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नोएडा प्राधिकरण के इस 'प्लान' के तहत आगे बढ़ेगी झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास योजना - Noida Authority Officer Ritu Maheshwari

नोएडा प्राधिकरण ने झुग्गी-झोपड़ी वालों के लिए बनाए गए फ्लैट्स उपलब्ध किए जाएंगे. वहीं नोएडा प्राधिकरण की मुख्य अधिकारी का कहना है कि जो लोग झुग्गी-झोपड़ी खाली नहीं करेंगे, वो फ्लैट पाने के हकदार नहीं हैं.

Noida Authority will provide flats built for slum dwellers
नोएडा प्राधिकरण
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Published : Jul 16, 2020, 1:30 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने झुग्गी-झोपड़ी योजना के तहत साल 2011-2012 में तकरीबन 3,500 फ्लैट्स तैयार किए, जिसमें 10% झुग्गीवासियों से भी कम लोगों ने फ्लैट्स पर कब्जा लिया.

नोएडा प्राधिकरण की झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास योजना

ऐसे में हजारों की संख्या में खाली पड़े फ्लैट्स अब प्राधिकरण के लिए गले की फांस बन गए है. हालांकि प्राधिकरण की CEO के तैयार प्लान के तहत अब खाली पड़े फ्लैट्स का व्यावसायिक गतिविधियों, रेंट, लीज में देने की तैयारी कर रहा है.

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि झुग्गी झोपड़ी योजना उन लोगों के लिए लाई गई थी, जिन्होंने प्राधिकरण के जमीन पर झुग्गी झोपड़ी बना ली और उसे खाली नहीं कर रहे थे.

उसके एवज में घर देने की योजना प्राधिकरण बोर्ड के अनुमोदन पर लाई गई थी. CEO ने स्पष्ट किया कि जो लोग झुग्गी-झोपड़ी खाली नहीं करेंगे, वो फ्लैट पाने के हकदार नहीं हैं.

वेरिफिकेशन समस्या

वहीं झुग्गी खाली कराने की समस्या के चलते योजना लंबे वक्त तक लंबित रही है. लॉकडाउन से पहले लंबित डाक्यूमेंट्स को सत्यापित किया जा रहा है. ऐसे में पात्र और अपात्र लोगों की सूची तैयार कर ली गई है. साथ ही जल्द ऑनलाइन पोर्टल पर सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.


वहीं CEO ने बताया कि प्राधिकरण के बनाएं फ्लैट्स पात्र लाभार्थियों को दिए जाएंगे लेकिन शर्त ये है कि वो प्राधिकरण की जमीन को खाली करेंगे और इसके बाद भी फ्लैट्स खाली बचते हैं, तो प्राधिकरण उन्हें किसी अन्य कार्य में लाएगा.

नोएडा एक औद्योगिक शहर है, ऐसे में एक मांग लगातार प्राधिकरण को मिलती है कि उनके लेबर को सस्ते मकान उपलब्ध कराई जाए. ऐसे में प्राधिकरण के बचे हुए फ्लैट देने पर विचार किया जाएगा. साथ ही रेंट, लीज और सेल सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने झुग्गी-झोपड़ी योजना के तहत साल 2011-2012 में तकरीबन 3,500 फ्लैट्स तैयार किए, जिसमें 10% झुग्गीवासियों से भी कम लोगों ने फ्लैट्स पर कब्जा लिया.

नोएडा प्राधिकरण की झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास योजना

ऐसे में हजारों की संख्या में खाली पड़े फ्लैट्स अब प्राधिकरण के लिए गले की फांस बन गए है. हालांकि प्राधिकरण की CEO के तैयार प्लान के तहत अब खाली पड़े फ्लैट्स का व्यावसायिक गतिविधियों, रेंट, लीज में देने की तैयारी कर रहा है.

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि झुग्गी झोपड़ी योजना उन लोगों के लिए लाई गई थी, जिन्होंने प्राधिकरण के जमीन पर झुग्गी झोपड़ी बना ली और उसे खाली नहीं कर रहे थे.

उसके एवज में घर देने की योजना प्राधिकरण बोर्ड के अनुमोदन पर लाई गई थी. CEO ने स्पष्ट किया कि जो लोग झुग्गी-झोपड़ी खाली नहीं करेंगे, वो फ्लैट पाने के हकदार नहीं हैं.

वेरिफिकेशन समस्या

वहीं झुग्गी खाली कराने की समस्या के चलते योजना लंबे वक्त तक लंबित रही है. लॉकडाउन से पहले लंबित डाक्यूमेंट्स को सत्यापित किया जा रहा है. ऐसे में पात्र और अपात्र लोगों की सूची तैयार कर ली गई है. साथ ही जल्द ऑनलाइन पोर्टल पर सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.


वहीं CEO ने बताया कि प्राधिकरण के बनाएं फ्लैट्स पात्र लाभार्थियों को दिए जाएंगे लेकिन शर्त ये है कि वो प्राधिकरण की जमीन को खाली करेंगे और इसके बाद भी फ्लैट्स खाली बचते हैं, तो प्राधिकरण उन्हें किसी अन्य कार्य में लाएगा.

नोएडा एक औद्योगिक शहर है, ऐसे में एक मांग लगातार प्राधिकरण को मिलती है कि उनके लेबर को सस्ते मकान उपलब्ध कराई जाए. ऐसे में प्राधिकरण के बचे हुए फ्लैट देने पर विचार किया जाएगा. साथ ही रेंट, लीज और सेल सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा.

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