नई दिल्ली/नोएडा : कोविड-19 के चलते 21 मार्च से लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के चलते मेडिकल और आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं. ऐसे में शराब के ठेके भी बंद है. इस वजह से सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है. सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानें बंद होने से प्रतिदिन 100 करोड़ से ज्यादा के राजस्व की हानि हो रही है. गौतमबुद्ध नगर जिला भी इससे अछूता नहीं है. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में देखा जाए तो अब तक 2600 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि आबकारी विभाग को हो चुकी है. सूत्रों की मानें तो इस राजस्व हानि को देखते हुए 20 अप्रैल के बाद शराब के ठेके हॉटस्पॉट क्षेत्रों को छोड़कर अन्य जगहों पर खोले जा सकते हैं.
रोजाना करोड़ों रुपए का राजस्व घाटा
लॉकडाउन के दौरान मेडिकल और दैनिकभोग की वस्तुओं की दुकानों के सिवाय और किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं खोली जा रही हैं. ऐसे में शराब की दुकानें भी बंद है. देखा जाए तो प्रदेश सरकार और गौतमबुद्द नगर जिला से सबसे ज्यादा राजस्व पेट्रोलियम विभाग के बाद आबकारी विभाग से ही प्राप्त होता है. हालांकि शराब की दुकानें बंद होने से प्रदेश सरकार के राजस्व में करोड़ों की हानि हो रही है.
गौतमबुद्ध नगर जिला में कितना नुकसान
गौतमबुद्ध नगर जिला में देखा जाए तो आबकारी विभाग को करीब अढ़ाई से तीन करोड़ रुपये के राजस्व की प्रतिदिन हानि हो रही है. यह जानकारी आबकारी विभाग के सूत्रों से मिली है. सूत्रों की मानें तो आबकारी विभाग से प्रतिदिन करोड़ों के राजस्व की हानि को देखते हुए आने वाले समय में प्रदेश सरकार 20 अप्रैल के बाद महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है. इसमें हॉटस्पॉट क्षेत्रों को छोड़कर कुछ स्थानों पर शराब की दुकान खोली जा सकती हैं.