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'1 महीने से नहीं मिला रहा काम, पेट भरें या किराया दें'

प्रदूषण को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्माण कार्यों पर लगाई गई रोक की मियाद बढ़ा दी गई है. जिसके कारण एक महीनों से मजदूरों को नहीं मिल रहा काम.

Workers are not getting work for a month due to pollution
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम. etv bharat
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Published : Nov 26, 2019, 3:40 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर लगी रोक की अवधि बढ़ा दी है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा में लेबर चौक का हाल जाना. जिसमें मजदूरों ने कहा कि ऐसा पिछले 15 सालों में नहीं हुआ जैसे अब हो रहा है.

'1 महीने से नहीं मिला रहा काम, पेट भरें या किराया दें'

5 हजार से ज्यादा मजदूरों के पास काम नहीं
मजदूर रविन्द्र ने बताया कि 15 साल से नोएडा में हैं लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यों पर लगी रोक की वजह से 5 हजार से ज्यादा मजदूरों के पास काम नहीं है, जिसकी वजह से परिवार के पालन पोषण भी दिक्कत हो रही है.

पत्थर कटाई से फैलता प्रदूषण
मजदूर सलीम ने बताया कि वो पत्थर कटाई का काम करते हैं, लेकिन पिछले 20 दिनों से उनके पास कोई काम नहीं है. जहां भी काम के लिए जाओ वहां कहते हैं पत्थर कटाई से प्रदूषण फैलता है.

मजदूरों की अपील हटाई जाए रोक
मजदूरों ने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक कोई काम नहीं मिलता. अलग अलग राज्यों से मजदूर दिल्ली में काम करने के लिए आए हैं. लेकिन काम ना होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लग रही है. मजदूरों ने अपील करते हुए कहा कि निर्माण कार्य पर लगी रोक हटाई जाए ताकि मजदूर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सके.

15 अक्टूबर को दिल्ली में लागू हुआ ग्रेप
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाई थी, जिसकी मियाद अब बढ़ा दी गई है. प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. आपको बता दें की दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप सिस्टम लागू किया था. ऐसे में संबधित विभाग नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी.

नई दिल्ली/नोएडा: सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर लगी रोक की अवधि बढ़ा दी है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा में लेबर चौक का हाल जाना. जिसमें मजदूरों ने कहा कि ऐसा पिछले 15 सालों में नहीं हुआ जैसे अब हो रहा है.

'1 महीने से नहीं मिला रहा काम, पेट भरें या किराया दें'

5 हजार से ज्यादा मजदूरों के पास काम नहीं
मजदूर रविन्द्र ने बताया कि 15 साल से नोएडा में हैं लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यों पर लगी रोक की वजह से 5 हजार से ज्यादा मजदूरों के पास काम नहीं है, जिसकी वजह से परिवार के पालन पोषण भी दिक्कत हो रही है.

पत्थर कटाई से फैलता प्रदूषण
मजदूर सलीम ने बताया कि वो पत्थर कटाई का काम करते हैं, लेकिन पिछले 20 दिनों से उनके पास कोई काम नहीं है. जहां भी काम के लिए जाओ वहां कहते हैं पत्थर कटाई से प्रदूषण फैलता है.

मजदूरों की अपील हटाई जाए रोक
मजदूरों ने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक कोई काम नहीं मिलता. अलग अलग राज्यों से मजदूर दिल्ली में काम करने के लिए आए हैं. लेकिन काम ना होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लग रही है. मजदूरों ने अपील करते हुए कहा कि निर्माण कार्य पर लगी रोक हटाई जाए ताकि मजदूर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सके.

15 अक्टूबर को दिल्ली में लागू हुआ ग्रेप
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाई थी, जिसकी मियाद अब बढ़ा दी गई है. प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. आपको बता दें की दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप सिस्टम लागू किया था. ऐसे में संबधित विभाग नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर लगी रोक पर सुनवाई करते हुए अवधि बढ़ा दी है। ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा शहर में बनी लेबर चौक का हाल जाना। मज़दूरों ने दुख बया करते हुए बताया कि स्तिथी बेहद ख़राब है, ऐसे पिछले 15 सालों में नहीं हुआ जैसे अब हो रहा, 1 महीने से काम को तरस रहे हैं। सरकार से पूछा कि घर का किराया दें, बच्चों की फ़ीस या परिवार का पेट भरें?


Body:मज़दूर रविन्द्र ने बताया कि 15 साल से नोएडा में हैं लेकिन ऐसी स्तिथी कभी नहीं रही। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य पर लगी रोक की वजह से 5 हज़ार से ज़्यादा मज़दूर बिना काम के है। मुश्किल से परिवार का पालन पोषण हो रहा है।

मज़दूर सलीम ने बताया वो पत्थर कटाई का काम करते हैं, पिछले 20 दिनों से कम नहीं मिल रहा है। जहां काम के लिए जाओ वो कहते हैं पत्थर कटाई से प्रदूषण फैलता है।

मज़दूरों ने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक रक काम नहीं मिल रहा। भुखमरी की कगार पर परिवार हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से मज़दूर यहां काम करने के लिए आया है सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। मज़दूर ने अपील करते हुए कहा निर्माण कार्य पर लगी रोक हटाई जाए ताकि मज़दूर अपना पेट भर सके।


Conclusion:बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्माणकार्यों पर रोक बढ़ा दी है। ख़राब हो रही है अबोहवा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू है ऐसे में संबधित विभाग नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई भी कर रहा है।
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