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नोएडा में जिला अस्पताल के गेट पर मां ने बच्चे को दिया जन्म, हुई मौत

गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से ग्रसित एक महिला को भर्ती करने की बदले अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसे टरका दिया. जिसके चलते बताया जा रहा है कि महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया, जहां बच्चे की मौत हो गई.

Noida mother gave birth on the gate of hospital, child die
जिला अस्पताल की सीएमएस वंदना शर्मा
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Published : Jun 5, 2020, 7:36 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से ग्रसित एक महिला को भर्ती करने की बदले अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसे टरका दिया. जिसके चलते बताया जा रहा है कि महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया, जहां बच्चे की मौत हो गई.

अस्पताल के गेट पर मां ने बच्चे को दिया जन्म


अस्पताल की लापरवाही

नोएडा के सेक्टर 30 स्थित राजकीय जिला चिकित्सालय में रात करीब 10 बजे शैलेंद्र नाम के व्यक्ति अपने 23 वर्षीय पत्नी पूनम को प्रसव पीड़ा के दौरान लेकर आए, जहां अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें प्रसूति विभाग में भेज दिया. जहां तैनात नर्सिंग स्टाफ ने महिला का ब्लड प्रेशर चेक किया. बताया जा रहा है कि महिला का ब्लड प्रेशर काफी हाई था. इसके बावजूद भी उस महिला को किसी भी डॉक्टर कर्मचारी ने कोई देखरेख नहीं की और उसे ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल भेज दिया. महिला को पति अस्पताल के गेट पर महिला को लेकर जैसे ही पहुंचा, महिला को प्रसव पीड़ा तेज हुई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. जिसकी मौके पर ही मौत हो गई. पीड़ित अपनी पत्नी को और मरे हुए बच्चे को लेकर वहां से चला गया.

प्रसूति विभाग के रजिस्टरों की जांच

मामला जब तूल पकड़ा तो जिला अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और आनन-फानन में अस्पताल के सारे रजिस्टर चेक किए जाने लगे. बता दें कि शुरुआती दौर में अस्पताल के कर्मचारियों का कहना था कि इस तरह की कोई महिला अस्पताल में आई ही नहीं, पर जब प्रसूति विभाग के रजिस्टरों की जांच की गई तो महिला का नाम, पति का नाम और उसका पता भी मिल गया. इस संबंध में पीड़ित ने अभी फिलहाल कहीं शिकायत नहीं की है.



सीएमएस का कहना
जिला अस्पताल की लापरवाही से एक महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म देना और बच्चे की मौत व अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों के महिला का इलाज न किए जाने के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने जिला अस्पताल की सीएमएस वंदना शर्मा से बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि इस तरह की लापरवाही अस्पताल कर्मचारियों ने क्यों की. जबकि इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं अस्पताल में हो चुकी है.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से ग्रसित एक महिला को भर्ती करने की बदले अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसे टरका दिया. जिसके चलते बताया जा रहा है कि महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया, जहां बच्चे की मौत हो गई.

अस्पताल के गेट पर मां ने बच्चे को दिया जन्म


अस्पताल की लापरवाही

नोएडा के सेक्टर 30 स्थित राजकीय जिला चिकित्सालय में रात करीब 10 बजे शैलेंद्र नाम के व्यक्ति अपने 23 वर्षीय पत्नी पूनम को प्रसव पीड़ा के दौरान लेकर आए, जहां अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें प्रसूति विभाग में भेज दिया. जहां तैनात नर्सिंग स्टाफ ने महिला का ब्लड प्रेशर चेक किया. बताया जा रहा है कि महिला का ब्लड प्रेशर काफी हाई था. इसके बावजूद भी उस महिला को किसी भी डॉक्टर कर्मचारी ने कोई देखरेख नहीं की और उसे ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल भेज दिया. महिला को पति अस्पताल के गेट पर महिला को लेकर जैसे ही पहुंचा, महिला को प्रसव पीड़ा तेज हुई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. जिसकी मौके पर ही मौत हो गई. पीड़ित अपनी पत्नी को और मरे हुए बच्चे को लेकर वहां से चला गया.

प्रसूति विभाग के रजिस्टरों की जांच

मामला जब तूल पकड़ा तो जिला अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और आनन-फानन में अस्पताल के सारे रजिस्टर चेक किए जाने लगे. बता दें कि शुरुआती दौर में अस्पताल के कर्मचारियों का कहना था कि इस तरह की कोई महिला अस्पताल में आई ही नहीं, पर जब प्रसूति विभाग के रजिस्टरों की जांच की गई तो महिला का नाम, पति का नाम और उसका पता भी मिल गया. इस संबंध में पीड़ित ने अभी फिलहाल कहीं शिकायत नहीं की है.



सीएमएस का कहना
जिला अस्पताल की लापरवाही से एक महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म देना और बच्चे की मौत व अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों के महिला का इलाज न किए जाने के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने जिला अस्पताल की सीएमएस वंदना शर्मा से बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि इस तरह की लापरवाही अस्पताल कर्मचारियों ने क्यों की. जबकि इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं अस्पताल में हो चुकी है.

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