नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में तीन प्राधिकरण- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना हैं. तीनों ही प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं है. नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी टिप्पणी कर चुका है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority ) में एक कथित भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है.
प्राधिकरण ने कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर न तो विज्ञापन निकाले और न ही इसके बारे में किसी को जानकारी हुई. अंदर ही अंदर अपने खास लोगों को और परिचितों को नौकरी दे दी गई. इसका खुलासा होने पर अब अधिकारी मामले की जांच करने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं.
वहीं, एसीईओ का कहना है कि कमिटी बनाकर मामले की जांच की जा रही है. जांच में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सच्चाई सामने आने पर सभी भर्ती रद्द कर दी जाएगी.
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में एक नियुक्ति घोटाले का आरोप सामने आया है. प्राधिकरण के अधिकारियों ने 45 से अधिक लोगों को नौकरी दी. उनमें से आधे से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों के रिश्तेदार या जानने वाले हैं. जब लोगों ने इस मामले की शिकायत की तो परत दर परत मामला खुलकर सामने आने लगा है. इस प्रकरण में प्राधिकरण ने जांच बैठा दी है और कहा है कि यदि नियुक्ति में प्राधिकरण के अधिकारियों के रिश्तेदार पाए जाते हैं तो इस टेंडर को खत्म करके नए तरीके से भर्ती कराई जाएगी.
पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में संविदा पर करीब 45 अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. इसमें बाबू से लेकर असिसटेंट मैनेजर तक के पद शामिल हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने बेटे-बेटी, रिश्ते-नातेदारों और परीचितों को ही नौकरी पर रख लिया. कई बाहरी लोगों को भी पैसे लेकर नौकरी दी गई.
पिछले दिनों आरटीआई के तहत जब सूचना मांगी गई तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने तथ्य छिपाकर सूचना दे दी. मगर एक के बाद एक जब कई शिकायतें की गईं तो आला अधिकारियों ने गोपनीय तरीके से मामले की जांच कराई. इसमें शिकायतें काफी हद तक सही पाई गईं. पिछले साल से शासन के निर्देश के अनुसार जिला सेवा योजना कार्यालय में नाम दर्ज होने पर प्राधिकरण में नौकरी देने का प्रावधान है. यदि किसी व्यक्ति का सेवायोजन कार्यालय में नाम दर्ज नहीं है तो उसे नौकरी नहीं दी जाएगी.
अधिकारियों ने इस नियुक्ति के लिए निविदा तक नहीं निकाली. जबकि भर्ती के संबंध में स्थानीय समाचार पत्रों में उसका प्रकाशन कराया जाता है और संस्था की वेबसाइट पर भी उसकी सूचना दी जाती है. मगर प्राधिकरण के अधिकारियों ने नियुक्ति की सूचना को प्राधिकरण के चंद अफसरों तक ही सीमित रहने दिया. और अधिकारी-कर्मचारियों ने मनमाने तरीके से अपने लोगों को नौकरी दे दिया.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप डुली ने कहा कि ने मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा है कि यदि इसमें किसी अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्ता पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए गोपनीय तरीके से भी जांच कराई जा रही है.
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