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उत्तराखंड का सिख जत्था किसान प्रदर्शन के समर्थन में पहुंचा चिल्ला बॉर्डर

किसानों के प्रदर्शन के समर्थन के लिए मंगलवार को उत्तराखंड से एक सिख जत्था नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचा. जत्थे ने प्रदर्शन का समर्थन करते हुए धरना स्थल पर बनने वाले भोजन की कमान अपने हाथों में ले ली. इस जत्थे ने आज से चिल्ला बॉर्डर पर लंगर चलाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है.

Uttarakhand Sikh group reached at Chilla border in support of farmers protest
चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचा उत्तराखंड का सिख जत्था
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Published : Jan 5, 2021, 8:39 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने का समर्थन करने गैर प्रांतों से लोग लगातार आ रहे हैं. मंगलवार को लुधियाना और पंजाब के कुछ जिलों से लोग किसान प्रदर्शन का समर्थन करने भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के लोग चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचे और उन्होंने राशन से लेकर खाने-पीने की तमाम सामग्री मुहैया कराई. वहीं उत्तराखंड से भी काफी संख्या में सिख समुदाय का जत्था आज चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचा और अपने तरीके से वहां पर लंगर चलाने की व्यवस्था की. साथ ही उनकी तरफ से बरसात में टूट गए टेंट को नया रूप देने का भी काम किया गया है.

'किसान अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे'


उत्तराखंड से चिल्ला बॉर्डर पहुंचा सिख जत्था

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले 36 दिनों से लगातार चल रहा है. इस प्रदर्शन का समर्थन करने कई किसान गुट चिल्ला बॉर्डर आए और अपना समर्थन भी दिया. वहीं अब इस धरना स्थल पर गैर जनपद और गैर प्रांतों से भी लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. जो प्रदर्शनकारी किसानों को राशन के साथ ही खाने-पीने का अन्य सामान देने का काम कर रहे हैं. मंगलवार को उत्तराखंड से काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग आए और प्रदर्शन का समर्थन करते हुए धरना स्थल पर बनने वाले भोजन की कमान अपने हाथों में ली.

इस जत्थे ने आज से चिल्ला बॉर्डर पर लंगर चलाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. ये सिख जत्था अपने साथ तमाम तरह के बर्तनों के साथ अन्य सामान भी लाया है. आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली और लुधियाना के साथ ही कई अन्य जगहों से भी काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग चिल्ला बॉर्डर आए और प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया.


'सरकार अपना रही तानाशाही रवैया'

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों द्वारा अपने धरने को मजबूत करने के लिए तमाम तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. साथ ही खाने-पीने की किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए पूरे पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के पदाधिकारियों ने ईटीवी भारत के जरिए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. किसानों की बातों को मानने की जगह उन पर दबाव बनाने की कोशिश करने में लगी है. सरकार अगर अपनी जिद पर है तो किसान भी अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे और मजबूती के साथ दिल्ली कूच करेंगे. 2 दिनों के अंदर प्रदेश के सभी जिलों के मुख्यालय पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे.

गुट के पदाधिकारियों ने आगे कहा कि 26 जनवरी को भारी संख्या में ट्रैक्टर रैली निकालकर दिल्ली रवाना होगें. सरकार वार्ता का कार्यक्रम अब बंद करे, क्योंकि यह एक दिखावे के रूप में सरकार कर रही है. किसानों की बात सरकार माने और बिल को वापस ले, एमएसपी लागू करे, स्वामीनाथन रिपोर्ट और किसान आयोग का गठन करे. अन्यथा किसान उग्र हुआ तो सरकार की पूरी जिम्मेदारी होगी. सरकार के झांसे और जुमलेबाजी में किसान अब नहीं आने वाले हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने का समर्थन करने गैर प्रांतों से लोग लगातार आ रहे हैं. मंगलवार को लुधियाना और पंजाब के कुछ जिलों से लोग किसान प्रदर्शन का समर्थन करने भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के लोग चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचे और उन्होंने राशन से लेकर खाने-पीने की तमाम सामग्री मुहैया कराई. वहीं उत्तराखंड से भी काफी संख्या में सिख समुदाय का जत्था आज चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचा और अपने तरीके से वहां पर लंगर चलाने की व्यवस्था की. साथ ही उनकी तरफ से बरसात में टूट गए टेंट को नया रूप देने का भी काम किया गया है.

'किसान अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे'


उत्तराखंड से चिल्ला बॉर्डर पहुंचा सिख जत्था

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले 36 दिनों से लगातार चल रहा है. इस प्रदर्शन का समर्थन करने कई किसान गुट चिल्ला बॉर्डर आए और अपना समर्थन भी दिया. वहीं अब इस धरना स्थल पर गैर जनपद और गैर प्रांतों से भी लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. जो प्रदर्शनकारी किसानों को राशन के साथ ही खाने-पीने का अन्य सामान देने का काम कर रहे हैं. मंगलवार को उत्तराखंड से काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग आए और प्रदर्शन का समर्थन करते हुए धरना स्थल पर बनने वाले भोजन की कमान अपने हाथों में ली.

इस जत्थे ने आज से चिल्ला बॉर्डर पर लंगर चलाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. ये सिख जत्था अपने साथ तमाम तरह के बर्तनों के साथ अन्य सामान भी लाया है. आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली और लुधियाना के साथ ही कई अन्य जगहों से भी काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग चिल्ला बॉर्डर आए और प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया.


'सरकार अपना रही तानाशाही रवैया'

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों द्वारा अपने धरने को मजबूत करने के लिए तमाम तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. साथ ही खाने-पीने की किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए पूरे पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के पदाधिकारियों ने ईटीवी भारत के जरिए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. किसानों की बातों को मानने की जगह उन पर दबाव बनाने की कोशिश करने में लगी है. सरकार अगर अपनी जिद पर है तो किसान भी अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे और मजबूती के साथ दिल्ली कूच करेंगे. 2 दिनों के अंदर प्रदेश के सभी जिलों के मुख्यालय पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे.

गुट के पदाधिकारियों ने आगे कहा कि 26 जनवरी को भारी संख्या में ट्रैक्टर रैली निकालकर दिल्ली रवाना होगें. सरकार वार्ता का कार्यक्रम अब बंद करे, क्योंकि यह एक दिखावे के रूप में सरकार कर रही है. किसानों की बात सरकार माने और बिल को वापस ले, एमएसपी लागू करे, स्वामीनाथन रिपोर्ट और किसान आयोग का गठन करे. अन्यथा किसान उग्र हुआ तो सरकार की पूरी जिम्मेदारी होगी. सरकार के झांसे और जुमलेबाजी में किसान अब नहीं आने वाले हैं.

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