मुंबई: बॉलीवुड एक्टर अरमान कोहली को ड्रग्स केस में जमानत मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक साल बाद एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में बंद अरमान को मंगलवार ( 20 सितंबर) को जमानत दे दी है. अरमान को 1 लाख के बॉन्ड पर जमानत मिली है. एक्टर की जमानत याचिका पिछले एक साल से निचली अदालत में खारिज हो रही थी.
किन आधारों पर अरमान कोहली ने मांगी जमानत
इससे पहले अरमान ने कुछ बातें पेश कर जमानत के लिए अर्जी डाली थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ...
अरमान कोहली निर्दोष हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है.
अरमान के खिलाफ ना तो कोई प्रथम दृष्टयता मामला है और ना ही कोई ठोस सबूत. एक्टर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 67 के तहत रिकॉर्ड किया गया बयान ही एकमात्र सबूत है.
बयान और पंचनामा के अलावा, कोहली के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 27A और 29 को लागू करने का प्रथम दृष्टयता आरोप साबित करने के लिए कोई सामग्री नहीं है.
केवल बैंक स्टेटमेंट और व्हाट्सएप चैट एनडीपीएस एक्ट के कड़े प्रावधानों को लागू करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
यहां तक कि चैट्स से भी पता चला है कि कोहली की ओर से एनडीपीएस एक्ट के तहत किसी भी प्रकार के वित्तपोषण या तस्करी से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला है.
लिहाजा कथित तौर पर अरमान के पास से बरामद ड्रग्स की मात्रा 1.2 ग्राम की है, जो बहुत कम है और यह एनडीपीएस एक्ट के तहत गैर-जमानती श्रेणी में नहीं आती है, इसलिए एनडीपीएस एक्ट 37 की धारा की कठोरता यहां लागू नहीं होती है.
व्यक्तिगत स्वतंत्रता अमूल्य है और इसे बनाए रखना ही सभ्य समाज का आधार है.
अभियुक्त कानून की नजर में हैं और उसके भागने का कोई उद्देश्य नहीं है. ऐसे में अभियुक्त को लंबित मामले में कैद रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है.
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