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अच्छी खबर! गौतमबुद्ध नगर में संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आवंटियों पर लागू ब्याज दर में 3 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी. जिसका फायदा प्राधिकरण के करीब 5 लाख आवंटियों को होगा. इसके अलावा शासन ने लॉकडॉउन के दौरान आवंटियों से साधारण ब्याज वसूलने और लॉकडॉउन के दौरान किस्त नहीं जमा होने पर जुर्माना नहीं लगाए जाने की प्राधिकरण की सिफारिश को मान लिया है.

property allocation in Gautam Budh Nagar
संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती
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Published : Jun 10, 2020, 1:35 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश शासन ने संपत्ति के आवंटन की ब्याज दरों में कटौती कर आवंटियों को बड़ी राहत दी है. ये राहत गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और उत्तर प्रदेश के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिलेगी.

संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आवंटियों पर लागू ब्याज दर में 3 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी. जिसका फायदा प्राधिकरण के करीब 5 लाख आवंटियों को होगा. इसके अलावा शासन ने लॉकडॉउन के दौरान आवंटियों से साधारण ब्याज वसूलने और लॉकडॉउन के दौरान किस्त नहीं जमा होने पर जुर्माना नहीं लगाए जाने की प्राधिकरण की सिफारिश को मान लिया है. इससे लाखों आवंटियों को राहत मिलेगी.


संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती


प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए जो आदेश जारी किया. उसके तहत अब औद्योगिक विकास प्राधिकरण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एलएमआरसी (मॉरिजनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स) यानी सीमांत लागत उधार दर को आधार बनाकर अपने आवंटियों से ब्याज वसूल करेंगे.

आदेश में कहा गया है कि एसबीआई 3 साल के लिए जिस एलएमआरसी दर पर पैसा देता है. उस पर 1 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय लगाते हुए आवंटियों से ब्याज लिया जाएगा. हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को इस फार्मूले के आधार पर ब्याज दरें पुनरनिर्धारित की जाएंगी.

आवंटियों को राहत देने के लिए यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने शासन को प्रस्ताव भेजा था. जिस पर शासन ने मंजूरी दी है.

गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरण की ब्याज दरें


जिले में प्राधिकरणों की ब्याज दरें अलग-अलग थीं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने आवंटियों पर बकाया धनराशि पर 12 फीसदी ब्याज लेते हैं. जबकि यमुना प्राधिकरण की ब्याज दर 10.5 प्रतिशत है. भारतीय स्टेट बैंक ने 10 मई 2020 को अपनी एलएमआरसी की दरें पुनर्निधारित की हैं. ये दरें तीन सालों के लिए केवल 7 प्रतिशत हैं.

इससे साफ है कि प्राधिकरणों की ब्याज दरें घट कर 8-9 प्रतिशत तक हो जाएंगी. इसके अलावा लॉकडाउन में डिफाल्टर तो जुर्माना नहीं लगाने की प्राधिकरणों की सिफारिश को मानते हुए आवंटियों से साधारण ब्याज वसूल किया जाएगा. इस दौरान अगर किसी की किश्त नहीं जमा होती है, तो उस पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. इस पर शासन ने सहमति जता दी है. इससे लाखों आवंटियों को राहत मिलेगी.

आवंटियों ने जाहिर की खुशी


शासन के इस फैसले पर सभी श्रेणी के आवंटियों ने खुशी जाहिर की है. सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि वो लंबे अरसे से ये मांग कर रहे थे. इस फैसले से प्रत्येक वर्ग को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा.

नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि लंबे अरसे बाद फ्लैट खरीदारों के लिए कोई अच्छी खबर आई है. ये स्वागत योग्य फैसला है. गौर संस के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि शासन ने अच्छा फैसला लिया है.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश शासन ने संपत्ति के आवंटन की ब्याज दरों में कटौती कर आवंटियों को बड़ी राहत दी है. ये राहत गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और उत्तर प्रदेश के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिलेगी.

संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आवंटियों पर लागू ब्याज दर में 3 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी. जिसका फायदा प्राधिकरण के करीब 5 लाख आवंटियों को होगा. इसके अलावा शासन ने लॉकडॉउन के दौरान आवंटियों से साधारण ब्याज वसूलने और लॉकडॉउन के दौरान किस्त नहीं जमा होने पर जुर्माना नहीं लगाए जाने की प्राधिकरण की सिफारिश को मान लिया है. इससे लाखों आवंटियों को राहत मिलेगी.


संपत्ति आवंटन की ब्याज दरों में कटौती


प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए जो आदेश जारी किया. उसके तहत अब औद्योगिक विकास प्राधिकरण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एलएमआरसी (मॉरिजनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स) यानी सीमांत लागत उधार दर को आधार बनाकर अपने आवंटियों से ब्याज वसूल करेंगे.

आदेश में कहा गया है कि एसबीआई 3 साल के लिए जिस एलएमआरसी दर पर पैसा देता है. उस पर 1 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय लगाते हुए आवंटियों से ब्याज लिया जाएगा. हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को इस फार्मूले के आधार पर ब्याज दरें पुनरनिर्धारित की जाएंगी.

आवंटियों को राहत देने के लिए यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने शासन को प्रस्ताव भेजा था. जिस पर शासन ने मंजूरी दी है.

गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरण की ब्याज दरें


जिले में प्राधिकरणों की ब्याज दरें अलग-अलग थीं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने आवंटियों पर बकाया धनराशि पर 12 फीसदी ब्याज लेते हैं. जबकि यमुना प्राधिकरण की ब्याज दर 10.5 प्रतिशत है. भारतीय स्टेट बैंक ने 10 मई 2020 को अपनी एलएमआरसी की दरें पुनर्निधारित की हैं. ये दरें तीन सालों के लिए केवल 7 प्रतिशत हैं.

इससे साफ है कि प्राधिकरणों की ब्याज दरें घट कर 8-9 प्रतिशत तक हो जाएंगी. इसके अलावा लॉकडाउन में डिफाल्टर तो जुर्माना नहीं लगाने की प्राधिकरणों की सिफारिश को मानते हुए आवंटियों से साधारण ब्याज वसूल किया जाएगा. इस दौरान अगर किसी की किश्त नहीं जमा होती है, तो उस पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. इस पर शासन ने सहमति जता दी है. इससे लाखों आवंटियों को राहत मिलेगी.

आवंटियों ने जाहिर की खुशी


शासन के इस फैसले पर सभी श्रेणी के आवंटियों ने खुशी जाहिर की है. सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि वो लंबे अरसे से ये मांग कर रहे थे. इस फैसले से प्रत्येक वर्ग को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा.

नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि लंबे अरसे बाद फ्लैट खरीदारों के लिए कोई अच्छी खबर आई है. ये स्वागत योग्य फैसला है. गौर संस के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि शासन ने अच्छा फैसला लिया है.

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