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Children's Day 2022: बाल दिवस पर बच्चों को जरूर दिखाएं ये 5 फिल्में, मिलेगी अच्छी सीख

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर) के मौके पर देश में बाल दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर आप अपने बच्चों को इन 5 में से एक भी फिल्म दिखाते हैं तो उन्हें जिंदगी की अच्छी सीख मिल सकती है.

Childrens Day 2022
Childrens Day 2022
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Published : Nov 14, 2022, 11:53 AM IST

हैदराबाद : आज पूरे देश में बाल दिवस (14 नवंबर) मनाया जा रहा है. इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. नेहरू का बच्चों में बेहद खास लगाव रहा था, इसलिए उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा जाता है. अगर आप इस इस दिन को अपने बच्चों के लिए खास बनाना चाहते हैं तो आप उन्हें घुमाने-फिराने भी ले जा सकते हैं. अगर, इस बाल दिवस बच्चों संग आपका घर रहने का ही प्लान है, तो आप अपने बच्चों को नीचे दी गई इन 5 फिल्मों को दिखा सकते हैं, जो बच्चों को बड़ी सीख देती हैं. इस खास अवसर पर हम आपका बताने जा रहे हैं उन 5 बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जिन्हें देखने के बाद आपको बच्चे की सोच और समझ में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है. यह सभी फिल्में बच्चों पर ही आधारित हैं.

आई एम कलाम (I Am Kalam)

5 अगस्त 2011 को रिलीज हुई नील माधव पंडा द्वारा निर्देशित नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म (National Award Winning Film) 'आय एम कलाम' बेहद सधी हुई फिल्म है. इस फिल्म को हर बच्चे के लिए देखना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस फिल्म से बच्चे को यह सीख मिलेगी कि किसी भी काम करने के लिए दृढ़निश्चयी होना जरूरी है. फिल्म की कहानी की बात करें तो, यह उस बच्चे पर आधारित है जो अंग्रेजी सीखने की जिद्द पर अड़ जाता है.

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स्टेनली का डिब्बा (Stanley Ka Dabba)

फिल्म 'स्टेनली का डिब्बा' (Stanley Ka Dabba) 13 मई 2011 को रिलीज हुई थी. अमोल गुप्ते ने फिल्म 'स्टेनली का डिब्बा' को डायरेक्ट किया था. यह फिल्म भी बच्चों के लिए एक बड़ी सीख देने वाली और बेहतरीन फिल्म है. फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है कि फिल्म का रोमांच आखिरी तक बना रहता है. बच्चों को दिखाने के लिए फिल्म बेहद सीख वाली है.

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चिल्लर पार्टी (Chillar Party)

डायरेक्टर नितेश तिवारी और विकास बहल के निर्देशन में बनी फिल्म 'चिल्लर पार्टी' भी एक खूबसूरत फिल्म है. यह फिल्म भी साल 2011 में रिलीज हुई थी. फिल्म में दिखाया गया है हमें जानवरों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए.

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निल बटे सन्नाटा (Nil Battey Sannata)

यह फिल्म बेहद मार्मिक है. फिल्म की कहानी गरीब मां-बेटी की कहानी पर आधारित है. मां घर-घर काम करती है, ताकि वह अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा इंसान बना सके और उसके सपनों को पूरा कर सके. इस फिल्म से बड़ी सीख यह मिलती है कि सपनों को कभी दबाना नहीं चाहिए, क्योंकि सपनों का मर जाना सबसे खतरनाक होता है. 'निल बटे सन्नाटा' को अश्विनी अय्यर तिवारी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी.

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तारे ज़मीन पर (Taare Zameen Par)

आखिर में, आमिर खान स्टारर फिल्म 'तारे जमीन पर' 21 दिसंबर 2007 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म को आमिर खान और अमोल गुप्ते ने मिलकर तैयार किया था. यह फिल्म सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए देखना भी बहुत जरूरी है. फिल्म कहानी एक ऐसे बच्चे पर आधारित है जो Dyslexic जैसी इनविजिबल बीमारी से जूझता है और वह पढ़ाई में कमजोर होता है. यह बच्चा अपने मां-बाप से हमेशा डांट खाता है. इस फिल्म को कई एंगल से देखना बेहद जरूरी है. पहला इसमें यह सिखाया जाता है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों से कैसे पेश आना चाहिए. दूसरा कमजोर बच्चों को डांट-फटकार कर नहीं बल्कि प्यार से डील करना चाहिए.

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ये भी पढे़ं : Children's Day 2022: काजोल ने छोटी बहन संग शेयर की इतनी क्यूट फोटो, बोलीं- मेरे अंदर का बच्चा...

हैदराबाद : आज पूरे देश में बाल दिवस (14 नवंबर) मनाया जा रहा है. इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. नेहरू का बच्चों में बेहद खास लगाव रहा था, इसलिए उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा जाता है. अगर आप इस इस दिन को अपने बच्चों के लिए खास बनाना चाहते हैं तो आप उन्हें घुमाने-फिराने भी ले जा सकते हैं. अगर, इस बाल दिवस बच्चों संग आपका घर रहने का ही प्लान है, तो आप अपने बच्चों को नीचे दी गई इन 5 फिल्मों को दिखा सकते हैं, जो बच्चों को बड़ी सीख देती हैं. इस खास अवसर पर हम आपका बताने जा रहे हैं उन 5 बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जिन्हें देखने के बाद आपको बच्चे की सोच और समझ में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है. यह सभी फिल्में बच्चों पर ही आधारित हैं.

आई एम कलाम (I Am Kalam)

5 अगस्त 2011 को रिलीज हुई नील माधव पंडा द्वारा निर्देशित नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म (National Award Winning Film) 'आय एम कलाम' बेहद सधी हुई फिल्म है. इस फिल्म को हर बच्चे के लिए देखना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस फिल्म से बच्चे को यह सीख मिलेगी कि किसी भी काम करने के लिए दृढ़निश्चयी होना जरूरी है. फिल्म की कहानी की बात करें तो, यह उस बच्चे पर आधारित है जो अंग्रेजी सीखने की जिद्द पर अड़ जाता है.

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स्टेनली का डिब्बा (Stanley Ka Dabba)

फिल्म 'स्टेनली का डिब्बा' (Stanley Ka Dabba) 13 मई 2011 को रिलीज हुई थी. अमोल गुप्ते ने फिल्म 'स्टेनली का डिब्बा' को डायरेक्ट किया था. यह फिल्म भी बच्चों के लिए एक बड़ी सीख देने वाली और बेहतरीन फिल्म है. फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है कि फिल्म का रोमांच आखिरी तक बना रहता है. बच्चों को दिखाने के लिए फिल्म बेहद सीख वाली है.

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चिल्लर पार्टी (Chillar Party)

डायरेक्टर नितेश तिवारी और विकास बहल के निर्देशन में बनी फिल्म 'चिल्लर पार्टी' भी एक खूबसूरत फिल्म है. यह फिल्म भी साल 2011 में रिलीज हुई थी. फिल्म में दिखाया गया है हमें जानवरों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए.

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निल बटे सन्नाटा (Nil Battey Sannata)

यह फिल्म बेहद मार्मिक है. फिल्म की कहानी गरीब मां-बेटी की कहानी पर आधारित है. मां घर-घर काम करती है, ताकि वह अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा इंसान बना सके और उसके सपनों को पूरा कर सके. इस फिल्म से बड़ी सीख यह मिलती है कि सपनों को कभी दबाना नहीं चाहिए, क्योंकि सपनों का मर जाना सबसे खतरनाक होता है. 'निल बटे सन्नाटा' को अश्विनी अय्यर तिवारी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी.

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तारे ज़मीन पर (Taare Zameen Par)

आखिर में, आमिर खान स्टारर फिल्म 'तारे जमीन पर' 21 दिसंबर 2007 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म को आमिर खान और अमोल गुप्ते ने मिलकर तैयार किया था. यह फिल्म सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए देखना भी बहुत जरूरी है. फिल्म कहानी एक ऐसे बच्चे पर आधारित है जो Dyslexic जैसी इनविजिबल बीमारी से जूझता है और वह पढ़ाई में कमजोर होता है. यह बच्चा अपने मां-बाप से हमेशा डांट खाता है. इस फिल्म को कई एंगल से देखना बेहद जरूरी है. पहला इसमें यह सिखाया जाता है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों से कैसे पेश आना चाहिए. दूसरा कमजोर बच्चों को डांट-फटकार कर नहीं बल्कि प्यार से डील करना चाहिए.

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