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बिल्डिंग गिराने के विरोध में शाहबेरी के लोग, अनिश्चितकालीन धरना शुरू

ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित शाहबेरी में अवैध इमारतों को गिराने के विरोध में लोगों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. लोगों ने यह धरना संघर्ष समिति शाहबेरी के बैनर तले शुरू किया गया है.

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Published : Jul 22, 2019, 6:36 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी की इमारतों को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने अवैध बताते हुए डायनामाइट से तोड़ने की बात कही है. दूसरी तरफ शाहबेरी संघर्ष समिति के सैकड़ों लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है.

विरोध में शाहबेरी के लोग

धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि मोदी जी ये सबका साथ, सबका विकास नहीं यह अगर शाहबेरी टूटी तो सिर्फ विनाश होगा.

'इच्छा मृत्यु की इजाजत दें PM'
लोगों ने पीएम मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शाहबेरी को लीगलाइज कराने की बात की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करते हुए उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दी जाए.

BJP नेता का क्या है कहना
किसान नेता और प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य नेता तेजा गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन बीजेपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों ने प्रशासन को गलत रिपोर्ट भेजी है. उन्होंने बताया कि साल 2011 में भूमि अधिग्रहण निरस्त हो गया, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें वोट बैंक के खिसकने का डर था.

ऐसे में जिस जमीन का अधिग्रहण निरस्त हुआ उन पर प्राधिकरण का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है. ऐसे में किसानों ने जमीन बेची. बीजेपी नेता तेजा गुर्जर ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब यह कॉलोनी बस रही थी तब इन्हें क्यों नहीं रोका गया.

8 सालों से रह रहे हैं लोग
शाहबेरी निवासी अनिल चौधरी ने बताया कि वो पिछले 8 सालों से यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फ्लैट की क़िस्त, फ्लैट पर लोन है, फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है, स्टैम्प ड्यूटी दी है. उस वक्त ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी कहां थी जब निर्माणकार्य किया जा रहा था.

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी की इमारतों को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने अवैध बताते हुए डायनामाइट से तोड़ने की बात कही है. दूसरी तरफ शाहबेरी संघर्ष समिति के सैकड़ों लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है.

विरोध में शाहबेरी के लोग

धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि मोदी जी ये सबका साथ, सबका विकास नहीं यह अगर शाहबेरी टूटी तो सिर्फ विनाश होगा.

'इच्छा मृत्यु की इजाजत दें PM'
लोगों ने पीएम मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शाहबेरी को लीगलाइज कराने की बात की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करते हुए उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दी जाए.

BJP नेता का क्या है कहना
किसान नेता और प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य नेता तेजा गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन बीजेपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों ने प्रशासन को गलत रिपोर्ट भेजी है. उन्होंने बताया कि साल 2011 में भूमि अधिग्रहण निरस्त हो गया, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें वोट बैंक के खिसकने का डर था.

ऐसे में जिस जमीन का अधिग्रहण निरस्त हुआ उन पर प्राधिकरण का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है. ऐसे में किसानों ने जमीन बेची. बीजेपी नेता तेजा गुर्जर ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब यह कॉलोनी बस रही थी तब इन्हें क्यों नहीं रोका गया.

8 सालों से रह रहे हैं लोग
शाहबेरी निवासी अनिल चौधरी ने बताया कि वो पिछले 8 सालों से यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फ्लैट की क़िस्त, फ्लैट पर लोन है, फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है, स्टैम्प ड्यूटी दी है. उस वक्त ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी कहां थी जब निर्माणकार्य किया जा रहा था.

Intro:ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी को गौतमबुद्ध नगर ज़िला प्रशासन ने अवैध बताते हुए डायनामाइट से तोड़ने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ शाहबेरी संघर्ष समिति के सैकड़ों लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि मोदी जी ये सबका साथ, सबका विकास नहीं यह विनाश होगा अगर शाहबेरी टूट गई।

लोगों ने पीएम मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शाहबेरी को लीगलाइज कराने की बात की है साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करते हुए इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।


Body:"BJP नेता का क्या कहना"
किसान नेता और प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य तेजा गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन बीजेपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों ने शासन को गलत रिपोर्ट भेजी है। उन्होंने बताया कि साल 2011 में भूमि अधिग्रहण निरस्त हो गया, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें वोट बैंक के सकने का डर था।
ऐसे में जिन जमीन का अधिग्रहण निरस्त हुआ उन पर प्राधिकरण का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसे में किसानों ने जमीन बेची। बीजेपी नेता तेजा गुर्जर ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब यह कॉलोनी अब बस रही थी तब इन्हें क्यों नहीं रोका गया।


Conclusion:शाहबेरी निवासी अनिल चौधरी ने बताया कि वो पिछले 8 सालों से यहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फ्लैट की क़िस्त, फ्लैट पर लोन है, फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है, स्टैम्प ड्यूटी दी है। तब कहाँ था ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, तब कहाँ थे अधिकारी जब निर्माण हो रहा था?

आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि शाहबेरी के लोगों ने रोड,नाली, सीवर हर चीज की व्यवस्था खुद की है, तब अथॉरिटी कहां था?
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