नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच द्वारा दिल्ली में रेमेडेसीवीर दवा को सप्लाई करने के मामले में, जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, पुलिस को शक है कि वह नकली दवा बेच रहे थे. इस मामले में बरामद की गई रेमेडेसीवीर दवा के तार उत्तराखंड से जुड़े हैं. वहां से पुलिस ने वतन सिंह नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसने इस दवा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, क्राइम ब्रांच के साथ साझा की है, जिसके आधार पर आगे छापेमारी चल रही है.
![Fake Remediesvir](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/dl-ndl-01-crimebranch-busted-gangselling-fakeremidisivir-7201351_28042021203423_2804f_1619622263_463.jpg)
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि हाल ही में सूचना मिली थी कि रेमेडेसीवीर नामक दवा की कालाबाजारी की जा रही है. इसे लेकर बीते दिनों कई गैंग क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए हैं. ऐसा ही एक गैंग क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल ने दक्षिण दिल्ली स्थित बत्रा अस्पताल के पास से पकड़ा था. क्राइम ब्रांच ने यहां से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर, रेमेडेसीवीर इंजेक्शन के 10 वायल बरामद किए थे. पुलिस को आरोपियों ने बताया था कि वह एक महिला से इंजेक्शन लेकर, इसे अस्पताल के बाहर मरीज के परिजनों को 30 से 40 हजार रुपये में बेचते थे. इसकी जानकारी पर पुलिस टीम ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है.
महिला के खुलासे पर हुई उत्तराखंड से गिरफ्तारी
पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस को बताया कि वह उत्तराखंड के रुड़की निवासी वतन सिंह से रेमेडेसीवीर दवा लेकर, उसे आगे बेचने के लिए देती थी. इस खुलासे पर क्राइम ब्रांच की एक टीम उत्तराखंड पहुंची और वहां से वतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से रेमेडेसीवीर दवा की, जो डोज बरामद हुई हैं, उसके नकली होने का शक पुलिस अधिकारियों को है. पुलिस ने आरोपी को आज अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया है. उसने पुलिस को इस शख्स के बारे में जानकारी दी है, जो उसे यह दवा दे रहा था. पुलिस टीम अब उस मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है.
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- असली दवा में रेमेडेसीवीर के ऊपर Rx लिखा हुआ है, जबकि नकली दवा में यह नहीं लिखा है.
- असली दवा में लाल रंग की वार्निंग लेबल मौजूद है.
- नकली दवा में इंडिया लिखते समय india (India सही) में आई कैपिटल नहीं लिखा गया है.
- नकली दवा में तेलंगाना की स्पेलिंग गलत है.