गया. इस फिल्म को तमिल में 'निरोकोंडा परवाई' (2019) और तेलुगू में 'वकील साब' (2021) के रूप में बनाया गया है. तीन लड़कियों और उनकी कानूनी लड़ाई को सुंदरता के साथ पिरोया गया है.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

उड़ता पंजाब (2016): हिन्दी थ्रिलर ड्रामा फिल्म का निर्देशन अभिषेक चौबे ने किया है. इसमें मुख्य किरदार में शाहिद कपूर, दिलजीत दोसांझ, करीना कपूर और आलिया भट्ट हैं. यह फिल्म पंजाब में यंग लोगों द्वारा नशीली दवाओं के आदती और उससे जुड़े विभिन्न षड्यंत्रों के आसपास घूमती है. अनुराग कश्यप के प्रोडक्शन हाउस फैंटम फिल्म्स के सहयोग से बनी है,जिसका शोभा कपूर और एकता कपूर के बैनर बालाजी मोशन पिक्चर्स ने निर्माण किया है.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

आरक्षण (2011): आरक्षण का निर्देशन प्रकाश झा और निर्माण सैफ़ अली ख़ान व दिनेश विजन ने किया है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण, मनोज बाजपेयी, तन्वी आजमी और प्रतीक बब्बर ने मुख्य किरदार निभाया है. 12 अगस्त 2011 में रिलीज फिल्म का मुद्दा खूब लहलहाया. विरोध और समर्थन के बीच फिल्म को लोगों ने देखा. आरक्षण में एजुकेशन सिस्टम की मौजूदा स्थिति पर फोकस किया गया.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में रिलीज होगी मलाला यूसुफजई की 'जॉयलैंड', इन शर्तों पर हटा प्रतिबंध

मुंबई: फिल्म...एक समय था जब लोग पॉपकॉर्न के साथ थिएटर या घरों में टीवी के सामने मनोरंजन के लिए बैठ जाते थे. समय बदला और इस चक्र ने फिल्मों को केवल मनोरंजन की लिस्ट से निकालकर एक अहम और गंभीर मुद्दों पर सोचने को मजबूर कर दिया. पिंक, आरक्षण जैसी तमाम फिल्में हैं जिन्होंने दर्शकों को अपनी कहानी में बांधा और देखने का एक अलग ही नजरिया दे दिया. जागरुकता फैलाना और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करना आजकी फिल्मों का एक चैप्टर बन गया. आईए उन फिल्मों पर डालते हैं एक नजर.

पैडमैन (2018): 9 फरवरी 2018 को रिलीज हुई अक्षय कुमार, सोनम कपूर और राधिका आप्टे स्टारर फिल्म महावारी की समस्या और उसके निदान पर फोकस करती है. यह फिल्म अरुणाचलम मुरुगनथम की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित है, जिन्होंने कम लागत वाले सैनिटरी पैड बनाने की मशीन का आविष्कार किया था. मुरुगनानथम ने एक ऐसी मशीन का निर्माण किया था जो सैनिटरी नैपकिन्स सस्ते दाम में बनाती थ. उन्हें इस आविष्कार के लिए पदम श्री से भी नवाजा गया था.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017): हिन्दी फिल्म का निर्देशन श्री नारायण सिंह ने किया है. यह एक हास्य-व्यंग्य फिल्‍म है जो ग्रामीण इलाकों में स्‍वच्‍छता के महत्‍व जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डालती है. फिल्‍म की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍वच्‍छ भारत अभियान से प्रेरित है. भूमि पेडनेकर और अक्षय कुमार स्टारर फिल्म टॉयलेट की समस्या को खूबसूरती से उठाती है.

पिंक (2016): अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित 2016 में रिलीज हिन्दी फिल्म पिंक की बॉक्स ऑफिस पर छा गई. अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, अंगद बेदी, एंड्रिया तारियांग, पीयूष मिश्रा, धृतिमान चटर्जी जैसे सितारों से सजी फिल्म ने दो टूक में बता दिया कि यदि कोई लड़की ना करती है तो उसके ना का मतलब ना होता है. फिल्म को व्यापक सराहना मिली और सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिया गया. इस फिल्म को तमिल में 'निरोकोंडा परवाई' (2019) और तेलुगू में 'वकील साब' (2021) के रूप में बनाया गया है. तीन लड़कियों और उनकी कानूनी लड़ाई को सुंदरता के साथ पिरोया गया है.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

उड़ता पंजाब (2016): हिन्दी थ्रिलर ड्रामा फिल्म का निर्देशन अभिषेक चौबे ने किया है. इसमें मुख्य किरदार में शाहिद कपूर, दिलजीत दोसांझ, करीना कपूर और आलिया भट्ट हैं. यह फिल्म पंजाब में यंग लोगों द्वारा नशीली दवाओं के आदती और उससे जुड़े विभिन्न षड्यंत्रों के आसपास घूमती है. अनुराग कश्यप के प्रोडक्शन हाउस फैंटम फिल्म्स के सहयोग से बनी है,जिसका शोभा कपूर और एकता कपूर के बैनर बालाजी मोशन पिक्चर्स ने निर्माण किया है.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

आरक्षण (2011): आरक्षण का निर्देशन प्रकाश झा और निर्माण सैफ़ अली ख़ान व दिनेश विजन ने किया है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण, मनोज बाजपेयी, तन्वी आजमी और प्रतीक बब्बर ने मुख्य किरदार निभाया है. 12 अगस्त 2011 में रिलीज फिल्म का मुद्दा खूब लहलहाया. विरोध और समर्थन के बीच फिल्म को लोगों ने देखा. आरक्षण में एजुकेशन सिस्टम की मौजूदा स्थिति पर फोकस किया गया.

  • " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में रिलीज होगी मलाला यूसुफजई की 'जॉयलैंड', इन शर्तों पर हटा प्रतिबंध

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.