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बजट 2020: योगेंद्र यादव बोले- भाषाएं बोलने का बना रिकॉर्ड, आर्थिक मंदी पर चुप्पी - Silence on economic slowdown

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण खत्म होने के बाद योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसान नेता योगेंद्र यादव ने तंज कसते हुए कहा कि देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देनी चाहिए. एक ही भाषण में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े. सबसे लंबे और सबसे उबाऊ भाषण का रिकॉर्ड तो तोड़ा. साथ ही इतना लंबा भाषण देकर कुछ नहीं कहने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

yogendra yadav press conference on budget 2020 in greater noida
भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड आर्थिक मंदी पर चुप्पी बजट 2020 पर योगेंद्र यादव
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Published : Feb 1, 2020, 6:02 PM IST

नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: वित्त मंत्री ने बजट 2020 पेश किया. बजट के दौरान कई बड़े ऐलान किए. ग्रेटर नोएडा के सफीपुर में स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

बजट 2020 पर योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस

'वित्त मंत्री ने भाषण में तोड़े कई रिकॉर्ड'

किसान नेता योगेंद्र यादव ने तंज कसते हुए कहा कि देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देनी चाहिए. एक ही भाषण में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े. सबसे लंबे और सबसे उबाऊ भाषण का रिकॉर्ड तो तोड़ा. साथ ही इतना लंबा भाषण देकर कुछ नहीं कहने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

'भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड बनाया'

स्वराज इंडिया के संस्थापक और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आमतौर पर बजट भाषण में कितने रुपए एलोकेट किए गए हैं. इसको लेकर बात कही जाती है. लेकिन इस भाषण में कोई भी चीज स्पष्ट नहीं थी.

वित्त मंत्री ने भाषाएं बोलने का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. कश्मीरी, फ्रेंच, संस्कृत, हिंदी, तमिल भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. लेकिन सच नहीं बोला. देश मंदी के भयानक दौर गुजर रहा है. मजबूत सरकार है. मजबूत फैसले लेने में सक्षम है. लेकिन किसानों की झोली खाली रही. देश ने बजट को चिंता और आशा के साथ देखना शुरु किया होगा.

'उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार'

किसान नेता अविक साहा ने कहा कि किसान और कृषि केंद्र सरकार की बस पर नहीं चढ़ सके. उन्होंने मोदी सरकार के पिछले बजट के मुताबिक मौजूदा बजट को देखते हुए कहा कि ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 1 लाख 20 हजार करोड़ सरकार ने दिए थे. और इस बजट में 1 लाख 23 हजार करोड़ कर दिए गए हैं. किसानों को सरकार से उम्मीद थी. लेकिन सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी.

'NRC की बजाय बेरोजगार रजिस्टर आए'

युवा हल्ला बोल के सदस्य अनुपम ने कहा कि मौजूदा वक्त में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि NCRB के डाटा के मुताबिक हर 2 घण्टे में तीन बेरोजगार युवा आत्महत्या कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि NRC की जगह सरकार को बेरोजगार रजिस्टर लाना चाहिए. सरकारी नौकरियों में कितने खाली पद हैं. इस बजट में उसका कोई जिक्र नहीं था. सरकार को अब बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और इस पर ध्यान देना चाहिए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन लोगों ने की शिरकत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण खत्म होने के बाद योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेशनल कैंपेन फॉर पीपल राइट टू इनफार्मेशन की सदस्य अमृता जौहरी, युवा हल्ला बोल मूवमेंट के सदस्य अनुपम, स्वराज अभियान के संस्थापक अविक साहा और इंडियन सोशल एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज मौजूद रही.

नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: वित्त मंत्री ने बजट 2020 पेश किया. बजट के दौरान कई बड़े ऐलान किए. ग्रेटर नोएडा के सफीपुर में स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

बजट 2020 पर योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस

'वित्त मंत्री ने भाषण में तोड़े कई रिकॉर्ड'

किसान नेता योगेंद्र यादव ने तंज कसते हुए कहा कि देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देनी चाहिए. एक ही भाषण में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े. सबसे लंबे और सबसे उबाऊ भाषण का रिकॉर्ड तो तोड़ा. साथ ही इतना लंबा भाषण देकर कुछ नहीं कहने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

'भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड बनाया'

स्वराज इंडिया के संस्थापक और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आमतौर पर बजट भाषण में कितने रुपए एलोकेट किए गए हैं. इसको लेकर बात कही जाती है. लेकिन इस भाषण में कोई भी चीज स्पष्ट नहीं थी.

वित्त मंत्री ने भाषाएं बोलने का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. कश्मीरी, फ्रेंच, संस्कृत, हिंदी, तमिल भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. लेकिन सच नहीं बोला. देश मंदी के भयानक दौर गुजर रहा है. मजबूत सरकार है. मजबूत फैसले लेने में सक्षम है. लेकिन किसानों की झोली खाली रही. देश ने बजट को चिंता और आशा के साथ देखना शुरु किया होगा.

'उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार'

किसान नेता अविक साहा ने कहा कि किसान और कृषि केंद्र सरकार की बस पर नहीं चढ़ सके. उन्होंने मोदी सरकार के पिछले बजट के मुताबिक मौजूदा बजट को देखते हुए कहा कि ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 1 लाख 20 हजार करोड़ सरकार ने दिए थे. और इस बजट में 1 लाख 23 हजार करोड़ कर दिए गए हैं. किसानों को सरकार से उम्मीद थी. लेकिन सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी.

'NRC की बजाय बेरोजगार रजिस्टर आए'

युवा हल्ला बोल के सदस्य अनुपम ने कहा कि मौजूदा वक्त में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि NCRB के डाटा के मुताबिक हर 2 घण्टे में तीन बेरोजगार युवा आत्महत्या कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि NRC की जगह सरकार को बेरोजगार रजिस्टर लाना चाहिए. सरकारी नौकरियों में कितने खाली पद हैं. इस बजट में उसका कोई जिक्र नहीं था. सरकार को अब बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और इस पर ध्यान देना चाहिए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन लोगों ने की शिरकत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण खत्म होने के बाद योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेशनल कैंपेन फॉर पीपल राइट टू इनफार्मेशन की सदस्य अमृता जौहरी, युवा हल्ला बोल मूवमेंट के सदस्य अनुपम, स्वराज अभियान के संस्थापक अविक साहा और इंडियन सोशल एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज मौजूद रही.

Intro:वित्त मंत्री ने बज़ट 2020 पेश किया, बज़ट के दौरान कई1 बड़े ऐलान किया। ग्रेटर नोएडा के सफीपुर में स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेता योगेंद्र यादव ने तंज़ कसते हुए कहा कि देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देनी चाहिए। एक ही भाषण में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े, सबसे लंबे और सबसे उबाऊ भाषण का रिकॉर्ड तो तोड़ साथ ही इतना लंबा भाषण देकर कुछ नहीं कहना का भी रिकॉर्ड बनाया है।


Body:"भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड बनाया" स्वराज इंडिया के संस्थापक और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि बजट भाषण में किस्मत में कितने रुपए एलोकेट किए गए हैं इसको लेकर बात कही जाती है लेकिन इस भाषण में कोई भी चीज स्पष्ट नहीं थी। वित्त मंत्री ने भाषाएं बोलने का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया कश्मीरी, फ्रेंच, संस्कृत, हिंदी, तमिल भाषाएं बोलने का रिकॉर्ड तोड़ दिया लेकिन सच नहीं बोला। देश मंदी के भयानक दौर है गुज़र रहा, मजबूत सरकार है मजबूत निर्णय लेने में सक्षम है लेकिन किसानों की झोली खाली रही। देश ने बजट को चिंता और आशा के साथ देखना शुरु किया होगा। "किसानों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी" किसान नेता अविक साहा ने कहा कि किसान और कृषि केंद्र सरकार की बस पर नहीं चढ़ सके। मोदी सरकार के पिछले बजट से मौजूदा बज़ट को देखते हुए कहा कि ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 1 लाख 20 हज़ार करोड़ सरकार ने दिए थे और इस बज़ट में 1 लाख 23 हज़ार करोड़ कर दिए गए है। किसानों को सरकार से उम्मीद थी लेकिन सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। "बेरोजगारी एक राष्ट्रीय आपदा" युवा हल्ला बोल के सदस्य अनुपम ने कहा कि मौजूद समय मे बेरोज़गारी बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि NCRB के डाटा के मुताबिक हर 2 घण्टे में तीन बेरोजगार युवा आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि NRC की जगह सरकार को बेरोजगार रजिस्टर लाना चाहिए, सरकारी नौकरियों में कितने खाली पद हैं इस बजट में उसका कोई जिक्र नहीं था। सरकार को अब बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और इस पर ध्यान देना चाहिए।


Conclusion:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने का बजट भाषण खत्म होने के बाद योगेंद्र यादव ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेशनल कैंपेन फॉर पीपल राइट टू इनफार्मेशन के सदस्य अमृता जौहरी, युवा हल्ला बोल मूवमेंट के सदस्य अनुपम, स्वराज अभियान के संस्थापक अविक साहा और इंडियन सोशल एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज मौजूद रही।
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