नई दिल्लीः गुरुग्राम स्थित एक प्रॉपर्टी को अलग-अलग बैंक में गिरवी रखकर जालसाज ने सात करोड़ रुपये का लोन ले लिया. यह रकम एकत्रित कर आरोपी फरार हो गया. विभिन्न बैंक से मिली शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपी राजीव राठी को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस इस फर्जीवाड़े में बैंक अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी जांच कर रही है.
शाखा के अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार, रत्नाकर बैंक लिमिटेड (आरबीएल) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को जालसाजी की शिकायत की गई थी. उन्होंने बताया कि शगुन एंटरप्राइजेज के मालिक राजीव राज राठी ने होम लोन लिया था. इसके एवज में गुरुग्राम स्थित एक प्रॉपर्टी को बैंक में गिरवी रखा गया था. सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद, बैंक ने होम लोन दे दिया.
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आरबीएल बैंक की तरफ से 2.5 करोड़ रुपये, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से 1.30 करोड रुपये का लोन दिया गया. इसके बाद, जब उसके द्वारा लोन की किश्त नहीं आई, तो बैंक की तरफ से, इस बाबत अखबार में विज्ञापन देने की प्रक्रिया को शुरू किया गया. बाद में पता चला कि इलाहाबाद बैंक से, भी इस प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन लिया गया है.
बैंक की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया. एसीपी वीरेंद्र सजवाण की देखरेख में एसआई नवीन दहिया और रितेश की टीम ने जांच में पाया कि आरोपी राजीव राठी ने शाहदरा में दफ्तर खोला था. राजीव ने इस प्रॉपर्टी को इलाहाबाद बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आरबीएल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पीएनबी और ओबीसी बैंक के साथ गिरवी रखा था. इस तरह से वह लगभग 7 करोड़ रुपये का लोन प्रॉपर्टी पर ले चुका था. इसके बाद से पुलिस टीम लगातार, उसकी तलाश में दबिश दे रही थी.
पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर, आरोपी राजीव को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया. राजीव ने पुलिस को बताया कि साथियों के साथ मिलकर शगुन एंटरप्राइजेज नाम से दफ्तर, उसने केवल ठगी के लिए खोला था. इसके लिए उसने गुरुग्राम की प्रॉपर्टी के रंगीन दस्तावेज तैयार किए और अलग-अलग बैंक से लोन अप्लाई कर दिया. लोन लेने के बाद, वह फरार हो गया था.