नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में ठंड की दस्तक के साथ UPPCB के लिए प्रदूषण कंट्रोल करना चुनौती बन गया है. नोएडा पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने सड़कों पर जमा धूल की मॉनिटरिंग करना शुरू कर दी है. विगत दिनों UPPCB की नोएडा इकाई ने टीम गठित कर नोएडा की मुख्य सड़कों पर टोटल रोड डस्ट की मॉनिटरिंग कराई है. रोड डस्ट पार्टिकल को वायु प्रदूषण का मुख्य कारण माना जाता है.
नोएडा इकाई के क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण को बढ़ाने में रोड डस्ट और कंस्ट्रक्शन डस्ट को काफी अहम योगदान रहता है. नोएडा के 10 मुख्य मार्गों की डस्ट सैम्पलिंग की गई है. 75 माइक्रोन से कम के डस्ट पार्टिकल्स जो ऐरो डायनामिक पार्टिकल्स कहलाते हैं उनकी कितनी मात्रा है, यह डस्ट पार्टिकल्स का प्रदूषण फैलाने में विशेष योगदान होता है.
'10 अक्टूबर तक सेल्स डस्ट ऑडिट करें अपलोड'
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धारा 31(ए), एयर एक्ट के तहत बिल्डिंग साइट को नोटिस दिया जा चुका कि पीटीजेड कैमरा इंस्टॉल किया जाए. सेल्फ डस्ट ऑडिट यूपी एनवायरनमेंट पोर्टल पर दर्ज़ कराएं. 10 अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है जो इस आदेश का अनुपालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ नियम विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी. क्षेत्राधिकारी यूपीपीसीबी ने बताया कि सर्विलांस बढ़ा दिया गया है और लोकल स्तर पर प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले कारक को नियंत्रित किया जा रहा है.
हरकत में UPPCB
माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया जाएगा. गौतमबुद्ध नगर जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार पहुंच गया है. वायु प्रदूषण बढ़ता देख उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की नोएडा इकाई हरकत में आ गई है. साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली संस्थाओं की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई और जो संस्था चेतावनी देने के बाद भी नहीं चेत रही उनपर कार्रवाई भी की जा रही है.