नई दिल्ली/नोएडा: ट्विन टावर को लेकर सबकी निगाहें उसके ध्वस्तीकरण पर टिकी हुई है, जो की पूर्व में 22 मई को होना था, लेकिन वर्तमान स्थिति के अनुसार जुलाई के शुरुआत में ध्वस्तीकरण होने का अनुमान लगाया जा रहा है. एडिफिस कंपनी के सीईओ का कहना है कि ध्वस्तीकरण के मद्देनजर बारूद को निर्धारित स्थानों में लगाने के लिए कम से कम 15 दिन का समय लगेगा. फिलहाल कंपनी की तरफ से नोएडा प्राधिकरण और एनओसी देने वाली सभी यूनिट से बात की जा रही है. वहीं अभी कोई नई तारीख ध्वस्तीकरण को लेकर निर्धारित नहीं हुई है.
दरअसल एडिफिस कंपनी द्वारा नोएडा के सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पिछले 3 महीनों से लगातार की जा रही है. निर्धारित तिथि में महज चंद दिन बचे हुए हैं, पर अभी भी कंपनी द्वारा ध्वस्तीकरण करने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका है, जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि ध्वस्तीकरण निर्धारित तारीख पर नहीं होगा. सूत्रों की माने तो ध्वस्तीकरण का काम जुलाई माह के पहले सप्ताह में हो सकता है.
बताया जा रहा है कि आसपास सोसाइटी होने के चलते ध्वस्तीकरण के दौरान धूल अधिक मात्रा में निकलेगी, जिसे तत्काल रोक पाना संभव नहीं होगा. वहीं बरसात के दौरान जब ध्वस्तीकरण किया जाएगा तो उड़ती हुई धूल को आसानी से काबू किया जा सकता है. इसके साथ ही कंपनी द्वारा ट्विन टावर के जिन पिलरों में बारूद लगानी है उन पिलरों में अभी तक सुरक्षा के पूरे कवच नहीं लग पाए हैं. एडिफिस कंपनी ट्विन टावर को तोड़ने को लेकर प्राधिकरण के साथ ही अन्य उच्चाधिकारियों के साथ मंथन करने में लगी हुई है. वहीं ट्विन टावर के आसपास रोड पर लगाई गई बैरिकेडिंग को भी हटा दिया गया है.
ट्विन टावर पूरी तरीके से ध्वस्तीकरण करने से पूर्व विगत 10 अप्रैल को एडिफिस कंपनी द्वारा एक टेस्ट ब्लास्ट किया गया था. टेस्ट ब्लास्ट की रिपोर्ट पर कंपनी करीब 15 दिनों के मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकाल पाई की टेस्ट ब्लास्ट सफल रहा. टावर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि निर्धारित समय से अधिक समय लगेगा ट्विन टावर को पूरी तरह से ध्वस्त करने में, क्योंकि सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान ध्वस्तीकरण के दौरान रखा जा रहा है, ताकि ध्वस्तीकरण के दौरान किसी प्रकार की कोई हानि ना हो. कंपनी द्वारा ध्वस्तीकरण को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से किए जाने के उद्देश्य से निर्धारित समय से आगे का समय लग रहा है. वही सूत्रों की माने तो मजदूरों की संख्या में भी कटौती की गई है. सूत्रों की माने तो ट्विन टावर के बेसमेंट से पूरी तरह पानी नही निकाला जा सका है, साथ ही जितना मालवा बेसमेंट में भरना था वो अभी नही भरा गया है.
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