नई दिल्ली/नोएडा: भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के बैनर तले चिल्ला बॉर्डर पर पिछले 24 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं अब भानु गुट को और भी कई किसान संगठनों के जरिए समर्थन दिए जाने की घोषणा की जा रही है. भानु गुट को गुरुवार को दो किसान गुटों ने समर्थन किया. साथ ही भानु गुट के कुछ पदाधिकारी आपसी मनमुटाव के चलते संगठन से अलग होकर सप्ताह भर पूर्व चले गए थे, जो काफी मान मनोबल के बाद चिल्ला बॉर्डर पर भानु गुट को फिर से समर्थन करने आए हैं. जिसे भानु गुट परिवार में वापसी बता रहा है.
नाराज पदाधिकारियों की वापसी
भानु गुट को मजबूत बनाने और सरकार तक अपनी आवाज को पहुंचाने के लिए कई किसान संगठनों ने भानु गुट को समर्थन किया है. जिसमें पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा और अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने भानु गुट को समर्थन दिया है. इसके साथ ही भानु गुट के राष्ट्रीय महासचिव सहित कई पदाधिकारी सप्ताह भर पूर्व आपसी विवाद के चलते धरना स्थल से अपने पद से त्यागपत्र देते हुए चले गए थे. जिन्हें किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने काफी मान मनोव्वल के बाद वापस धरना स्थल पर लेकर आए. कई संगठनों के जुड़ने और पूर्व पदाधिकारियों की वापसी होने से भानु गुट को काफी बल मिलेगा.
गुट में वापस आने वाले पदाधिकारी का क्या कहना
भानु गुट से करीब सप्ताह भर पूर्व आपसी विवाद के चलते भानु गुट के राष्ट्रीय महासचिव बेगराज गुर्जर ने अपने पद से त्यागपत्र पत्र देते हुए चिल्ला बॉर्डर से नाराज होकर अपने अन्य साथियों के साथ चले गए थे. जिन्हें भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष काफी मान मनोव्वल के बाद वापस धरना स्थल पर ले आए. भानु गुट में वापसी करने वाले वेग राज गुर्जर ने बताया कि परिवार में अक्सर मतभेद हो जाते हैं, जो अब दूर हो गया है. साथ ही अब मजबूती के साथ भानु गुट को पूरी तरह समर्थन दिया जाएगा.
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भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष का क्या है कहना
भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि परिवार में अक्सर छोटे नाराज हो जाते हैं. जिसमें बड़े का फर्ज है कि छोटे को समझा-बुझाकर घर वापस लाए, जो मैंने किया है. भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि वह चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे धरने में अर्जुन की भूमिका में हैं, जो पूरी तरीके से सरकार से लड़ने के लिए दम भर रहे हैं.