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नोएडा: स्मॉग और फॉग का 'ड्यूल अटैक', दिन में छाई सफेद चादर

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक ख़राब श्रेणी में पहुंच गया है. नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 283 और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के करीब दर्ज किया गया है.

Pollution levels are increasing in Noida
नोएडा में प्रदूषण का स्तर
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Published : Feb 19, 2021, 10:29 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुबह से सफेद चादर छाई हुई है. स्मॉग और फॉग के 'दोहरे अटैक' की वजह से हवा जहां एक बार फिर प्रदूषित हो गई, वहीं दूसरी तरफ कोहरे ने भी दस्तक दी है. प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हो गए हैं.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक खराब श्रेणी में पहुंच गया है. नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 283 और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के करीब पहुंच गया है. आंकड़े सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट से लिए गए हैं.




'नोएडा में दर्ज AQI'

नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं, जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का AQI 309, सेक्टर 125 का स्टेशन काम नहीं कर रहा, सेक्टर 1 स्टेशन का AQI 317 और सेक्टर 116 का स्टेशन पर 256 AQI दर्ज किया गया है. ग्रेटर नोएडा से भी ज़्यादा प्रदूषित नोएडा है.

'ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI'

सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III का स्टेशन काम नहीं कर रहा और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 282 दर्ज किया गया है. पिछले हफ्ते के मुकाबले प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है वायु की रफ्तार थमने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली से प्रदूषित नोएडा और ग्रेटर नोएडा, खराब श्रेणी में AQI


'सफेद चादर से ढका शहर'

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का ग्राफ पिछले कई दिनों से बढ़ता जा रहा है. नोएडा/ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण ख़राब श्रेणी में बना हुआ है। प्रदूषण स्तर बेहद भयावह है. स्मॉग और फॉग के 'ड्यूल अटैक' ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

ये भी पढ़ें:-नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का कहर, 400 के पार पहुंचा AQI

प्राधिकरण और UPPCB ग्रेप की अनदेखी पर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बुजुर्ग, बच्चे, ह्रदय रोगी सहित अस्थमेटिक मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुबह से सफेद चादर छाई हुई है. स्मॉग और फॉग के 'दोहरे अटैक' की वजह से हवा जहां एक बार फिर प्रदूषित हो गई, वहीं दूसरी तरफ कोहरे ने भी दस्तक दी है. प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हो गए हैं.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक खराब श्रेणी में पहुंच गया है. नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 283 और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के करीब पहुंच गया है. आंकड़े सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट से लिए गए हैं.




'नोएडा में दर्ज AQI'

नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं, जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का AQI 309, सेक्टर 125 का स्टेशन काम नहीं कर रहा, सेक्टर 1 स्टेशन का AQI 317 और सेक्टर 116 का स्टेशन पर 256 AQI दर्ज किया गया है. ग्रेटर नोएडा से भी ज़्यादा प्रदूषित नोएडा है.

'ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI'

सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III का स्टेशन काम नहीं कर रहा और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 282 दर्ज किया गया है. पिछले हफ्ते के मुकाबले प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है वायु की रफ्तार थमने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली से प्रदूषित नोएडा और ग्रेटर नोएडा, खराब श्रेणी में AQI


'सफेद चादर से ढका शहर'

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का ग्राफ पिछले कई दिनों से बढ़ता जा रहा है. नोएडा/ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण ख़राब श्रेणी में बना हुआ है। प्रदूषण स्तर बेहद भयावह है. स्मॉग और फॉग के 'ड्यूल अटैक' ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

ये भी पढ़ें:-नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का कहर, 400 के पार पहुंचा AQI

प्राधिकरण और UPPCB ग्रेप की अनदेखी पर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बुजुर्ग, बच्चे, ह्रदय रोगी सहित अस्थमेटिक मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

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