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नोएडा: कोरोना संकट की वजह से बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान, जाने कैसे

नोएडा चीफ इंजीनियर वीएन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान कमर्शियल गतिविधियां पूरी तरीके से बंद थी. ऐसे में बिजली विभाग को राजस्व की कहीं ना कहीं हानि हुई है. मॉल, होटल, शॉपिंग कांप्लेक्स और बड़े रेस्टोरेंट सभी बंद थे. ऐसे में गर्मियों में इन सभी स्थानों पर बिजली की खपत ज्यादा होती थी.

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बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान
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Published : Aug 30, 2020, 1:01 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना संकट में लॉकडाउन के दौरान सरकारी विभागों पर राजस्व का संकट भी मंडरा रहा है. नोएडा के बिजली विभाग की बात करें, तो लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयां, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स बंद होने के चलते बिजली विभाग को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है. आंकलन के दौरान जो आंकड़े निकल कर आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. बिजली विभाग को तकरीबन 350 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है.

बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान

बिजली विभाग पर राजस्व संकट

नोएडा चीफ इंजीनियर वीएन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल महीने तक पूर्ण रूप से लॉकडाउन रहा. ऐसे में मई और जून महीने के दौरान बिल बनाने का काम शुरू किया गया. ऑनलाइन बिलिंग की व्यवस्था भी की गई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बिजली का बिल जमा करें. शहरी क्षेत्रों में तकरीबन 70 फीसद लोगों ने ऑनलाइन के माध्यम से पेमेंट की, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बकाया की राशि ज्यादा है.

350 करोड़ के राजस्व की हानि


चीफ इंजीनियर ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान कमर्शियल गतिविधियां पूरी तरीके से बंद थी. ऐसे में बिजली विभाग को राजस्व की कहीं ना कहीं हानि हुई है. मॉल, होटल, शॉपिंग कांप्लेक्स और बड़े रेस्टोरेंट सभी बंद थे. ऐसे में गर्मियों में इन सभी स्थानों पर बिजली की खपत ज्यादा होती थी.

जिससे की बिजली विभाग को राजस्व के रूप में आमदनी होती है. लेकिन लॉकडाउन पीरियड के दौरान ये सब बंद थे. ऐसे में रिकवरी रेट पर काफी फर्क पड़ा है. जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान में कमर्शियल गतिविधियां बंद होने के चलते बिजली विभाग को तकरीबन 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.




ग्रामीण इलाकों में 250 करोड़ का बकाया

नोएडा के शहरी क्षेत्रों में रिकवरी बहुत बेहतर रही. बिजली विभाग लगातार कॉलिंग और मैसेज के माध्यम से लोगों से संपर्क कर रहा है. वहीं ग्रामीण इलाकों में अभी भी रिकवरी रेट संतोषजनक नहीं है. उसके लिए बिजली विभाग लगातार प्रयासरत है. बिल जमा करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम भी निकाली गई है. चीफ इंजीनियर ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तकरीबन 250 करोड़ से ज्यादा का बकाया है.

नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना संकट में लॉकडाउन के दौरान सरकारी विभागों पर राजस्व का संकट भी मंडरा रहा है. नोएडा के बिजली विभाग की बात करें, तो लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयां, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स बंद होने के चलते बिजली विभाग को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है. आंकलन के दौरान जो आंकड़े निकल कर आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. बिजली विभाग को तकरीबन 350 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है.

बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान

बिजली विभाग पर राजस्व संकट

नोएडा चीफ इंजीनियर वीएन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल महीने तक पूर्ण रूप से लॉकडाउन रहा. ऐसे में मई और जून महीने के दौरान बिल बनाने का काम शुरू किया गया. ऑनलाइन बिलिंग की व्यवस्था भी की गई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बिजली का बिल जमा करें. शहरी क्षेत्रों में तकरीबन 70 फीसद लोगों ने ऑनलाइन के माध्यम से पेमेंट की, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बकाया की राशि ज्यादा है.

350 करोड़ के राजस्व की हानि


चीफ इंजीनियर ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान कमर्शियल गतिविधियां पूरी तरीके से बंद थी. ऐसे में बिजली विभाग को राजस्व की कहीं ना कहीं हानि हुई है. मॉल, होटल, शॉपिंग कांप्लेक्स और बड़े रेस्टोरेंट सभी बंद थे. ऐसे में गर्मियों में इन सभी स्थानों पर बिजली की खपत ज्यादा होती थी.

जिससे की बिजली विभाग को राजस्व के रूप में आमदनी होती है. लेकिन लॉकडाउन पीरियड के दौरान ये सब बंद थे. ऐसे में रिकवरी रेट पर काफी फर्क पड़ा है. जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान में कमर्शियल गतिविधियां बंद होने के चलते बिजली विभाग को तकरीबन 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.




ग्रामीण इलाकों में 250 करोड़ का बकाया

नोएडा के शहरी क्षेत्रों में रिकवरी बहुत बेहतर रही. बिजली विभाग लगातार कॉलिंग और मैसेज के माध्यम से लोगों से संपर्क कर रहा है. वहीं ग्रामीण इलाकों में अभी भी रिकवरी रेट संतोषजनक नहीं है. उसके लिए बिजली विभाग लगातार प्रयासरत है. बिल जमा करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम भी निकाली गई है. चीफ इंजीनियर ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तकरीबन 250 करोड़ से ज्यादा का बकाया है.

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