नोएडा: ईटीवी भारत की टीम शनिवार को नोएडा के मोरना बस अड्डे पर पहुंची और बसों से लेकर बस अड्डे के अंदर तक कोरोना प्रोटोकाल का कितना पालन हो रहा है, इसकी जानकारी ली. यहां ज्यादातर लोग बिना मास्क के घूमते नजर आए. वहीं, बसों में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया जा रहा है. बस के अंदर भी लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं लगे हुए दिखाई दिए. लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर एक दूसरे से सटे बैठे हुए थे. इस तरह अधिकारियों की नाक के नीचे नियम ताक पर रखकर बस चल रही है, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है.
बसों के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग और क्षमता से अधिक लोगों के बैठने के संबंध में जब बस चालक से बात की गई तो उसका कहना था कि आमदनी बढ़ाने के लिए ज्यादा लोगों को बसों में बैठाया जा रहा है. जब चालक से पूछा गया कि यह आदेश किसकी तरफ से दिया गया है तो उसका कहना था कि ऊपर से आदेश आया हुआ है, लेकिन उनके की ओर से किसी का नाम नहीं बताया गया. बसों में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाए जाने के संबंध में जब परिचालक से बात की गई तो उसने कहा कि बस में 52 लोगों की सीट है और इतने ही लोगों को बैठाया जाता है.
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गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर शुरूआत से ही शासन-प्रशासन और डॉक्टर्स की ओर से बताया गया है कि कोरोना महामारी से अगर बचना है तो 2 गज की दूरी और मास्क जरूरी है. जगह-जगह शासन-प्रशासन की ओर से इसको लेकर स्लोगन लिखवाए गए हैं और इस नियम को कड़ाई से पालन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन परिवहन विभाग की बसों में ना ही 2 गज की दूरी है और ना ही यात्रा के दौरान लोगों के चेहरे पर मास्क दिखाई देता है. परिवहन विभाग की इस लापरवाही को देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लाने का काम किया जा रहा है.
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शासन-प्रशासन और डॉक्टर तक का कहना है कि कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति में संक्रमित आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है, लेकिन महामारी अभी गई नहीं है. इसलिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है, ऐसा नहीं होने की स्थिति में तीसरी लहर हावी हो सकती है.