नई दिल्ली/नोएडा: एसएसपी ने पुलिस के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कार में लिफ्ट लेने के बहाने लोगों को बलात्कार के झूठे आरोप में फंसाता था. ये गिरोह बलात्कार के आरोप में फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल किया करता था.
मामले में सेक्टर-44 पुलिस चौकी के इंचार्ज, तीन सिपाही, पीसीआर चालक और दो महिलाओं सहित 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए लोगों के पास से रिश्वत में ली गई 50 हजार रुपये की नकदी और पीड़ित की कार बरामद हुई है.
जानें क्या था मामला
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि पुलिसिया गिरोह की कुछ दिनों से शिकायत आ रही थी. इस गिरोह में शामिल लड़कियां साजिश के तहत अकेले कार में जा रहे युवकों से लिफ्ट लेकर उनकी कार में बैठ जाती थी. थोड़ी दूर जाने के बाद सेक्टर-44 पुलिस चौकी के सामने पहुंचते ही लड़की शोर मचाने लगती और कहती कि मदद के बहाने उसके साथ दुष्कर्म किया गया है.
उसके बाद चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी उस व्यक्ति को गाड़ी सहित चौकी पर ले जाते. चौकी पर निर्धारित भूमिका में एक व्यक्ति अधिवक्ता के तौर पर लड़की की तरफ से आकर बलात्कार का प्रार्थना पत्र देता. इसके बाद पुलिसकर्मी आरोपी को बलात्कार के आरोप में जेल भेजने की धमकी देते. इस बीच कुछ लोग वहां आकर बिचौलिये की भूमिका निभाने लगते और बलात्कार का मुकदमा दर्ज ना करने की एवज में पैसे की मांग करते थे.
3 गाड़ियां बरामद
मामले में गिरफ्तार लोगों में सेक्टर-44 के चौकी प्रभारी उप-निरीक्षक सुनील शर्मा, कांस्टेबल मनोज कुमार, जगजीत सिंह, देवेंद्र कुमार, पीसीआर ड्राइवर विपिन सिंह, दुर्गेश कुमार और राजेश के अलावा सलीम सतीश उर्फ अंकित हरिओम शर्मा, सुरेश कुमार, देशराज, विनीता और पूजा शामिल हैं. इनके कब्जे से पीड़ित से वसूली गई 50 हजार की नकदी और 3 गाड़ियां बरामद की गई हैं.
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में सतीश उर्फ अंकित, सतीश की पत्नी विनीता और पूजा पहले से ही इस तरह के काम में लिप्त रहे हैं. फरीदाबाद में वर्ष 2014 और 2017 में इसी प्रकार से पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने के मामले में जेल भी जा चुके हैं. फिलहाल जांच जारी है और इस मामले से जुड़ी बाकी जानकारी जुटाई जा रही है.