नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाने वाला 600 करोड़ रुपये की लागत से बना नोएडा के जिला अस्पताल की हालात इन दिनों खराब है. अस्पताल में चलने वाली एंबुलेंस का समय से देखरेख न होने के चलते एंबुलेंस की हालत जर्जर हो गई है. सालों से कबाड़ में खड़ी एंबुलेंस की देख रेख करने वाला कोई नहीं है. इस जिला अस्पताल का नाम कई बार बदला जा चुका है.
बता दें कि नोएडा का जिला अस्पताल पहले नोएडा प्राधिकरण के हाथ में था. जहां पर मेंटेनेंस से लेकर कर्मचारियों का वेतन भी नोएडा प्राधिकरण देता था. जब जिला अस्पताल प्राधिकरण के पास था उस समय नोएडा प्राधिकरण जिला अस्पताल को एंबुलेंस और उसका मेंटेनेंस, जैसे तेल और चालक का वेतन सब कुछ प्राधिकरण की तरफ से दिया जा रहा था. लेकिन अब अस्पताल नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसे में इन एंबुलेंस की देखरेख करने वाला कोई नहीं है.
अस्पताल के वाहन संचालन अधिकारी का कहना
इस बारे में वाहनों के संचालन अधिकारी डॉ. अरविंद अत्री से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पूर्व ही उन्हें वाहनों के संचालन का चार्ज मिला है. उन्होंने बताया कि अभी कौन सा वाहन खराब है और कौन सा चल रहा है इस बारे में अभी सही जानकारी प्राप्त नहीं है. उनका कहना है कि इस संबंध में उचित जानकारी वह दे पाएंगे जो पूर्व में इसकी देख-रेख कर रहे थे.