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सुशील की आपराधिक गतिविधियों को खंगाल रही पुलिस, आरोप पत्र में बताएगी सच्चाई

सागर हत्याकांड मामले (Sagar Rana Murder Case) में पहलवान सुशील कुमार (wrestler sushil kumar) की आपराधिक गतिविधियों के बारे में दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस (Delhi crime branch police) जानकारी जुटाने में जुटी हुई है.

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पहलवान सुशील कुमार
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Published : Jun 3, 2021, 12:04 PM IST

नई दिल्ली: हत्या के मामले में गिरफ्तार सुशील (wrestler sushil kumar) क्या आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त था..? क्या वह प्रॉपर्टी विवाद (property dispute) के मामलों में लिप्त था..? क्या वह सट्टे से भी कमाई कर रहा था..? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब क्राइम ब्रांच की टीम तलाश रही है. क्राइम ब्रांच को अभी तक की जांच में ऐसी कुछ जानकारी मिली है, जिनके अनुसार सुशील आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन इस बाबत कोई साक्ष्य उन्हें नहीं मिला है.

सुशील की आपराधिक गतिविधियों को खंगाल रही पुलिस

जानकारी के अनुसार, सागर हत्याकांड (Sagar Rana Murder Case) की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है. इस मामले में 9 दिन की न्यायिक रिमांड के बाद सुशील जेल चला गया है. पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया है कि सुशील ने 10 दिन तक जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उसकी तीन दिन की रिमांड मांगी गई थी. लेकिन अदालत ने उसे जेल भेज दिया.

ये भी पढ़ें:-पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ ये चार महत्वपूर्ण साक्ष्य बनेंगे गले की फांस

इस मामले में अब पुलिस आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है. पुलिस के पास कई महत्वपूर्ण साक्ष्य एवं गवाह हैं, जिनकी मदद से सुशील के अपराध को साबित करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन सूत्रों की मानें तो पुलिस न केवल हत्या का यह मामला, बल्कि सुशील द्वारा की जा रही अन्य आपराधिक गतिविधियों की भी जानकारी जुटा रही है.


भूमि कब्जाने से लेकर सट्टे की हो रही जांच

पुलिस सूत्रों ने बताया कि छानबीन के दौरान उन्हें पता चला है कि कुछ सट्टा माफियाओं से सुशील के लिंक थे. इस बारे में पूछताछ के दौरान सुशील ने इनकार किया है, लेकिन इस लिंक को लेकर क्राइम ब्रांच जांच कर रही है. दूसरी तरफ पुलिस को यह भी पता चला है कि जमीन कब्जाने एवं छुड़वाने के काम भी सुशील और उसके साथी पहलवान करते थे.

ये भी पढ़ें:-सागर हत्याकांड: अपने साथी भी सुशील को दे रहे दगा, हत्या के लिए उसे बताया जिम्मेदार

सुशील ने इस आरोप से भी इंकार किया है, लेकिन अपने स्तर पर पुलिस इसे लेकर जानकारी जुटा रही है. पुलिस को पता चला है कि कुछ साल पहले सुशील ने टोल टैक्स वसूलने का ठेका लिया था. उसी दौरान वह नामी बदमाशों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया, लेकिन अदालत के समक्ष इस बात को साबित करने के लिए उन्हें अहम सबूत चाहिए. यही वजह है कि पुलिस इस एंगल को लेकर जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें:-पहलवान सुशील कुमार के 4 साथी गिरफ्तार



5 अगस्त तक दाखिल होगा आरोप पत्र

सागर हत्याकांड मामले में क्राइम ब्रांच को 5 अगस्त से पहले आरोपपत्र दाखिल करना है क्योंकि इसी दिन हत्याकांड का पहला आरोपी प्रिंस गिरफ्तार हुआ था. पहली गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर पुलिस को आरोपपत्र दाखिल करना होता है. अगर आरोपी न्यायिक हिरासत में हो. संभावना है कि प्रिंस के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ भी इसी आरोपपत्र में जानकारी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सुशील के खिलाफ पूरक आरोपपत्र 23 अगस्त तक दाखिल करने का समय पुलिस के पास होगा.

नई दिल्ली: हत्या के मामले में गिरफ्तार सुशील (wrestler sushil kumar) क्या आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त था..? क्या वह प्रॉपर्टी विवाद (property dispute) के मामलों में लिप्त था..? क्या वह सट्टे से भी कमाई कर रहा था..? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब क्राइम ब्रांच की टीम तलाश रही है. क्राइम ब्रांच को अभी तक की जांच में ऐसी कुछ जानकारी मिली है, जिनके अनुसार सुशील आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन इस बाबत कोई साक्ष्य उन्हें नहीं मिला है.

सुशील की आपराधिक गतिविधियों को खंगाल रही पुलिस

जानकारी के अनुसार, सागर हत्याकांड (Sagar Rana Murder Case) की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है. इस मामले में 9 दिन की न्यायिक रिमांड के बाद सुशील जेल चला गया है. पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया है कि सुशील ने 10 दिन तक जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उसकी तीन दिन की रिमांड मांगी गई थी. लेकिन अदालत ने उसे जेल भेज दिया.

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इस मामले में अब पुलिस आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है. पुलिस के पास कई महत्वपूर्ण साक्ष्य एवं गवाह हैं, जिनकी मदद से सुशील के अपराध को साबित करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन सूत्रों की मानें तो पुलिस न केवल हत्या का यह मामला, बल्कि सुशील द्वारा की जा रही अन्य आपराधिक गतिविधियों की भी जानकारी जुटा रही है.


भूमि कब्जाने से लेकर सट्टे की हो रही जांच

पुलिस सूत्रों ने बताया कि छानबीन के दौरान उन्हें पता चला है कि कुछ सट्टा माफियाओं से सुशील के लिंक थे. इस बारे में पूछताछ के दौरान सुशील ने इनकार किया है, लेकिन इस लिंक को लेकर क्राइम ब्रांच जांच कर रही है. दूसरी तरफ पुलिस को यह भी पता चला है कि जमीन कब्जाने एवं छुड़वाने के काम भी सुशील और उसके साथी पहलवान करते थे.

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सुशील ने इस आरोप से भी इंकार किया है, लेकिन अपने स्तर पर पुलिस इसे लेकर जानकारी जुटा रही है. पुलिस को पता चला है कि कुछ साल पहले सुशील ने टोल टैक्स वसूलने का ठेका लिया था. उसी दौरान वह नामी बदमाशों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया, लेकिन अदालत के समक्ष इस बात को साबित करने के लिए उन्हें अहम सबूत चाहिए. यही वजह है कि पुलिस इस एंगल को लेकर जांच कर रही है.

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5 अगस्त तक दाखिल होगा आरोप पत्र

सागर हत्याकांड मामले में क्राइम ब्रांच को 5 अगस्त से पहले आरोपपत्र दाखिल करना है क्योंकि इसी दिन हत्याकांड का पहला आरोपी प्रिंस गिरफ्तार हुआ था. पहली गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर पुलिस को आरोपपत्र दाखिल करना होता है. अगर आरोपी न्यायिक हिरासत में हो. संभावना है कि प्रिंस के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ भी इसी आरोपपत्र में जानकारी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सुशील के खिलाफ पूरक आरोपपत्र 23 अगस्त तक दाखिल करने का समय पुलिस के पास होगा.

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