नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में एक गर्भवती महिला फर्जी डॉक्टर की शिकार हुई है. आईवीएफ के इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. नोएडा की बिसरख पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. जांच के दौरान डॉक्टर की डिग्री फर्जी पाई गई. आरोपी अब जेल में बंद है.
जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी चंद्रभान की पत्नी ललिता का प्रेग्नेंसी के लिए पिछले दो महीने से इलाज ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ईको विलेज-टू स्थित आईवीएफ क्रिएशन वर्ड सेंटर में चल रहा था. बीते 19 अगस्त को इलाज के दौरान बरती गई घोर लापरवाही और सेंटर पर आपातकालीन चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव में महिला कोमा में चली गई. महिला के परिजनों ने उसे ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित यथार्थ में भर्ती कराया. पीड़ित पति ने आरोपी आईवीएफ सेंटर संचालक के एमडी प्रियरंजन ठाकुर निवासी राजेन्द्र नगर गाजियाबाद के खिलाफ बिसरख थाने में लिखित तहरीर दी.
पति चंद्रभान ने आरोप लगाया था कि इलाज के दौरान पत्नी कोमा में गई है. सेंटर में जब पत्नी की तबीयत ख़राब हुई तो उनके पास खुद की एम्बुलेंस तक भी नहीं थी. शिकायत थाने में देने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इसी बीच इलाज के दौरान महिला की बीते 26 अगस्त को मौत हो गई. पुलिस ने एफआईआर में धारा 304 की बढ़ोतरी की. शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
28 अगस्त को आरोपी चिकित्सक प्रियरंजन ठाकुर गिरफ्तार किया गया. आरोपी जेल में बंद है. पुलिस ने आरोपी के शिक्षा प्रमाण पत्रों की जांच में पाया कि उसने एमबीबीएस की डिग्री भूपेन्द्र नारायण विश्वविद्यालय बिहार से बनवाई थी. विश्वविद्यालय स्तर पर जांच कराई गई तो पता चला कि यह डिग्री फर्जी है. भूपेन्द्र नारायण विश्वविद्यालय द्वारा यह डिग्री जारी नहीं की गई है.
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बिसरख थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि महिला आईवीएफ तकनीक से प्रेग्नेंसी धारण करने के लिए दो महीनों से ईको विलेज-2 स्थित आईवीएफ सेंटर पर इलाज करा रही थी. आरोपी प्रियरंजन ठाकुर सेंटर के एमडी थे. उन्हीं की देखरेख में महिला का इलाज डॉ सुशील लखनपाल द्वारा किया जा रहा था. जांच के दौरान महिला के इलाज में भारी लापरवाही का पता चला है. सेंटर पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं थी, जिसके कारण महिला गलत उपचार से कोमा में चली गई. बाद में यर्थाथ अस्पताल में मौत हो गई. उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि कि जांच में प्राथमिक तौर पर आईवीएफ सेंटर संचालक एवं एमडी प्रियरंजन ठाकुर को दोषी पाया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच में और जो भी दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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