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ऑपरेशन मुस्कानः नोएडा पुलिस ने गुमशुदा 78 बच्चों को परिवारों से मिलवाया

नोएडा पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 78 गुमशुदा बच्चों को बरामद कर, परिवारों से मिलाया है. पुलिस के इस कार्य की परिजनों ने जमकर सराहना की है. ऑपरेशन मुस्कान के एक महीने के अभियान में करीब 40 टीमें बनाई गईं थीं.

noida police recovered 78 missing childs under operation muskan
नोएडा पुलिस की मेहनत रंग लाई
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Published : Jul 24, 2021, 10:25 PM IST

नई दिल्ली/ नोएडा : पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान चलाकर 78 गुमशुदा बच्चों को बरामद कर, पीड़ित परिवारों के चेहरों पर खुशी लौटाई है. लापता बच्चों को बरामद करने वाली टीम और अधिकारियों को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने सम्मानित भी किया है. पुलिस कमिश्नर की तरफ से, इन लोगों को नगद पुरुस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. यह सम्मान समारोह नोएडा के सेक्टर-108 स्थित कमिश्नर कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया था.

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर ने ऑपरेशन मुस्कान चलाकर, उन परिवारों को खुशी दी है, जिन्होंने बच्चों को पाने की उम्मीद खो दी थी. पुलिस के, इस कार्य की पीड़ित परिजनों ने जमकर सराहना की है. ऑपरेशन मुस्कान में ट्रैकिंग, ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी की विशेष भूमिका रही. ऑपरेशन मुस्कान के एक महीने के अभियान में करीब 40 टीमें बनाई गई थीं, जो बच्चों को ढूंढने और परिवार से मिलाने का काम करने में लगी हुई थीं.

नोएडा पुलिस की मशक्कत रंग लाई

लापता बच्चों को बरामद करने के लिए सभी थाना स्तर पर एक टीम बनाई गई. टीम को एक माह के लिए ऑपरेशन मुस्कान में लगाया गया. टीम से कहा गया कि सिर्फ अपने क्षेत्र से गुम हुए बच्चों को तलाश कर, उन्हें बरामद करें. वहीं, सम्मान पाकर पुलिसकर्मी काफी उत्साहित हैं. उन्हें आगे बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी मिली है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली: एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बिछड़े बच्चे को परिजनों से मिलवाया

पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि सभी बच्चे अलग-अलग कारणों से परिवार से अलग हो गए थे. बच्चों के घर छोड़ने का प्रमुख कारण परिजनों की डांट थी. वहीं, कुछ बच्चे ऐसे थे, जो स्वयं ही घूमने के लिए आसपास के क्षेत्र में गए और रास्ता भटक गए थे. इसके चलते वह घर नहीं पहुंच पाए. वहीं, तमाम बच्चों में एक ऐसा बच्चा था, जो मूक बधिर था. पुलिस टीम ने आठ घंटे में परिजनों को खोजकर, उन तक पहुंचाने का काम किया.

आलोक सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल सुरक्षा की पुलिस उपायुक्त वृंदा शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. इसमें गुमशुदा बच्चों की बरामदगी एवं सेल्टर होम्स में रह रहे बच्चों को परिवारों से मिलाने का उद्देश्य था.

ये भी पढ़ें : पुलिस ने परिजनों से मिलाए बिछड़े बच्चे, परिवार के चेहरे पर लौटी मुस्कान

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस अभियान में साल 2020 और 2021 में बच्चों की गुमशुदगी के संबंध में पंजीकृत मुकदमे में 47 बच्चों की बरामदगी की गई है. इसके अलावा (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) एएचटीयू द्वारा विभिन्न शेल्टर होम में रह रहे 21 बच्चे, जो परिजनों से बिछड़ गए थे. उन्हें परिवार से मिलाया गया. इस अभियान के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौराहे, ढाबे, मॉल, मेट्रो स्टेशन के आसपास घूमते फिरते 10 बच्चों को भी परिवार से मिलाया गया. ऑपरेशन मुस्कान-4 के अंतर्गत कुल 78 बच्चों को परिजनों से मिलाने का काम किया गया है. यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा.

नई दिल्ली/ नोएडा : पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान चलाकर 78 गुमशुदा बच्चों को बरामद कर, पीड़ित परिवारों के चेहरों पर खुशी लौटाई है. लापता बच्चों को बरामद करने वाली टीम और अधिकारियों को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने सम्मानित भी किया है. पुलिस कमिश्नर की तरफ से, इन लोगों को नगद पुरुस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. यह सम्मान समारोह नोएडा के सेक्टर-108 स्थित कमिश्नर कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया था.

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर ने ऑपरेशन मुस्कान चलाकर, उन परिवारों को खुशी दी है, जिन्होंने बच्चों को पाने की उम्मीद खो दी थी. पुलिस के, इस कार्य की पीड़ित परिजनों ने जमकर सराहना की है. ऑपरेशन मुस्कान में ट्रैकिंग, ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी की विशेष भूमिका रही. ऑपरेशन मुस्कान के एक महीने के अभियान में करीब 40 टीमें बनाई गई थीं, जो बच्चों को ढूंढने और परिवार से मिलाने का काम करने में लगी हुई थीं.

नोएडा पुलिस की मशक्कत रंग लाई

लापता बच्चों को बरामद करने के लिए सभी थाना स्तर पर एक टीम बनाई गई. टीम को एक माह के लिए ऑपरेशन मुस्कान में लगाया गया. टीम से कहा गया कि सिर्फ अपने क्षेत्र से गुम हुए बच्चों को तलाश कर, उन्हें बरामद करें. वहीं, सम्मान पाकर पुलिसकर्मी काफी उत्साहित हैं. उन्हें आगे बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी मिली है.

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पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि सभी बच्चे अलग-अलग कारणों से परिवार से अलग हो गए थे. बच्चों के घर छोड़ने का प्रमुख कारण परिजनों की डांट थी. वहीं, कुछ बच्चे ऐसे थे, जो स्वयं ही घूमने के लिए आसपास के क्षेत्र में गए और रास्ता भटक गए थे. इसके चलते वह घर नहीं पहुंच पाए. वहीं, तमाम बच्चों में एक ऐसा बच्चा था, जो मूक बधिर था. पुलिस टीम ने आठ घंटे में परिजनों को खोजकर, उन तक पहुंचाने का काम किया.

आलोक सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल सुरक्षा की पुलिस उपायुक्त वृंदा शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. इसमें गुमशुदा बच्चों की बरामदगी एवं सेल्टर होम्स में रह रहे बच्चों को परिवारों से मिलाने का उद्देश्य था.

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पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस अभियान में साल 2020 और 2021 में बच्चों की गुमशुदगी के संबंध में पंजीकृत मुकदमे में 47 बच्चों की बरामदगी की गई है. इसके अलावा (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) एएचटीयू द्वारा विभिन्न शेल्टर होम में रह रहे 21 बच्चे, जो परिजनों से बिछड़ गए थे. उन्हें परिवार से मिलाया गया. इस अभियान के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौराहे, ढाबे, मॉल, मेट्रो स्टेशन के आसपास घूमते फिरते 10 बच्चों को भी परिवार से मिलाया गया. ऑपरेशन मुस्कान-4 के अंतर्गत कुल 78 बच्चों को परिजनों से मिलाने का काम किया गया है. यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा.

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