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नोएडा: स्वास्थ्य विभाग और प्राधिकरण की अनदेखी का शिकार पोस्टमार्टम हाउस!

नोएडा सेक्टर 94 में बना पोस्टमार्टम हाउस इस कदर बहाल है कि वहां न तो डेड बॉडी के लिए डीप फ्रीजर है और ना ही जनरेटर की सुविधा. ऐसे में पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों को भी काफी परेशानी हो रही है.

poor condition of postmortem house
अनदेखी का शिकार पोस्टमार्टम हाउस
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Published : Sep 27, 2020, 3:27 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले का एकमात्र पोस्टमार्टम हाउस बदहाली के आंसू बहा रहा है. जहां सुविधाओं के नाम पर मात्र खानापूर्ति है. पोस्टमार्टम हाउस में सुविधा ना होने के चलते कमरों में बॉडी यूं ही रख दिया जाता है. अनुमान के मुताबिक रोजाना पोस्टमार्टम के लिए चार से पांच बॉडी आती हैं. जिसमें अधिकारियों द्वारा यह भी निर्देश दिए जाते हैं कि रात में पर्याप्त रोशनी के अंदर पोस्टमार्टम किया जाए लेकिन रोशनी के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति है.

अनदेखी का शिकार पोस्टमार्टम हाउस

सेक्टर 94 का बदहाल पोस्टमार्टम हाउस
दरअसल नोएडा का सेक्टर 94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस का ये हाल स्वास्थ्य विभाग और प्राधिकरण की अनदेखी के कारण है. पोस्टमार्टम हाउस में न तो जनरेटर की सुविधा है, ना ही बॉडी रखने के लिए डीप फ्रीजर और पानी की सुविधा है. पोस्टमार्टम हाउस में सबसे बड़ी समस्या डीप फ्रीजर की है, पहले डीप फ्रीजर खराब हुआ तो नया लाया गया लेकिन करीब 6 महीने से पैक रखा हुआ है, जिसे लगाने की जहमत भी अब तक नहीं किसी ने उठाई.

कबाड़ में तब्दील हुआ जनरेटर

इतना ही नहीं बिजली न होने पर जनरेटर की सुविधा भी नहीं है क्योंकि जरनेटर कबाड़ में तब्दील हो गया है. पोस्टमार्टम हाउस पर लगे करीब आधा दर्जन से अधिक एसी का हाल यह है कि कवर तो है लेकिन अंदर एसी नहीं है. जिसके चलते गर्मी में शव का पोस्टमार्टम डॉक्टर और कर्मचारियों को मजबूरी में करना पड़ता है.वही अगर रात में शव रखा गया या अज्ञात शव है और काफी दिन तक रखना है तो कोई सुविधा नहीं है. इसके अलावा न तो वाटर कूलर और ना ही शौचालय है.

किस की निगरानी में है पोस्टमार्टम हाउस
पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से इनकार कर दिया, हालांकि उन्होंने इतना जरूर बताया कि इसका देखरेख नोएडा प्राधिकरण के हाथ में है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधीन आता है. लेकिन उनकी अनदेखी से ये बदहाल है.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले का एकमात्र पोस्टमार्टम हाउस बदहाली के आंसू बहा रहा है. जहां सुविधाओं के नाम पर मात्र खानापूर्ति है. पोस्टमार्टम हाउस में सुविधा ना होने के चलते कमरों में बॉडी यूं ही रख दिया जाता है. अनुमान के मुताबिक रोजाना पोस्टमार्टम के लिए चार से पांच बॉडी आती हैं. जिसमें अधिकारियों द्वारा यह भी निर्देश दिए जाते हैं कि रात में पर्याप्त रोशनी के अंदर पोस्टमार्टम किया जाए लेकिन रोशनी के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति है.

अनदेखी का शिकार पोस्टमार्टम हाउस

सेक्टर 94 का बदहाल पोस्टमार्टम हाउस
दरअसल नोएडा का सेक्टर 94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस का ये हाल स्वास्थ्य विभाग और प्राधिकरण की अनदेखी के कारण है. पोस्टमार्टम हाउस में न तो जनरेटर की सुविधा है, ना ही बॉडी रखने के लिए डीप फ्रीजर और पानी की सुविधा है. पोस्टमार्टम हाउस में सबसे बड़ी समस्या डीप फ्रीजर की है, पहले डीप फ्रीजर खराब हुआ तो नया लाया गया लेकिन करीब 6 महीने से पैक रखा हुआ है, जिसे लगाने की जहमत भी अब तक नहीं किसी ने उठाई.

कबाड़ में तब्दील हुआ जनरेटर

इतना ही नहीं बिजली न होने पर जनरेटर की सुविधा भी नहीं है क्योंकि जरनेटर कबाड़ में तब्दील हो गया है. पोस्टमार्टम हाउस पर लगे करीब आधा दर्जन से अधिक एसी का हाल यह है कि कवर तो है लेकिन अंदर एसी नहीं है. जिसके चलते गर्मी में शव का पोस्टमार्टम डॉक्टर और कर्मचारियों को मजबूरी में करना पड़ता है.वही अगर रात में शव रखा गया या अज्ञात शव है और काफी दिन तक रखना है तो कोई सुविधा नहीं है. इसके अलावा न तो वाटर कूलर और ना ही शौचालय है.

किस की निगरानी में है पोस्टमार्टम हाउस
पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से इनकार कर दिया, हालांकि उन्होंने इतना जरूर बताया कि इसका देखरेख नोएडा प्राधिकरण के हाथ में है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधीन आता है. लेकिन उनकी अनदेखी से ये बदहाल है.

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