नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के थाना बादलपुर पुलिस ने एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के चार बदमाशाें को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पांच मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, घटना में प्रयुक्त कार बरामद की गयी है. थाना बादलपुर पुलिस द्वारा सादुल्लापुर रेलवे फाटक के पास से राकेश दिवाकर निवासी बुलन्दशहर, ऋषभ पाण्डेय निवासी जिला बलिया, पिन्टू यादव निवासी बिहार और मनीष निवासी जिला आजमगढ़ को गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए आरोपियों में मनीष पूर्व में भी कई बार जेल जा चुका है.
गिरफ्तार अभियुक्ताें ने पूछताछ के दौरान बताया गया कि उनका तीन-चार व्यक्तियों का ग्रुप है. उनका एक व्यक्ति एटीएम में पहले घुस कर एटीएम कार्ड ENTER की जगह एलफी डाल देता है. जब एटीएम धारक एटीएम से पैसे निकालने के लिए कार्ड को मशीन में ENTER करता है तो उसका कार्ड मशीन में एलफी के कारण चिपक जाता है. फिर एक दूसरा व्यक्ति पैसे निकालने के बहाने एटीएम जाता, तथा एटीएम में मौजूद व्यक्ति से हेल्प करने के बहाने अपने ही साथी का नम्बर हेल्पलाईन के नाम से दे देता.
और जब वह व्यक्ति उस पर कॉल करता है तो हमारा साथी उसे 2-3 घण्टे बाद टेक्नीशियन स्टाफ आने के लिए बोलता है. उस व्यक्ति से एटीएम में ENTER + CLEAR + अपना ATM PIN डालने को बोलता. उसी दौरान पीछे खड़ा उसका साथी सहायता करने के बहाने पिन नम्बर देख लेता था. और जब वह व्यक्ति अपना एटीएम छोड़कर चला जाता है तो उस एटीएम कार्ड को वे लाेग निकाल लेते और उससे शॉपिंग करते व कैश निकालते.
क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर ठगीः
नोएडा के थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 ने हरियाणा के रोहतक निवासी रोहित उर्फ सोनू पुत्र जसवीर को रोहतक से गिरफ्तार किया है. आरोपी द्वारा लोगों को क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने का ऑफर देने के नाम पर लिंक भेज कर धोखाधड़ी करता था. आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद निवासी विमल सक्सेना ने चार जून को साइबर क्राइम थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर आराेपी काे गिरफ्तार किया.
आरोपी द्वारा पीड़ित को लिंक भेजकर उसके साथ एक लाख 13 हजार 499 रुपये की धोखाधड़ी किया था. आरोपी के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल बरामद किया है. साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी सहयोगियों की मदद से बैंकों से क्रेडिट कार्ड का डाटा प्राप्त कर कार्ड होल्डर को लिमिट बढ़ाने का ऑफर देता था. उसके बाद उनसे कार्ड से संबंधित और ओटीपी लिंक भेज कर कार्ड से पैसे बैंक खातों से ट्रांसफर कर दिए जाते.