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इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त 'पॉलिसी मेकर्स' इन बातों का रखें ख्याल, स्पेशल रिपोर्ट

नोएडा में बन रही इंफोटेनमेंट सिटी को बसाने के लिए किन बातो का ध्यान रखा जाना चाहिए इसको लेकर ईटीवी भारत ने रियल स्टेट एक्सपर्ट और टाउन प्लानर ललित से बातचीत की है.

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इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त 'पॉलिसी मेकर्स' इन बातों का रखें खयाल
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Published : Oct 4, 2020, 2:16 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट इंफोटेनमेंट सिटी यमुना प्राधिकरण के अंतर्गत क्षेत्र सेक्टर 21 में बसाई जा रही है. बता दें कि एक हजार एकड़ में बसाई जाएगी इंफोटेनमेंट सिटी. लेकिन इंफोटेनमेंट सिटी बसाने से पहले पॉलिसी मेकर्स को एक बात को जहन में रखना बहुत जरूरी है कि जो गलती नोएडा सेक्टर 16 फिल्म सिटी बसाते समय हुई. बता दें कि सेक्टर 16 में भी फिल्म सिटी बसाई जानी थी जो अब कॉरपोरेट हब और मीडिया हब बनकर रह गया है.

टाउन प्लानर ललित से बातचीत
'सख्त पॉलिसी की जरूरत'
रियल स्टेट एक्सपर्ट और टाउन प्लानर ललित ने इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त अपने किन बातों का ख्याल रखना होगा इसकी लिस्ट तैयार की गई है. पॉलिसी ड्राफ्टिंग में किस तरह के प्रावधान बेहद जरूरी है इसपर बात करते हुए बताया कि रियल स्टेट एक्सपोर्ट और टाउन प्लानर ललित ने बताया कि बेहद जरूरी है कि फिल्म सिटी बस जाने के बाद फिल्म जगत से जुड़े इसके लिए इस जमीन को लोगों को अलॉट करवाया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में जमीन का दुरुपयोग ना हो सके. उन्होंने कहा कि सेक्टर 16 में बसाई गई फिल्म सिटी से पॉलिसीमेकर्स को सीख लेनी चाहिए ताकि सेक्टर 21 में बसाई जा रही इन्फोटेनमेंट फिल्म सिटी में कोई चूक ना हो.




इन बातों का रखें ख्याल

1. फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को ही जमीन आवंटित की जाए.
2. सख्त लैंड पॉलिसी की जरूरत, ताकि अच्छे भाव मिलने पर इन्वेस्टर्स जमीन बेच ना दें.
3. आर्किटेक्चर दृष्टिकोण से भी ध्यान रखना होगा कि इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त आसपास के इलाकों में 20-30 मालों की इमारत न खड़े हों.
4.लैंड देते वक्त ध्यान रखना होगा कि प्राइवेट प्लेयर्स 10-15 साल तक एग्जिट न कर सके.
5.कनेक्टिविटी के हर विकल्प तलाशने होंगे.
6.जेवर एयरपोर्ट में इंटरनेशनल-बिज़नेस सहित डोमेस्टिक फ्लाइट का विकल्प बहुत जरूरी.
7.इंफोटेनमेंट सिटी में शुरुआती तौर पर छूट या सब्सिडी भी देना होगा ताकि मायानगरी के बड़े प्लेयर्स को आकर्षित किया जा सके.
8.इंफोटेनमेंट सिटी के साथ ही आसपास के क्षेत्रों को भी विकल्प करने पर भी विचार करना होगा ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट इंफोटेनमेंट सिटी यमुना प्राधिकरण के अंतर्गत क्षेत्र सेक्टर 21 में बसाई जा रही है. बता दें कि एक हजार एकड़ में बसाई जाएगी इंफोटेनमेंट सिटी. लेकिन इंफोटेनमेंट सिटी बसाने से पहले पॉलिसी मेकर्स को एक बात को जहन में रखना बहुत जरूरी है कि जो गलती नोएडा सेक्टर 16 फिल्म सिटी बसाते समय हुई. बता दें कि सेक्टर 16 में भी फिल्म सिटी बसाई जानी थी जो अब कॉरपोरेट हब और मीडिया हब बनकर रह गया है.

टाउन प्लानर ललित से बातचीत
'सख्त पॉलिसी की जरूरत'
रियल स्टेट एक्सपर्ट और टाउन प्लानर ललित ने इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त अपने किन बातों का ख्याल रखना होगा इसकी लिस्ट तैयार की गई है. पॉलिसी ड्राफ्टिंग में किस तरह के प्रावधान बेहद जरूरी है इसपर बात करते हुए बताया कि रियल स्टेट एक्सपोर्ट और टाउन प्लानर ललित ने बताया कि बेहद जरूरी है कि फिल्म सिटी बस जाने के बाद फिल्म जगत से जुड़े इसके लिए इस जमीन को लोगों को अलॉट करवाया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में जमीन का दुरुपयोग ना हो सके. उन्होंने कहा कि सेक्टर 16 में बसाई गई फिल्म सिटी से पॉलिसीमेकर्स को सीख लेनी चाहिए ताकि सेक्टर 21 में बसाई जा रही इन्फोटेनमेंट फिल्म सिटी में कोई चूक ना हो.




इन बातों का रखें ख्याल

1. फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को ही जमीन आवंटित की जाए.
2. सख्त लैंड पॉलिसी की जरूरत, ताकि अच्छे भाव मिलने पर इन्वेस्टर्स जमीन बेच ना दें.
3. आर्किटेक्चर दृष्टिकोण से भी ध्यान रखना होगा कि इंफोटेनमेंट सिटी बसाते वक्त आसपास के इलाकों में 20-30 मालों की इमारत न खड़े हों.
4.लैंड देते वक्त ध्यान रखना होगा कि प्राइवेट प्लेयर्स 10-15 साल तक एग्जिट न कर सके.
5.कनेक्टिविटी के हर विकल्प तलाशने होंगे.
6.जेवर एयरपोर्ट में इंटरनेशनल-बिज़नेस सहित डोमेस्टिक फ्लाइट का विकल्प बहुत जरूरी.
7.इंफोटेनमेंट सिटी में शुरुआती तौर पर छूट या सब्सिडी भी देना होगा ताकि मायानगरी के बड़े प्लेयर्स को आकर्षित किया जा सके.
8.इंफोटेनमेंट सिटी के साथ ही आसपास के क्षेत्रों को भी विकल्प करने पर भी विचार करना होगा ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.

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