मुंबई : रामानंद सागर की रामायण पर आधारित विवादित फिल्म 'आदिपुरुष' पर विवाद गरमाता जा रहा है. रामायण को आदिपुरुष के रूप में बनाकर इसके लेखक मनोज मुंतशिर ने अपने गले में खतरे की घंटी बांध ली है. फिल्म 'आदिपुरुष' किसी भी नजरिए से दर्शकों को सटीक नजर नहीं लगती है. हर वर्ग का दर्शक इस फिल्म को बकवास बता रहा है. फिल्म पर इतना विवाद गरमा गया है कि इसके लेखक मनोज मुंतशिर को घर-घर में दुश्मन की नजर से देखा जा रहा है.
ऐसे में मनोज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्होंने मुंबई पुलिस से कड़ी सुरक्षा की मांग की है. अब मनोज मुंतशिर की अर्जी पर मुंबई पुलिस ने फैसला करते हुए और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मनोज को पुलिस सुरक्षा दे दी है. मनोज ने आदिपुरुष में इतने घटिया और भद्दे डायलॉग लिखे हैं, जिससे पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है.
बता दें, ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म 'आदिपुरुष' में साउथ एक्टर प्रभास राम, कृति सेनन सीता और सैफ अली खान ने रावण का किरदार निभाया है. फिल्म बीती 16 जून को देश और दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है और विवाद के बीच बीते तीन दिनों में बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर दिया है.
फिल्म के विवादित डायलॉग्स
हनुमान जैसे ही सीता की तलाश में लंका पहुंचते हैं तो एक राक्षस उन्हें देख कहता है, 'ये लंका क्या तेरी बुआ का बगीचा है, जो हवा खाने यहां चला आया'.
जब सीता से मिलने के बाद हनुमान लंका में पकड़े जाते हैं, तो मेघनाथ उनकी पूंछ में आग लगाकर पूछते हैं, जली. फिर इसके जवाब में हनुमान के डायलॉग होते हैं, तेल तेरे बाप का, कपड़ा तेरे बाप का और जलेगी भी तेरे बाप की'.
लंका से लौटने के बाद हनुमान से जब राम पूछते हैं क्या हुआ?, हनुमान का जवाब- बोल दिया जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उनकी लंका लगा देंगे.
लक्ष्मण पर हमले के वक्त मेघधूत के डायलॉग, मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया, अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है.
इतना ही नहीं दर्शकों को हनुमान का लुक मुस्लिम लुक की तरह लग रहा है और वह इसका विरोध कर रहा है.