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तमिलनाडु : भाषा फार्मूले पर विवाद बढ़ा, सरकार की सफाई- भाषा थोपने का इरादा नहीं

तमिलनाडु में तीन भाषा फार्मूले के शिक्षा मसौदे पर सियासत तेज हो गई है. द्रमुक सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीन भाषा फार्मूले का कड़ा विरोध किया है. विवाद बढ़ता देख सरकार ने सफाई दी है. जानें क्या है पूरा मामला..

पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
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Published : Jun 1, 2019, 11:43 PM IST

Updated : Jun 1, 2019, 11:58 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु में द्रमुक सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित तीन भाषा फार्मूले का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इसे ठंडे बस्ते में डालने की मांग करते हुए दावा किया कि यह हिंदी को थोपने के समान है. हालांकि, सरकार की तरफ से बाद में कहा गया कि किसी पर भी भाषा थोपने का कोई विचार नहीं है.

नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को लेकर विवाद बढ़ता देख मौजूदा सूचना एवं प्रसारण और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है. दक्षिण भारतीय राज्यों में कथित तौर पर हिंदी भाषा थोपने को लेकर जारी विरोध पर जावड़ेकर ने कहा कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी भाषाओं का विकास चाहते हैं.

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प्रकाश जावड़ेकर का बयान

तमिलनाडु सरकार ने मामले को शांत करऩे का प्रयास करते हुए कहा कि वह दो भाषा फार्मूले को जारी रखेगी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तमिल में किये गए विभिन्न ट्वीट में कहा, 'स्कूलों में तीन भाषा फार्मूले का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि वे हिंदी को एक अनिवार्य विषय बनाएंगे.....'

उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा सरकार का असली चेहरा उभरना शुरू हो गया है.'

एमएनएम प्रमुख कमल हासन ने कहा कि 'चाहे भाषा हो या कोई परियोजना' हम नहीं चाहते कि वह हम पर थोपी जाए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ विधिक उपाय तलाशेगी.

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कमल हासन का बयान

पढ़ें: जीनियस है आठ साल का निअल, 106 भाषाओं को लिखने-पढ़ने में हासिल है महारत

राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोतैयां ने पुतिया तलैमुराई ने कहा, 'तमिलनाडु में अपनाये जा रहे दो भाषा फार्मूले में कोई परिवर्तन नहीं होगा. केवल तमिल और अंग्रेजी ही राज्य में पढ़ायी जाती रहेगी.'

द्रमुक नेता स्टालिन ने तमिलनाडु में 1937 में हिंदी विरोधी आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि 1968 से राज्य दो भाषा फार्मूले का ही पालन कर रहा है जिसके तहत केवल तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है.

उन्होंने केंद्र से सिफारिशों को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि यह तीन भाषा फार्मूले की आड़ में हिंदी को 'थोपना' है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद में शुरू से ही इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.

उन्होंने अन्नाद्रमुक पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी इसका कड़ा विरोध करें और ऐसा नहीं करने पर अपनी पार्टी के नाम से अन्ना और द्रविड़ शब्द हटा दें.

इस बीच ट्विटर पर #StopHindiImposition, #TNAgainstHindiImposition ट्रेंड करने लगा.

द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि तीन भाषा फार्मूला 'प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक हिंदी पर जोर देता है. यह बड़ी हैरान करने वाली बात है' और यह सिफारिश देश को 'बांट' देगी.

मसौदा नीति जानेमाने वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली एक समिति ने तैयार की है जिसे शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया.

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तिरुचि शिवा का बयान

भाकपा के साथ ही लोकसभा चुनाव में भाजपा की सहयोगी पीएमके ने भी आरोप लगाया कि तीन भाषा फार्मूले की सिफारिश 'हिंदी थोपना' है और वह चाहती हैं कि इसे खारिज किया जाए.

चेन्नई: तमिलनाडु में द्रमुक सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित तीन भाषा फार्मूले का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इसे ठंडे बस्ते में डालने की मांग करते हुए दावा किया कि यह हिंदी को थोपने के समान है. हालांकि, सरकार की तरफ से बाद में कहा गया कि किसी पर भी भाषा थोपने का कोई विचार नहीं है.

नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को लेकर विवाद बढ़ता देख मौजूदा सूचना एवं प्रसारण और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है. दक्षिण भारतीय राज्यों में कथित तौर पर हिंदी भाषा थोपने को लेकर जारी विरोध पर जावड़ेकर ने कहा कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी भाषाओं का विकास चाहते हैं.

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प्रकाश जावड़ेकर का बयान

तमिलनाडु सरकार ने मामले को शांत करऩे का प्रयास करते हुए कहा कि वह दो भाषा फार्मूले को जारी रखेगी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तमिल में किये गए विभिन्न ट्वीट में कहा, 'स्कूलों में तीन भाषा फार्मूले का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि वे हिंदी को एक अनिवार्य विषय बनाएंगे.....'

उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा सरकार का असली चेहरा उभरना शुरू हो गया है.'

एमएनएम प्रमुख कमल हासन ने कहा कि 'चाहे भाषा हो या कोई परियोजना' हम नहीं चाहते कि वह हम पर थोपी जाए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ विधिक उपाय तलाशेगी.

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कमल हासन का बयान

पढ़ें: जीनियस है आठ साल का निअल, 106 भाषाओं को लिखने-पढ़ने में हासिल है महारत

राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोतैयां ने पुतिया तलैमुराई ने कहा, 'तमिलनाडु में अपनाये जा रहे दो भाषा फार्मूले में कोई परिवर्तन नहीं होगा. केवल तमिल और अंग्रेजी ही राज्य में पढ़ायी जाती रहेगी.'

द्रमुक नेता स्टालिन ने तमिलनाडु में 1937 में हिंदी विरोधी आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि 1968 से राज्य दो भाषा फार्मूले का ही पालन कर रहा है जिसके तहत केवल तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है.

उन्होंने केंद्र से सिफारिशों को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि यह तीन भाषा फार्मूले की आड़ में हिंदी को 'थोपना' है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद में शुरू से ही इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.

उन्होंने अन्नाद्रमुक पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी इसका कड़ा विरोध करें और ऐसा नहीं करने पर अपनी पार्टी के नाम से अन्ना और द्रविड़ शब्द हटा दें.

इस बीच ट्विटर पर #StopHindiImposition, #TNAgainstHindiImposition ट्रेंड करने लगा.

द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि तीन भाषा फार्मूला 'प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक हिंदी पर जोर देता है. यह बड़ी हैरान करने वाली बात है' और यह सिफारिश देश को 'बांट' देगी.

मसौदा नीति जानेमाने वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली एक समिति ने तैयार की है जिसे शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया.

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तिरुचि शिवा का बयान

भाकपा के साथ ही लोकसभा चुनाव में भाजपा की सहयोगी पीएमके ने भी आरोप लगाया कि तीन भाषा फार्मूले की सिफारिश 'हिंदी थोपना' है और वह चाहती हैं कि इसे खारिज किया जाए.

ZCZC
PRI GEN NAT
.CHENNAI MDS11
TN-HINDI IMPOSITION-PARTIES(R)
TN parties cry foul over national policy on language formula
         (Eds: Adds words in first para)
         Chennai, Jun 1 (PTI) Parties in Tamil Nadu including
the DMK Saturday strongly opposed the three language formula's
continuation with add-on features proposed in the draft
National Education Policy alleging it was tantamount to
"thrusting" Hindi and wanted it junked.
         The Tamil Nadu government said it would continue with
the two-language formula, seeking to cool frayed tempers.
         Senior Congress leader P Chidambaram in a series of
tweets in Tamil said: "what is the meaning of three language
formula in schools? The meaning is they will make Hindi a
compulsory subject..."
         In another tweet, he said "If Hindi language is a
compulsory subject its import is imposition of Hindi."
         "The BJP government's real face is beginning to
emerge..." he also tweeted.
         Meanwhile, "#StopHindiImposition,
#TNAgainstHindiImposition trended on the microblogging site
Twitter.
         The three language formula which bats for Hindi from
"pre-school to class 12 was a big shocker," and the
recommendation would "divide" the country, DMK chief M K
Stalin said.
         The draft policy prepared by a panel led by eminent
scientist K Kasturirangan was unveiled on Friday.
         Recalling the anti-Hindi agitations beginning as early
as 1937 in Tamil Nadu, the DMK leader in a statement here said
since 1968 the State was following the two-language formula of
learning only Tamil and English.
         The DMK would never tolerate imposition of Hindi and
strongly oppose it. "Still, I believe that the Central BJP
government will not make way for another language stir," he
said.
         The Dravidian party also said recommendations like
"Gurukula" mode of education, teaching Sanskrit and sending
Hindi teachers from Hindi speaking States to non-Hindi
speaking States would in due course cause a "big danger" to
non-Hindi speaking people.
         The recommendations, the DMK said rather than lifting
the standards of education has led to doubts that it had
"ulterior motives" like imposition of Hindi on non-Hindi
speaking States and thrusting Sanskrit in schools.
         Recalling Jawaharlal Nehru's assurance that English
would continue to be in use till such time desired by
non-Hindi speaking States, he also pointed out that the State
had enacted years ago a Compulsory Tamil Learning Act.
         Demanding the Centre to reject the draft
recommendations which was "imposition," of Hindi under the
garb of three-language formula, he said his party MPs would
voice their strong opposition in Parliament as soon as the
House was convened.
         Taking potshots at the AIADMK for being what it called
a "yes master," to the Centre, he wanted Chief Minister K
Palaniswami to strongly oppose it and if not remove the words
"Anna," and "Dravida," from his party's name.
         The AIADMK is an abbreviation for All India Anna
Dravida Munnetra Kazhagam.
         The BJP must never even dream to implement three
language formula in Tamil Nadu and such a "greedy dream,"
would lead to "catastrophic," consequences for them, he said.
         Parties including the CPI and BJP's ally in the Lok
Sabha polls, the PMK too alleged the recommendation on the
three language formula was "imposition of Hindi" and wanted
scrapping it.
         Makkal Needhi Maiam chief Kamal Haasan said "be it
language or a project, if we do not like that, it should not
be forced on us." He said his party would pursue legal options
against it.
         Education Minister K A Sengottaiyan told Puthiya
Thalaimurai Tamil news channel: "There will be no deviation
from the two-language formula followed in Tamil Nadu. Only
Tamil and English will continue to be taught in our State."
         The draft National Education Policy, 2019 available on
the government website said the three-language formula will
need to be implemented in its spirit throughout the country,
promoting multilingual communicative abilities for a
multilingual country.
         Schools in Hindi speaking areas should also offer and
teach Indian languages from other parts of India, it said.
         The three language formula, followed since the
adoption of the National Policy on Education 1968 and endorsed
in subsequent years will be continued.
         Since research now clearly showed that children picked
up languages quickly between the ages of 2 and 8, and moreover
that multilingualism has great cognitive benefits to students,
children will now be immersed in three languages early on,
starting from the foundational stage onwards, it said.
         "...students who wish to change one of the three
languages they are studying may do so in Grade 6, so long as
the study of three languages by students in the Hindi-speaking
states would continue to include Hindi and English and one of
the modern Indian languages from other parts of India, ...
while the study of languages by students in the
non-Hindi-speaking states would include the regional language,
Hindi and English."
         Also, every student will take a fun course on "The
Languages of India" sometime in Grades 6-8.
         The draft policy said India also has "an extremely
rich literature in other classical languages, including
classical Tamil, as well as classical Telugu, Kannada,
Malayalam, and Odia, in addition to Pali, Persian, and
Prakrit; these classical languages and their literatures too
must be preserved for their richness and for the pleasure and
enrichment of posterity."
         A choice of foreign languages like French and German,
would be offered and available to interested students to
choose as electives during secondary school. PTI VGN
SS

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06012004
NNNN
Last Updated : Jun 1, 2019, 11:58 PM IST
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