नई दिल्ली: अलीपुर में देर रात अज्ञात वाहन की टक्कर से स्कूटी सवार दो युवतियां गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिसमें एक युवती की मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई. परी एवं कनक अपने परिवार के साथ बजीराबाद के संगम विहार इलाके में रहती थी. वे दोनों रात को स्कूटी से पानीपत के लिए रवाना हुईं, लेकिन अलीपुर इलाके में साईं मंदिर के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिससे दोनों युवतियां सड़क पर घंटों लहूलुहान पड़ी रहीं.
अस्पतालों की लापरवाही के चलते गई एक युवती की जान
हादसे में दोनों युवतियां जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं. इस बीच लोग तमाशबीन बनकर सिर्फ उन्हें तड़पते हुए देख रहे थे, लेकिन कोई भी उनकी सहायता नहीं कर रहा था. तभी अलीपुर निवासी कैब चालक राज मोहम्मद फोर्टिस अस्पताल से अपने घर लौट रहा था. उसने साईं मंदिर के पास लोगों की भीड़ जमा देखी, तो वह भी रुक गया.
उसने भीड़ में देखा कि दो युवतियां बुरी तरह से घायल हालत में पड़ी हैं और लोग तमाशाबीन बने हुए हैं. तभी राज मोहम्मद ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए दोनों युवतियों को अपनी कैब में बैठाया और सबसे पहले नरेला के हरिश्चंद्र अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने इलाज करने से इंकार कर दिया और यह कहा कि यह कोविड-19 अस्पताल है.
ये भी पढ़ें:-मंदिर मार्ग थाना: स्कूटी स्लिप होने से चालक की मौत, दोस्त गंभीर
उसके बाद कई अस्पतालों में चक्कर काटे और आखिर में महर्षि बाल्मीकि अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने कनक को मृत घोषित कर दिया और परी को इलाज के लिए भर्ती कर लिया, जहां परी की हालत खतरे से बाहर है. राज मोहम्मद ने जिस तरीके से इंसानियत और सामाजिकता दिखाते हुए घायल युवतियों की मदद की, जिसके चलते एक युवती की जान बच सकी. जरूरत है कि राजधानी दिल्ली में अब हर कोई तमाशबीन बनने की जगह इसी तरह एक दूसरे की सहायता करने के लिए आगे आए.