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गौतमबुद्ध नगर में अभी तक नहीं बढ़ा यमुना का जल स्तर, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

हर साल गौतमबुद्ध नगर के कुछ गांव और कुछ क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. लोग परेशानियों का सामना करते हैं. इस साल की स्थिति यह है कि मानसून शुरू होने से लेकर अगस्त माह खत्म हो गया और यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी नीचे देखा जा रहा है और बाढ़ जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है. इस वजह से हर साल किसानों की जो खेती बर्बाद हो जाती थी, इस बार बच गई है.

water level of yamuna does not increased yet in gautam budh nagar
गौतमबुद्ध नगर में अभी तक नहीं बढ़ा यमुना का जल स्तर
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Published : Sep 2, 2020, 12:07 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: देश के विभिन्न प्रदेशों में इस समय बाढ़ की भयावह स्थिति बनी हुई है. हर साल हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाता है. गौतमबुद्ध नगर जिले में भी इसका असर देखने को मिलता है.

गौतमबुद्ध नगर में अभी तक नहीं बढ़ा यमुना का जल स्तर

हर साल गौतमबुद्ध नगर के कुछ गांव और कुछ क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. लोग परेशानियों का सामना करते हैं. इस साल की स्थिति यह है कि मानसून शुरू होने से लेकर अगस्त माह खत्म हो गया और यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी नीचे देखा जा रहा है और बाढ़ जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है. इस वजह से हर साल किसानों की जो खेती बर्बाद हो जाती थी, इस बार बच गई है.



गौतमबुद्ध नगर में नहीं बढ़ा जमुना का जल स्तर

हर साल यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. किसानों की खेती बर्बाद होने के साथ ही उनके घरों तक पानी पहुंच जाता है. प्रशासन से लेकर एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद में लगी रहती है.

पूरे जिले में बाढ़ को लेकर लेकर हाय तौबा मचनी शुरू हो जाती है पर इस वर्ष जिले की स्थिति यह है कि यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी कम होने के चलते लोग बाढ़ से प्रभावित नहीं हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना किनारे पहुंचकर देखा कि इस समय पानी पुस्ते से काफी दूर बह रहा है. जबकि हर साल अगस्त में पुस्ते तक पानी आ जाता था.


जल स्तर बढ़ने की संभावना!

आने वाले दिनों में हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी खोले जाने की संभावना है. बैराज से कितने क्यूसिक पानी खोला जाएगा, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है पर उम्मीद है कि जल्द ही कुछ क्यूसिक पानी खोला जाएगा !

उम्मीद जताई जा रही है कि पानी छोड़ने के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है.

नई दिल्ली/नोएडा: देश के विभिन्न प्रदेशों में इस समय बाढ़ की भयावह स्थिति बनी हुई है. हर साल हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाता है. गौतमबुद्ध नगर जिले में भी इसका असर देखने को मिलता है.

गौतमबुद्ध नगर में अभी तक नहीं बढ़ा यमुना का जल स्तर

हर साल गौतमबुद्ध नगर के कुछ गांव और कुछ क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. लोग परेशानियों का सामना करते हैं. इस साल की स्थिति यह है कि मानसून शुरू होने से लेकर अगस्त माह खत्म हो गया और यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी नीचे देखा जा रहा है और बाढ़ जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है. इस वजह से हर साल किसानों की जो खेती बर्बाद हो जाती थी, इस बार बच गई है.



गौतमबुद्ध नगर में नहीं बढ़ा जमुना का जल स्तर

हर साल यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. किसानों की खेती बर्बाद होने के साथ ही उनके घरों तक पानी पहुंच जाता है. प्रशासन से लेकर एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद में लगी रहती है.

पूरे जिले में बाढ़ को लेकर लेकर हाय तौबा मचनी शुरू हो जाती है पर इस वर्ष जिले की स्थिति यह है कि यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी कम होने के चलते लोग बाढ़ से प्रभावित नहीं हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना किनारे पहुंचकर देखा कि इस समय पानी पुस्ते से काफी दूर बह रहा है. जबकि हर साल अगस्त में पुस्ते तक पानी आ जाता था.


जल स्तर बढ़ने की संभावना!

आने वाले दिनों में हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी खोले जाने की संभावना है. बैराज से कितने क्यूसिक पानी खोला जाएगा, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है पर उम्मीद है कि जल्द ही कुछ क्यूसिक पानी खोला जाएगा !

उम्मीद जताई जा रही है कि पानी छोड़ने के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है.

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