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नोएडा: बिहार ले जाने के नाम पर पैसे ऐंठने वाले दो गिरफ्तार, एक फरार

डीसीपी सेंट्रल जोन हरीश चंद्र ने बताया कि इनके द्वारा आर्थिक लाभ कमाने की नीयत से यह काम किया गया था. इनके द्वारा जो भी दस्तावेज मौके पर दिखाए गए उसकी जांच की गई तो पूरा मामला फर्जी पाया गया.

Noida Police Station Phase-2 caught two people who were trying to take money under the pretext of taking them home in lockdown.
नोएडा : बिहार ले जाने के नाम पर पैसे ऐंठने वाले दो गिरफ्तार, एक फरार
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Published : May 9, 2020, 8:12 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के थाना फेस-2 पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान फ्री बस सेवा के नाम पर पैसे ऐंठने और अवैध तरीके से लोगों को बिहार ले जाने के मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दो बसें भी जब्त की है. मामले में एक आरोपी फरार है जो बस का मालिक बताया जा रहा है.

बिहार ले जाने के नाम पर ठगी

भंगेल दादरी सूरजपुर रोड का मामला

जानकारी के अनुसार थाना फेस-2 पुलिस को भंगेल दादरी सूरजपुर रोड पर दो प्राइवेट बसें दिखीं. बसों में बैनर लगाए गए थे, जिसके मुताबिक ये बसें बिहार सरकार द्वारा दिल्ली, यूपी, गौतमबुद्ध नगर से मजदूरों को बिहार ले जाने के लए चलाई जा रही हैं. इन बसों में कुछ लोग बैठने के लिए चढ़ रहे थे. दोनो बसों की खिड़कियों पर खडे़ व्यक्ति आवाज लगा रहे थे कि बिहार के लिए फ्री सेवा है, जल्दी बैठो.

प्रति व्यक्ति वसूल रहे थे 3 हजार

इसके बाद पुलिस द्वारा बस के अंदर बैठी कुछ सवारियों से जब जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि ये लोग प्रति व्यक्ति से 3 हजार रुपये किराया वसूल रहे हैं. दोनों व्यक्तियों से बसों को ले जाने के संबंध में अनुमति दिखाने के लिए कहा गया तो इसी दौरान एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल में जिलाधिकारी सिवान (बिहार) के द्वारा जारी पास की कॉपी दिखाई. जैसे ही इस व्यक्ति से इसकी मूल प्रति दिखाने को कहा गया तो व्यक्ति मूल प्रति बस के अंदर से लाने की बात कहकर भाग गया और अपना मोबाइल फोन भी छोड़ गया.

जांच में फर्जी निकला पास

बाद में पुलिस ने दोनों ड्राइवरों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि यह बस मालिक था, जिन्हें हम मोनू नाम से जानते हैं. डिस्पले पर दिखाए गए पास के संबंध में पता लगाया तो जिलाधिकारी सिवान द्वारा ऐसा कोई वाहन पास जारी ही नहीं किया गया था.

मामले में वकील खान पुत्र जमील खान निवासी ग्राम नाहल थाना मसूरी गजियाबाद और राशिद पुत्र अब्दुल कलाम निवासी ग्राम सफियाबाद थाना मुडानी मेरठ को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही एचआर 38 जेड 1101 और एचआर 38 जेड 1105 नंबर की बसें भी जब्त कर ली गई हैं.

डीसीपी सेंट्रल का बयान

डीसीपी सेंट्रल जोन हरीश चंद्र ने बताया कि इनके द्वारा आर्थिक लाभ कमाने की नीयत से यह काम किया गया था. इनके द्वारा जो भी दस्तावेज मौके पर दिखाए गए उसकी जांच की गई तो पूरा मामला फर्जी पाया गया. दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420/468/188/269/ 270/271 के तहत थाना फेस-2 पर मुकदमा लिखा गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के थाना फेस-2 पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान फ्री बस सेवा के नाम पर पैसे ऐंठने और अवैध तरीके से लोगों को बिहार ले जाने के मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दो बसें भी जब्त की है. मामले में एक आरोपी फरार है जो बस का मालिक बताया जा रहा है.

बिहार ले जाने के नाम पर ठगी

भंगेल दादरी सूरजपुर रोड का मामला

जानकारी के अनुसार थाना फेस-2 पुलिस को भंगेल दादरी सूरजपुर रोड पर दो प्राइवेट बसें दिखीं. बसों में बैनर लगाए गए थे, जिसके मुताबिक ये बसें बिहार सरकार द्वारा दिल्ली, यूपी, गौतमबुद्ध नगर से मजदूरों को बिहार ले जाने के लए चलाई जा रही हैं. इन बसों में कुछ लोग बैठने के लिए चढ़ रहे थे. दोनो बसों की खिड़कियों पर खडे़ व्यक्ति आवाज लगा रहे थे कि बिहार के लिए फ्री सेवा है, जल्दी बैठो.

प्रति व्यक्ति वसूल रहे थे 3 हजार

इसके बाद पुलिस द्वारा बस के अंदर बैठी कुछ सवारियों से जब जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि ये लोग प्रति व्यक्ति से 3 हजार रुपये किराया वसूल रहे हैं. दोनों व्यक्तियों से बसों को ले जाने के संबंध में अनुमति दिखाने के लिए कहा गया तो इसी दौरान एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल में जिलाधिकारी सिवान (बिहार) के द्वारा जारी पास की कॉपी दिखाई. जैसे ही इस व्यक्ति से इसकी मूल प्रति दिखाने को कहा गया तो व्यक्ति मूल प्रति बस के अंदर से लाने की बात कहकर भाग गया और अपना मोबाइल फोन भी छोड़ गया.

जांच में फर्जी निकला पास

बाद में पुलिस ने दोनों ड्राइवरों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि यह बस मालिक था, जिन्हें हम मोनू नाम से जानते हैं. डिस्पले पर दिखाए गए पास के संबंध में पता लगाया तो जिलाधिकारी सिवान द्वारा ऐसा कोई वाहन पास जारी ही नहीं किया गया था.

मामले में वकील खान पुत्र जमील खान निवासी ग्राम नाहल थाना मसूरी गजियाबाद और राशिद पुत्र अब्दुल कलाम निवासी ग्राम सफियाबाद थाना मुडानी मेरठ को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही एचआर 38 जेड 1101 और एचआर 38 जेड 1105 नंबर की बसें भी जब्त कर ली गई हैं.

डीसीपी सेंट्रल का बयान

डीसीपी सेंट्रल जोन हरीश चंद्र ने बताया कि इनके द्वारा आर्थिक लाभ कमाने की नीयत से यह काम किया गया था. इनके द्वारा जो भी दस्तावेज मौके पर दिखाए गए उसकी जांच की गई तो पूरा मामला फर्जी पाया गया. दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420/468/188/269/ 270/271 के तहत थाना फेस-2 पर मुकदमा लिखा गया है.

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