नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा में जहर फिर से घुलने लगी है. दिल्ली से ज़्यादा प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हो गए हैं. वायु प्रदूषण का ग्राफ रेड अलर्ट की तरफ संकेत कर रहा है. वहीं हालही में आई वर्ल्ड एयर क्वालिटी 2020 की रिपोर्ट काफी चिंताजनक है.
नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक ' रेड ज़ोन' यानि ख़राब श्रेणी में पहुंच गया है. नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 324 और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 के करीब पहुंच गया है. आंकड़े सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट से लिए गए हैं.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किये हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का काम नहीं कर रहा और सेक्टर 125 का AQI 312 दर्ज़ किया गया है. सेक्टर 1 स्टेशन का AQI 297 और सेक्टर 116 का स्टेशन पर 364 AQI दर्ज़ है. ग्रेटर नोएडा से भी ज़्यादा प्रदूषित नोएडा है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं. जिसमें नॉलेज पार्क-III का स्टेशन काम नहीं कर रहा और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 दर्ज़ किया गया है. पिछले हफ्ते के मुकाबले प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है वायु की रफ्तार थमने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.
रेड जोन में शहर
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का ग्राफ पिछले कई दिनों से बढ़ता जा रहा है. नोएडा/ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण रेड ज़ोन में बना हुआ है. प्रदूषण स्तर बेहद भयावह हो चला है. स्मॉग की चादर से शहर सुबह और शाम ढका दिखाई देता है. प्राधिकरण और UPPCB ग्रेप की अनदेखी पर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बुजुर्ग, बच्चे, ह्रदय रोगी सहित अस्थमेटिक मरीज़ों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.