नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा के वेस्ट में गौर सिटी सेंटर के शॉप ऑनर्स ने रविवार को प्रदर्शन किया. इन लोगों ने गौर बिल्डर पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया. 300 से ज्यादा दुकानों के मालिक परेशान है और वादाखिलाफी को लेकर रेरा में बिल्डर की शिकायत कर चुके हैं.
गौर सिटी सेंटर में शॉप मालिक राकेश कुमार ने बताया कि इस सेंटर में सबसे बड़ा मुद्दा फुटफॉल का है. यहां पर बिल्डर द्वारा इस तरह से नीति बनाई गई है कि शॉप पर कोई आ ही न सके. रोज यहां नियम बदलते जाते हैं. लाखों रुपए की दुकान खरीदने के बाद भी ग्राहक नहीं आ पा रहे हैं. मोटा मेंटिनेंस चार्ज वसूलने के बाद भी सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है.
अवैध रूप से बनाई जा रही कियोस्क
गौर सिटी सेंटर में शॉप ऑनर सूरज गुप्ता ने बताया कि जब हमने यहां पर निवेश किया था और अपने लिए यहां पर दुकान खरीदी थी तो बिल्डर के द्वारा नक्शा दिखाया गया था. जिसमें दुकान के आगे का एरिया एकदम खाली था. लेकिन अब बिल्डर द्वारा अवैध कियोस्क बनाये जा रहे हैं. ये सभी हमारी दूकानों के आगे ही खाली जगह में बनाये जा रहे हैं. ये हमारे साथ धोखा किया गया है.
ड्राइव वे से पुलिस उठा ले जाती है गाड़ियां
राकेश कुमार ने बताया कि नक्शे में ड्राइव वे दिखाया गया था, जिससे कि ग्राहक अंदर आये और अपनी गाड़ी को पार्किंग में नीचे न लेकर ड्राइववे में लगा दे और जल्दी समान लेकर चला जाये. लेकिन उस ड्राइववे से पुलिस के द्वारा गाड़ी उठा ली जाती है. जोकि बिल्डर की सह पर हो रहा है. अब ग्राहक दहशत में है, जैसे ही वो अंदर आता है, पुलिस उनकी गाड़ी उठा ले जाती है. ऐसे में लोग दुकानों पर आने से बच रहे हैं.
बिल्डर के द्वारा की गई वादा खिलाफी
शॉप ऑनर अंजू लता यादव व हरीश शर्मा ने बताया बिल्डर के द्वारा लगातार हमारे साथ वादाखिलाफी की गई है, जो वादे पोजिशन के समय किए गए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है. बिना परमिशन के यहां पर क़ुयॉस्क बनाए जा रहे हैं. 60 से ज्यादा क़ुयॉस्क दुकानों के आगे अवैध तरीके से बना दिए गए हैं. पूरी बिल्डिंग में काम चल रहा है लेकिन मेंटेनेंस चार्ज सभी से वसूला जा रहा है.
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कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं निवेशक
इन लोगों का कहना है कि हम लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं और गौर प्रबंधन से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता है. हमने रेरा में भी इसकी शिकायत की है वहां से भी अभी कोई जवाब नहीं आया है. साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से भी शिकायत की गई है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. फिलहाल सभी लोग कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं.
क्या है रेरा
रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट 2016 (रेरा / RERA) एक कानून है, जिसे भारतीय संसद ने पास किया था. रेरा का मकसद रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों का निवेश बढ़ाना और उनके हितों की रक्षा करना है. 10 मार्च 2016 को राज्यसभा ने रेरा बिल को पास किया था. इसके बाद 15 मार्च 2016 को लोकसभा ने इसे पास किया गया. ग्रेटर नोएडा में इसका ऑफिस बनाया गया है जहां बिल्डर से परेशान निवेशक रेरा में बिल्डर की शिकायत कर न्याय की गुहार लगाते हैं.