नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर जिले को 13 जनवरी, 2019 को कमिश्नरी लागू कर दी गई. आलोक सिंह को जिले का पुलिस कमिश्नर बनाया गया. जिनके नेतृत्व में पुलिस ने काम करना शुरू कर दिया. अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई. पुलिस आयुक्त प्रणाली की स्थापना के एक महीने में स्टडी के बाद पुलिसिंग ढांचा तैयार किया गया.
तीन भागों में बांटा गया जिला
गौतमबुद्ध नगर जिले में कमिश्नरी लागू होने के बाद जिले को तीन भागों में बांटा गया. जिसमें नोएडा, मध्य नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभाजित कर डीसीपी नियुक्त किए गए. जिनकी मदद के लिए एडिशनल डीसीपी और एसीपी नियुक्त किए गए. इस विकेंद्रीकरण से जनता अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के पास आसानी से पहुंच सकती है. वहीं दूसरा सुधार साइबर क्राइम ट्रैफिक महिला सुरक्षा और गंभीर अपराधों के लिए विशेष समानांतर व्यवस्था की गई. जिसका पर्यवेक्षण डीसीपी रैंक के अधिकारी करते हैं.
पुलिस कमिश्नरी की एक साल की प्रोग्रेस रिपोर्ट
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद राजपत्रित अधिकारियों के पदों में 23 तथा समस्त अराजपत्रित अधिकारियों की उपलब्धता में 1163 की वृद्धि हुई है. डायल 112 के वाहनों में 2019 के सापेक्ष 2020 में 40 वाहनों की वृद्धि हुई. जिससे किसी भी घटना में पुलिस का रिस्पांस टाइम कम हुआ. जनपद में यातायात सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य 30 बाइक उपलब्ध कराई गईं और ट्रैफिक पुलिस बल में भी बढ़ोतरी की गई. इसके साथ ही डकैती, लूट, स्नैचिंग, वाहन चोरी और अन्य चोरी के मामलों में भी कमी आई. साथ ही हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती, अपहरण, बलात्कार के मामले 2019 की तुलना में 2020 में कम हुए.
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2019 की तुलना में 2020 में अपराध पर लगी लगाम
पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि 2019 की तुलना में 2020 में अपराध पर काफी अंकुश लगा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जनपद में कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था भविष्य में कायम करने एवं अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नरेट की नई कार्य योजनाओं में 11 थाने दो पुलिस चौकियों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. जिसमें भूमि आदि के चयन का कार्य पूर्ण हो चुका है. इसमें से पांच थाने जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी में स्थापित किए जाएंगे.